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लगातार बारिश से नदियों का बढ़ा जलस्तर, पानी में डूबीं फसलें

बारिश और डैम से पानी छोड़े जाने के कारण पीलीभीत जिले से होकर गुजरने वाली नदियां उफान पर हैं. नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने से किसानों की फसलें जलमग्न हो गईं हैं.

नदियों का जलस्तर बढ़ने से किसानों की फसलें डूबीं
नदियों का जलस्तर बढ़ने से किसानों की फसलें डूबीं
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Published : Jul 21, 2021, 6:19 PM IST

पीलीभीत : जनपद में बीते रविवार से बारिश हो रही है. मूसलाधार बारिश होने से नदी-नाले सभी उफान पर हैं. वहीं पहाड़ों से बहकर आने वाले पानी से नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इसके कारण किसानों की चिंताएं बढ़ गईं हैं. बता दें कि पीलीभीत जनपद में बीते रविवार से लगातार बारिश हो रही है. लगातार बारिश होने के कारण स्थानीय लोगों व किसानों की मुसीबतें बढ़ गई हैं.

पीलीभीत जनपद की सीमा से होकर शारदा और देवहा दो नदियां बहतीं हैं. शारदा नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में लगभग 25 से अधिक गांव बसे हैं. नदी में जलस्तर बढ़ने से प्रतिवर्ष किनारे बसे गांव जलमग्न हो जाते हैं. जिसके कारण कुछ ग्रामीणों को अपने घरों को छोड़कर कहीं दूसरी जगह आशियाना बनाना पड़ता है. तटवर्ती गांवों में रह रहे ग्रामीणों को जलभराव की समस्या से प्रतिवर्ष गुजरना पड़ता है. सरकार की तरफ से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

नदियों का जलस्तर बढ़ने से फसलें डूबीं

खेतों के जलमग्न होने से फसलें हो जातीं हैं बर्बाद

पीलीभीत जनपद के किसानों को प्रतिवर्ष जलभराव की समस्या से जूझना पड़ता है. इस बार भी मानसूनी बारिश की शुरुआत में ही जलभराव हो गया है. देवहा नदी के तटवर्तीय व निचले इलाकों में खेतों के ऊपर से पानी बह रहा है. जिसके कारण किसानों की परेशानी बढ़ गई है. किसानों का कहना है कि लंबे समय तक खेतों में पानी भरे रहने से फसलें नष्ट हो जाएंगी.

बीते मंगलवार को देर रात बनबसा बैराज से शारदा नदी में 1 लाख 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. इसके अलावा बनबसा बैराज का जलस्तर बढ़ने से 30 हजार क्यूसेक पानी शारदा नदी में छोड़ा गया है. बारिश और पानी छोड़े जाने से दोनों नदियां उफान पर हैं. जलस्तर बढ़ने पर नानकमत्ता सागर डैम से भी देवहा नदी में 5 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया था. वहीं मंगलवार की देर रात को एक बार फिर नदी में पानी डिस्चार्ज होने से अब देवहा नदी का भी जलस्तर बढ़ रहा है.

इसे पढ़ें- BJP MLA संजय सिंह ने कसा अखिलेश यादव पर तंज, कहा- जो पिता और चाचा का न हुआ वो जनता का क्या होगा

पीलीभीत : जनपद में बीते रविवार से बारिश हो रही है. मूसलाधार बारिश होने से नदी-नाले सभी उफान पर हैं. वहीं पहाड़ों से बहकर आने वाले पानी से नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इसके कारण किसानों की चिंताएं बढ़ गईं हैं. बता दें कि पीलीभीत जनपद में बीते रविवार से लगातार बारिश हो रही है. लगातार बारिश होने के कारण स्थानीय लोगों व किसानों की मुसीबतें बढ़ गई हैं.

पीलीभीत जनपद की सीमा से होकर शारदा और देवहा दो नदियां बहतीं हैं. शारदा नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में लगभग 25 से अधिक गांव बसे हैं. नदी में जलस्तर बढ़ने से प्रतिवर्ष किनारे बसे गांव जलमग्न हो जाते हैं. जिसके कारण कुछ ग्रामीणों को अपने घरों को छोड़कर कहीं दूसरी जगह आशियाना बनाना पड़ता है. तटवर्ती गांवों में रह रहे ग्रामीणों को जलभराव की समस्या से प्रतिवर्ष गुजरना पड़ता है. सरकार की तरफ से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

नदियों का जलस्तर बढ़ने से फसलें डूबीं

खेतों के जलमग्न होने से फसलें हो जातीं हैं बर्बाद

पीलीभीत जनपद के किसानों को प्रतिवर्ष जलभराव की समस्या से जूझना पड़ता है. इस बार भी मानसूनी बारिश की शुरुआत में ही जलभराव हो गया है. देवहा नदी के तटवर्तीय व निचले इलाकों में खेतों के ऊपर से पानी बह रहा है. जिसके कारण किसानों की परेशानी बढ़ गई है. किसानों का कहना है कि लंबे समय तक खेतों में पानी भरे रहने से फसलें नष्ट हो जाएंगी.

बीते मंगलवार को देर रात बनबसा बैराज से शारदा नदी में 1 लाख 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. इसके अलावा बनबसा बैराज का जलस्तर बढ़ने से 30 हजार क्यूसेक पानी शारदा नदी में छोड़ा गया है. बारिश और पानी छोड़े जाने से दोनों नदियां उफान पर हैं. जलस्तर बढ़ने पर नानकमत्ता सागर डैम से भी देवहा नदी में 5 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया था. वहीं मंगलवार की देर रात को एक बार फिर नदी में पानी डिस्चार्ज होने से अब देवहा नदी का भी जलस्तर बढ़ रहा है.

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