ETV Bharat / state

पीलीभीत:जिलाधिकारी ने चलाई मुहिम, किसानों को पराली से खाद बनाने का दिखाया डेमो

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने एक मुहिम चलाकर किसानों के सामने पराली से खाद बनाने का डेमो दिखाकर जागरूक किया. उन्होंने किसानों को बताया कि किन-किन तरीको से पराली को उपयोग में लाया जा सकता है.

etv bharat
जिलाधिकारी ने चलाई मुहिम
author img

By

Published : Dec 11, 2019, 12:29 PM IST

पीलीभीत: प्रदेश में लगातार पराली की समस्याओं के चलते किसानों पर मुकदमे दर्ज हो रहे थे. इसके चलते किसान अपनी पराली जलाने से डर रहे थे और सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर काफी चिंतित भी थी. सरकार ने किसानों को पराली से खाद बनाने का डेमो दिखाया था. वहीं आज जिले में जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने मुहिम चलाकर किसानों के सामने पराली से खाद बनाने का डेमो दिखा कर लोगों को जागरूक किया.

जिलाधिकारी ने चलाई मुहिम.

जिलाधिकारी ने किसानों को किया जागरूक

  • जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने कैप्सूल और वेस्ट-डी कंपोजर के संबंध में किसानों को डेमो टेस्ट की जानकारी दी.
  • इस कार्यक्रम में जिला अधिकारी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान पराली खेत में किसी भी दशा में न जलाए.
  • पराली जलाने से भूमी में उपस्थित जैविक कीट और उर्वरक तत्व नष्ट होने के साथ-साथ हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है.
  • फसल अवशेष के उचित प्रबंधन के अनेक उपाय है किसान बंधु उनका उपयोग अवश्य करें.

इसे भी पढ़ें:- पीलीभीत: डीएम ने किसानों को बताई ऐसी तकनीकि, जिससे मिलेगा प्रदूषण से निजात

  • पराली को जैविक खाद के रूप में परिवर्तित करने के लिए किसानों को ₹20 में कैप्सूल उपलब्ध कराया गया.
  • इसका उपयोग एक एकड़ की पराली को 15 दिन में जैविक खाद के रूप में गला कर उपयोग किया जा सकता है.
  • किसान बंधु को वेस्ट-डी कंपोजर नामक दवाई के उपयोग के माध्यम से भी पराली का उचित प्रबंधन कराया जा सकता है.

पीलीभीत: प्रदेश में लगातार पराली की समस्याओं के चलते किसानों पर मुकदमे दर्ज हो रहे थे. इसके चलते किसान अपनी पराली जलाने से डर रहे थे और सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर काफी चिंतित भी थी. सरकार ने किसानों को पराली से खाद बनाने का डेमो दिखाया था. वहीं आज जिले में जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने मुहिम चलाकर किसानों के सामने पराली से खाद बनाने का डेमो दिखा कर लोगों को जागरूक किया.

जिलाधिकारी ने चलाई मुहिम.

जिलाधिकारी ने किसानों को किया जागरूक

  • जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने कैप्सूल और वेस्ट-डी कंपोजर के संबंध में किसानों को डेमो टेस्ट की जानकारी दी.
  • इस कार्यक्रम में जिला अधिकारी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान पराली खेत में किसी भी दशा में न जलाए.
  • पराली जलाने से भूमी में उपस्थित जैविक कीट और उर्वरक तत्व नष्ट होने के साथ-साथ हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है.
  • फसल अवशेष के उचित प्रबंधन के अनेक उपाय है किसान बंधु उनका उपयोग अवश्य करें.

इसे भी पढ़ें:- पीलीभीत: डीएम ने किसानों को बताई ऐसी तकनीकि, जिससे मिलेगा प्रदूषण से निजात

  • पराली को जैविक खाद के रूप में परिवर्तित करने के लिए किसानों को ₹20 में कैप्सूल उपलब्ध कराया गया.
  • इसका उपयोग एक एकड़ की पराली को 15 दिन में जैविक खाद के रूप में गला कर उपयोग किया जा सकता है.
  • किसान बंधु को वेस्ट-डी कंपोजर नामक दवाई के उपयोग के माध्यम से भी पराली का उचित प्रबंधन कराया जा सकता है.
Intro:प्रदेश में लगातार पराली की समस्याओं के चलते किसानों पर मुकदमे दर्ज हो रहे थे जिसके चलते किसान अपनी पराली जलाने से डर रहे थे जिसके चलते सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर काफी चिंतित थी उत्तर प्रदेश सरकार ने पराली से खाद बनाने का डेमो दिखाया जिस पर आज पीलीभीत जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने मुहिम चलाकर किसानों के सामने पराली से खाद बनाने का डेमो दिखा कर लोगों को जागरूक कियाBody:पीलीभीत के जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव की अध्यक्षता में पूरनपुर में पराली के उचित प्रबंधन के लिए निर्मित कैप्सूल एवं वेस्ट डी कंपोजर के संबंध में किसानों को डेमो टेस्ट की जानकारी प्रदान करने के लिए गोष्ठी का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम में जिला अधिकारी द्वारा किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान पराली खेत में किसी भी दशा में ना जलाएं क्योंकि फसल अवशेष को कंपोस्ट खाद के रूप में परिवर्तन करने के संबंध में दी गई फसल अवशेष जलाने से भून में उपस्थित जैविक कीट व उर्वरक तत्व नष्ट होने के साथ-साथ हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है तथा कीट मित्र व उर्वरक तत्व नष्ट होने से अगली फसल की उत्पादकता कम हो जाती है उन्होंने किसान भाइयों को संबोधित करते हुए कहा कि फसल अवशेष के उचित प्रबंधन के अनेक उपाय है किसान बंधु उनका उपयोग अवश्य करें उन्होंने कहा कि पराली के प्रबंधन हेतु प्रसिद्ध वैज्ञानिकों द्वारा प्रणाली को जैविक खाद के रूप में परिवर्तित करने के लिए ₹20 के मूल में कैप्सूल विकसित कर उपलब्ध कराया गया है जिसका उपयोग कर एक एकल की पराली को 15 दिन में जैविक खाद के रूप में गला कर उपयोग किया जा सकता है इसके साथ किसान बंधु वेस्ट डी कंपोजर नामक दवाई के उपयोग के माध्यम से भी प्रणाली का उचित प्रबंधन किया जा सकता है ₹20 के वेस्ट डी कंपोजर के माध्यम से 10 मि. टन पराली को खाद के रूप में परिवर्तित किया जा सकता हैConclusion:मामले की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव बताया कि पराली जला गंभीर समस्या बन चुकी थी जिसके चलते सरकार ने डी कंपोस्ट विधि द्वारा पराली से खाद बनाने की विधि बताई गई जिसके चलते आज डी कंपोस्ट विधि द्वारा पराली से खाद बनाने का डेमो किसानों को दिखाया गया जिससे किसान ज्यादा से ज्यादा जागरूक हुए और पराली न जलाने की बात कही

बाइट-जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.