पीलीभीत: जिले में नाबालिग छात्रा के साथ गैंगरेप (Pilibhit gang rape case) के बाद हत्या के मामले में लापरवाही बरतने वाले दारोगा और थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया गया है. एसपी द्वारा 5 दिन बाद की गई इस कार्रवाई से जिले में हड़कंप का माहौल है.
बीते शनिवार को पीलीभीत के बरखेड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव की रहने वाली एक 16 वर्षीय छात्रा घर से कोचिंग जाने के लिए निकली थी. देर शाम छात्रा का शव गांव के पास ही स्थित गन्ने के खेत में बरामद हुआ था. परिजनों ने गैंगरेप के बाद हत्या का आरोप लगाया था, जिसके बाद पुलिस ने परिजनों से मिली तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया था.
पूरे मामले में परिजनों समेत विपक्ष के नेताओं ने स्थानीय पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था. परिजनों व नेताओं का आरोप था कि पुलिस बिना फॉरेंसिक टीम को बुलाए शव को मौके से उठा ले गई थी. पूरे मामले में घटना के 5 दिन बाद एसपी दिनेश पी ने लापरवाही बरतने वाले थाना अध्यक्ष धीरज सोलंकी और दारोगा सतविंदर सिंह को सस्पेंड कर दिया है. एसपी की इस कार्रवाई से जिले में हड़कंप का माहौल है.
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खुलासे के लिए लगाए गए तीन आईपीएस
गैंगरेप के बाद हत्या के मामले का खुलासा करने के लिए एडीजी अविनाश चंद्र के निर्देश पर पीलीभीत के एसपी दिनेश पी समेत बरेली के एसएसपी रोहित सजवान और शाहजहांपुर के एसएसपी एस आनंद को लगाया गया है. इसके साथ ही पीलीभीत बरेली और शाहजहांपुर जिले की कई टीमें भी घटना के खुलासे के लिए काम कर रही हैं. रेंज के आईजी रमित शर्मा भी खुद पीलीभीत में कैंप कर पूरे मामले में पुलिस की प्रोग्रेस की निगरानी कर रहे हैं.
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