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पीलीभीत: सिंचाई विभाग में करोड़ों का घोटाला, डीएम ने दिए जांच के आदेश - श्रमदान के नाम पर करोड़ों का घोटाला

पीलीभीत जिले में खनन माफिया और अधिकारियों की सांठगांठ एक बार फिर से सामने आई है. सिंचाई विभाग में श्रमदान के नाम पर करोड़ों का घोटाला किया गया, जिसके बाद डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं.

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सिंचाई विभाग में करोड़ो का घोटाला.
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Published : Dec 17, 2019, 9:17 AM IST

पीलीभीत: योगी सरकार अवैध खनन को रोकने के लिए तमाम प्रयास कर रही है, लेकिन शासन की मंशा को पलीता लगाने का काम कुछ अफसर अभी भी कर रहे हैं. इसकी बानगी जनपद के कमरिया क्षेत्र में देखने को मिल रही है, जहां पर शारदा सागर खंड के अफसरों ने डीबी फीडर नहर की सीट सफाई के नाम पर ठेकेदारों से मिलकर करोड़ों का घोटाला किया.

जानकारी देते जिलाधिकारी .
सिचाई विभाग में घोटाला
जिले की डीबी फीडर नहर में 14 दिसंबर को पानी छोड़ा जाना था. 21 अक्टूबर को 2.57 लाख घन मीटर की सफाई के लिए टेंडर किया गया था. पैसों के बंदरबांट के लिए 55 रूपये प्रति घन मीटर की दर से रॉयल्टी निर्धारित की गई, जबकि खनन विभाग की रॉयल्टी दर 375 रूपये प्रति घन मीटर है. 10 ठेकेदारों ने अधिकारियों की मिलीभगत से 21 किलोमीटर तक पोकलैंड और जेसीबी से नहर की खुदाई और इस सफाई को श्रमदान का नाम दिया.


मामला संज्ञान में आया है. जांच खनन अधिकारी को दे दी गई है.
-वैभव श्रीवास्तव,जिलाधिकारी

पीलीभीत: योगी सरकार अवैध खनन को रोकने के लिए तमाम प्रयास कर रही है, लेकिन शासन की मंशा को पलीता लगाने का काम कुछ अफसर अभी भी कर रहे हैं. इसकी बानगी जनपद के कमरिया क्षेत्र में देखने को मिल रही है, जहां पर शारदा सागर खंड के अफसरों ने डीबी फीडर नहर की सीट सफाई के नाम पर ठेकेदारों से मिलकर करोड़ों का घोटाला किया.

जानकारी देते जिलाधिकारी .
सिचाई विभाग में घोटाला
जिले की डीबी फीडर नहर में 14 दिसंबर को पानी छोड़ा जाना था. 21 अक्टूबर को 2.57 लाख घन मीटर की सफाई के लिए टेंडर किया गया था. पैसों के बंदरबांट के लिए 55 रूपये प्रति घन मीटर की दर से रॉयल्टी निर्धारित की गई, जबकि खनन विभाग की रॉयल्टी दर 375 रूपये प्रति घन मीटर है. 10 ठेकेदारों ने अधिकारियों की मिलीभगत से 21 किलोमीटर तक पोकलैंड और जेसीबी से नहर की खुदाई और इस सफाई को श्रमदान का नाम दिया.


मामला संज्ञान में आया है. जांच खनन अधिकारी को दे दी गई है.
-वैभव श्रीवास्तव,जिलाधिकारी

Intro:योगी सरकार अवैध खनन को रोकने के लिए तमाम प्रयास कर रही है लेकिन सिस्टम किसी की सुन नहीं रहा है शासन की मंशा को पलीता लगाने के काम कुछ अफसर अभी भी कर रहे हैं इसकी बानगी कमरिया क्षेत्र में देखने को मिल रही है जहां पर शारदा सागर खंड के अफसरों ने डीबी फीडर नहर की सीट सफाई के नाम पर ठेकेदारों से मिलकर करोड़ों की रेत का खेल किया


Body:डीबी फीडर नहर में 14 दिसंबर को पानी छोड़ा जाना था 21 अक्टूबर को 2.57 लाख घन मीटर की सफाई के लिए टेंडर किया गया पैसों के बंदरबांट के लिए ₹55 प्रति घन मीटर की दर से रॉयल्टी निर्धारित की गई जबकि खनन विभाग की रॉयल्टी दर ₹375 प्रति घन मीटर है 10 ठेकेदारों ने अधिकारियों की मिलीभगत से 21 किलोमीटर तक पोकलैंड और जेसीबी से खोद डाला और इस सफाई को श्रमदान का नाम दे दिया वहीं जिले के जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है जांच खनन अधिकारी को दे दी गई है

पीलीभीत जिले में खनन माफिया अधिकारियों की सांठगांठ एक बार फिर से सामने आई है सरकार को राजस्व का नुकसान करा था पूरे सिंडिकेट में 10 करोड़ का बंदरबांट कर लिया अब देखने वाली बात यह है कि इतनी बड़ी संख्या में बंदरबांट हुआ और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी


Conclusion:जानकारी देते हुए पीलीभीत जिला अधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि मामला बेहद गंभीर है मीडिया की खबरों के द्वारा इस मामला संज्ञान में आया है संबंधित अधिकारी को पूरी पत्रावली प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है बहुत जल्द पूरी जांच कर कार्रवाई की जाएगी

बाइट- जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव

नोट- विसुअल व्रेप से भेजे जा रहे हैं, उपरोक्त स्लग के माध्यम से, कृपया विसुअल व्रेप से उठाने का कष्ट करें, धन्यवाद
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