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जब रक्षक बना भक्षक तब अक्लमंद पिता ने बचाई अपने बच्चे की जान, जानें कैसे

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक डायग्नोस्टिक सेंटर पर गर्भवती महिला के जीवित बच्चे को मृत घोषित करने का मामला सामने आया है. गर्भवती महिला के पति को डॉक्टर की कार्यशैली पर शक हुआ तो उसने दो अलग-अलग जगहों पर अपनी पत्नी का अल्ट्रासाउंड कराया.

डीएम वैभव श्रीवास्तव.
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Published : Sep 2, 2019, 9:21 PM IST

पीलीभीत: जनपद में एक डायग्नोस्टिक सेंटर पर अल्ट्रासाउंड की गलत रिपोर्ट देने का मामला सामने आया है. अल्ट्रासाउंड में गर्भवती महिला के बच्चे को मृत घोषित कर दिया. डीएम ने सीएमओ को जांच के आदेश दिए हैं.

गर्भवती महिला के जीवित बच्चे को रिपोर्ट में मृत घोषित किया.

दरअसल थाना न्यूरिया क्षेत्र में नदीम नाम के युवक ने अपनी गर्भवती पत्नी को शहर के एक नर्सिंग होम में ले गया. नर्सिंग होम में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. परजीत कौर ने गर्भवती महिला को अपने करीबी एक डायग्नोस्टिक सेंटर पर अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी. 24 जुलाई को महिला का अल्ट्रासाउंड हुआ, जिसकी रिपोर्ट में बच्चे को मृत दिखाया गया.

डॉक्टर ने गर्भपात कराने का बनाया दबाव-

रिपोर्ट में बच्चे के मृत होने की खबर लगते ही महिला और उसके परिजनों ने डॉक्टर को अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट दिखाई. रिपोर्ट देखकर डॉक्टर ने महिला को उसकी ही जान का खतरा बताकर गर्भपात कराने का दबाव बनाया. इसके बाद महिला और उसके परिजन सदमे में आ गए लेकिन गर्भवती महिला के पति को डॉक्टर की कार्यशैली पर शक हुआ.

दूसरी रिपोर्ट में बच्चा स्वस्थ पाया गया-

25 जुलाई को नदीम ने गहोनिया स्थित प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर और 26 जुलाई को जिला अस्पताल में पत्नी का फिर से अल्ट्रासाउंड कराया. दोनों जगह की रिपोर्ट नॉर्मल आई और बच्चा स्वस्थ पाया गया, जिससे गर्भवती महिला का पति नदीम असमंजस में पड़ गया. इसके बाद नदीम गर्भ में बच्चे को मृत घोषित कर चुकी डॉक्टर के पास पहुंचा. इसके बाद डॉक्टर ने अपने करीबी डायग्नोस्टिक की रिपोर्ट को फिर से सही बताया और जल्द से जल्द गर्भपात कराने की सलाह दी.

मुख्यमंत्री पोर्टल पर नदीम ने की शिकायत-

मृत बच्चे की रिपोर्ट से आहत हुए नदीम ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर डॉक्टर और डायग्नोस्टिक सेंटर का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की. इसके साथ ही नदीम ने अपने साथ हुए फर्जीवाड़े की शिकायत जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव और मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीमा अग्रवाल से की.

अल्ट्रासाउंड के फर्जी रिपोर्ट का मामला है. सीएमओ को कहा गया है कि मामले की जांच की जाए. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
वैभव श्रीवास्तव, डीएम

पीलीभीत: जनपद में एक डायग्नोस्टिक सेंटर पर अल्ट्रासाउंड की गलत रिपोर्ट देने का मामला सामने आया है. अल्ट्रासाउंड में गर्भवती महिला के बच्चे को मृत घोषित कर दिया. डीएम ने सीएमओ को जांच के आदेश दिए हैं.

गर्भवती महिला के जीवित बच्चे को रिपोर्ट में मृत घोषित किया.

दरअसल थाना न्यूरिया क्षेत्र में नदीम नाम के युवक ने अपनी गर्भवती पत्नी को शहर के एक नर्सिंग होम में ले गया. नर्सिंग होम में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. परजीत कौर ने गर्भवती महिला को अपने करीबी एक डायग्नोस्टिक सेंटर पर अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी. 24 जुलाई को महिला का अल्ट्रासाउंड हुआ, जिसकी रिपोर्ट में बच्चे को मृत दिखाया गया.

डॉक्टर ने गर्भपात कराने का बनाया दबाव-

रिपोर्ट में बच्चे के मृत होने की खबर लगते ही महिला और उसके परिजनों ने डॉक्टर को अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट दिखाई. रिपोर्ट देखकर डॉक्टर ने महिला को उसकी ही जान का खतरा बताकर गर्भपात कराने का दबाव बनाया. इसके बाद महिला और उसके परिजन सदमे में आ गए लेकिन गर्भवती महिला के पति को डॉक्टर की कार्यशैली पर शक हुआ.

