पीलीभीत: जिले के विकास भवन प्रभारी डीपीआरओ प्रमोद कुमार यादव लगातार अपने कारनामों की वजह से सुर्खियों में बने रहते है. इस बार उच्च अधिकारियों के बिना किसी अनुमोदन पर प्रभारी डीपीआरओ ने मृतक आश्रित को नौकरी दे दी, जिसके बाद प्रमोद यादव फिर से सुर्खियों में आ गए. इस पर जिलाधिकारी पुलकित खरे ने प्रमेद यादव से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है.
जानें पूरा मामला
बिलसंडा ब्लॉक में तैनात पंचायत सचिव रजत सक्सेना 29 जुलाई की सुबह शहर स्थित आवास से ड्यूटी पर जा रहे थे. रास्ते में उनकी तबीयत खराब हो गई. बिलसंडा ब्लॉक पहुंचते ही उनकी तबीयत और ज्यादा खराब हो गई और इस दौरान उनकी मौत हो गई. डॉक्टरों ने मौत का कारण हार्टअटैक बताया. इसके बाद मृतक आश्रित के तौर पर उसके परिवार के सदस्यों में से किसी एक सदस्य को नौकरी दी जानी थी. दी जाने वाली नौकरी में प्रभारी डीपीआरओ प्रमोद कुमार यादव कारनामा कर बैठे. पंचायत सचिव की मौत के बाद उसकी बेटी को पात्र मानते हुए उसे नौकरी दे दी गई, लेकिन मामला बुरी तरह फंस गया और विवादों में घिर गया. बता दें कि प्रभारी डीपीआरओ सीधे तौर पर किसी की भर्ती करने का अधिकार नहीं रखते हैं, क्योंकि प्रभार के तौर पर उन्हें डीपीआरओ का चार्ज मिला हुआ है और कोई भी प्रभार वाला चार्ज नौकरी देने के लिए मान्य नहीं होता है.
सीडीओ के माध्यम से इस प्रकरण की जानकारी हुई है. मामला बेहद गंभीर है. इस संबंध में प्रभारी डीपीआरओ से जवाब तलब किया गया है. पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
पुल्कित खरे, डीएम