पीलीभीतः गांवों में विकास नहीं होने की तो बहुत बातें सुनी होंगी आपने लेकिन आज हम आपको ऐसे गांव में ले चलते हैं जहां जाकर आप शहरों को भी भूल जाएंगे. विश्वास ही नहीं होगा की यह उत्तर प्रदेश का एक गांव है. यहां के स्कूल, सड़कों, पंचायत भवन देखकर आपको लगेगा की आप किसी दूसरे ही देश में हैं. इस गांव में विदेशों तक से भ्रमण करने लोग आते हैं. विदेशी सैलानियों के लिए आधुनिक सुविधाओं वाला अतिथि गृह भी है. तो आइए आपको ले चलते हैं पीलीभीत में स्थित माधोटांडा ग्राम पंचायत में. यहां ईटीवी भारत ने भ्रमण किया और ग्रामीणों से मूलभूत सुविधाओं और विकास कार्यों के बारे में जानकारी ली तो बहुत सुखद तस्वीर देखने को मिली.
माधोटांडा ग्राम पंचायत में समाज कल्याण विभाग का राजकीय इंटर कॉलेज है. दूसरी ओर बेसिक शिक्षा के लिए 6 विद्यालय उपलब्ध हैं. समाज के हर वर्ग के लिए रोजगार की व्यवस्था भी इस ग्राम पंचायत में है. इसके अलावा पीलीभीत के जिला प्रशासन के अथक प्रयासों से इस ग्राम पंचायत को पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित करने का कार्य लगातार किया जा रहा है.आपको बता दें कि लखनऊ की शान गोमती नदी का उद्गम स्थल पीलीभीत के इसी छोटे से गांव माधोटांडा में है. यहां जमीन के प्राकृतिक स्रोत से निकलने वाले जल से गोमती नदी का अस्तित्व शुरू होता है. योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद से लगातार गोमती उद्गम स्थल को विकसित करने का कार्य किया जा रहा है. गोमती उद्गम स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में जिला प्रशासन के अथक प्रयासों से विकसित भी किया गया है. अब यहां देश-विदेश से तमाम पर्यटक पहुंचते हैं और एक अनूठे ही दृश्य का आनंद भी उठाते हैं.
ईटीवी भारत की टीम द्वारा जब ग्राम पंचायत का भ्रमण किया गया तो पाया कि ग्राम पंचायत में शिक्षा के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं. बेसिक शिक्षा के लिए 6 से अधिक स्कूल हैं, जिनका विकास कायाकल्प योजना के तहत कराया गया है. स्कूल की रूपरेखा कुछ ऐसी नजर आती है जो किसी इंग्लिश मीडियम स्कूल से कम नहीं है. छात्रों के लिए स्कूल में खेल से लेकर एक अच्छे वातावरण तक की व्यवस्था की गई है ताकि मन लगाकर बच्चे पढ़ाई कर सकें.माधोटांडा, पीलीभीत जिले की एक ऐसी ग्राम पंचायत है, जहां मनरेगा योजना का उपयोग कर आधे से अधिक काम कराए गए हैं. मनरेगा योजना का लाभ उठाकर हर जरूरतमंद व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास जिला प्रशासन द्वारा किया गया है. मनरेगा योजना के अंतर्गत इस ग्राम पंचायत में एक पार्क भी विकसित किया गया है, जो आज बच्चों के खेलने का एक उत्तम स्थान है.
इसके साथ ही मनरेगा योजना के तहत तमाम सड़कें व अन्य तालाबों का भी निर्माण कराया गया है, ताकि समाज के हर वर्ग को रोजगार मिल सके. 25000 लोगों की आबादी वाला माधोटांडा गांव कहने को तो ग्राम पंचायत है पर इस ग्राम पंचायत की सुख-सुविधाएं किसी शहर से कम नहीं है. ग्राम पंचायत के पास एक बेहतर सुविधाओं वाला पंचायत घर भी है. यहां ग्राम पंचायत सदस्य, गांव की विकास योजनाएं बनाते हैं. वहीं यहां आने वाले ग्रामीणों की शिकायतों के निवारण के लिए भी अच्छी व्यवस्था की गई है. इससे ग्रामीण जिला प्रशासन द्वारा किए गए हर प्रयास से सहमत नजर आते हैं.
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पूरे उत्तर प्रदेश में शायद ही ऐसी कोई ग्राम पंचायत हो, जिसने अपने गांव में आने वाले अतिथियों के लिए अतिथि गृह की व्यवस्था की हो, पर माधव टांडा ग्राम पंचायत को जिला प्रशासन के अथक प्रयासों से पर्यटन की दृष्टि से भी विकसित किया जा रहा है. इसके चलते यहां ग्राम पंचायत में आने वाली निधि का उपयोग कर एक अतिथि गृह का भी निर्माण कराया गया है. अतिथि गृह में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं, जहां दो बेडरूम सुविधाओं के साथ अतिथि के स्वागत सत्कार के लिए उत्तम व्यवस्थाएं की गई हैं. बेहद कम खर्च पर अतिथि इस गेस्ट हाउस में रुककर आधुनिक सुख सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं.
इस मामले में ईटीवी भारत के कैमरे पर ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे तमाम बिंदुओं पर विकास कराया गया है. माधोटांडा ग्राम पंचायत में कराए गए विकास का मॉडल पूरे उत्तर प्रदेश में लागू कराने की मांग भी ग्राम पंचायत में रहने वाले लोगों ने की.
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पीलीभीत के मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत कुमार ने पूरे मामले पर बताया है कि जिला प्रशासन द्वारा पीलीभीत में पर्यटन के उत्तम स्रोतों को देखते हुए ग्राम पंचायतों का विकास कराया है. कई ग्राम पंचायतों में पर्यटन के दृष्टिकोण से संसाधनों को विकसित किया गया है.