दूसरी रिपोर्ट में बच्चा स्वस्थ पाया गया-

25 जुलाई को नदीम ने गहोनिया स्थित प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर और 26 जुलाई को जिला अस्पताल में पत्नी का फिर से अल्ट्रासाउंड कराया. दोनों जगह की रिपोर्ट नॉर्मल आई और बच्चा स्वस्थ पाया गया, जिससे गर्भवती महिला का पति नदीम असमंजस में पड़ गया. इसके बाद नदीम गर्भ में बच्चे को मृत घोषित कर चुकी डॉक्टर के पास पहुंचा. इसके बाद डॉक्टर ने अपने करीबी डायग्नोस्टिक की रिपोर्ट को फिर से सही बताया और जल्द से जल्द गर्भपात कराने की सलाह दी.

मुख्यमंत्री पोर्टल पर नदीम ने की शिकायत-

मृत बच्चे की रिपोर्ट से आहत हुए नदीम ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर डॉक्टर और डायग्नोस्टिक सेंटर का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की. इसके साथ ही नदीम ने अपने साथ हुए फर्जीवाड़े की शिकायत जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव और मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीमा अग्रवाल से की.

अल्ट्रासाउंड के फर्जी रिपोर्ट का मामला है. सीएमओ को कहा गया है कि मामले की जांच की जाए. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
वैभव श्रीवास्तव, डीएम

Intro:पीलीभीत के थाना सुनगड़ी क्षेत्र से धरती का भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर का शर्मनाक चेहरा सामने आया है जिसमें डॉक्टरों और डायग्नोस्टिक सेंटरों का खेल भी देखने को मिला है, जिसको लेकर पीलीभीत की जनता प्राइवेट अस्पतालों से लेकर डायग्नोस्टिक सेंटर मैं भी जाने से डर रहे हैं, जिसमे गर्भ में पल रहे जीवित बच्चे की म्रत होने की फर्जी रिपोर्ट बना कर दे दी गयी, ओर फर्जी जांच रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर ने भी महिला को गर्भपात कराने का जोर दिया, देखिए रिपोर्ट...




Body:मामला कुछ यूं है कि थाना न्यूरिया क्षेत्र के रहने वाले नदीम अहमद अपनी गर्भवती पत्नी नेहा परवीन को शहर के गुरुनानक नर्सिंग होम की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ परजीत कौर को दिखाने गई जहां पर महिला डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड के लिए अपने करीबी ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर पर महिला को अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी, जिससे 24 जुलाई को ओजस्वी डायग्नोस्टिक पर महिला का अल्ट्रासाउंड हुआ जिसकी रिपोर्ट में बच्चे को म्रत दिखाया गया रिपोर्ट में बच्चे के म्रत की खबर लगते ही महिला और उसके परिवार जनों ने डॉ को अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट दिखाई, रिपोर्ट देखकर डॉक्टर ने महिला को उसकी ही जान का खतरा बताकर गर्भपात कराने का दबाव बनाया, जिससे महिला और उसके परिवारजन सदमे में आ गए, लेकिन नदीम को डाक्टर की कार्यशैली पर शक हुआ

फिर नदीम ने अपनी गर्भवति पत्नी का 25 जुलाई को गहोनिया स्थित प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर फिर 26 जुलाई को जिला अस्पताल में पत्नी का फिर से अल्ट्रासाउंड कराया दोनों जगह की रिपोर्ट नॉर्मल आई और बच्चा स्वस्थ पाया गया जिससे नदीम असमंजस में पड़ गया और फिर से बच्चे को मृत घोषित कर चुकी डॉक्टर परमजीत कौर के पास पहुंचा लेकिन डॉक्टर ने ओजस्वी डायग्नोस्टिक सेंटर की रिपोर्ट को फिर से सही बताया और जल्द से जल्द गर्भपात कराने की सलाह दी

अपने होने वाले बच्चे मृत रिपोर्ट से आहत हुए नदीम में मुख्यमंत्री पोर्टल पर डॉ परमजीत कौर, ओर ओजस्वी डायग्नोस्टिक के डॉ ओजस्वी शर्मा का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की इसके साथ ही नदीम ने अपने साथ हुए फर्जीवाड़ा कि शिकायत जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव और मुख चिकित्सा अधिकारी सीमा अग्रवाल से की









Conclusion:फर्जी रिपोर्ट की शिकायत पर जिलाधिकारी श्रीवास्तव ने बताया कि शिकायत मिली थी जिसमें फर्जी रिपोर्ट में गर्भ में पल रहे जीवित बच्चे को रिपोर्ट में म्रत दिखा दिया गया था जिसकी जांच मुख चिकित्सा अधिकारी सीमा अग्रवाल को दे दी गई, जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी

बाइट- जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव
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