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भाजपा सांसद वरुण गांधी ने फिर साधा केंद्र सरकार पर निशाना, कहा- रेलवे में पद समाप्‍त करना निजीकरण की तरफ बढ़ता कदम - BJP MP Varun Gandhi

केंद्र की नीतियों की मुखर होकर आलोचना कर रहे सांसद वरुण गांधी ने अब रेलवे में 10 हजार पदों को समाप्त करने के प्रयास पर सरकार पर निशाना साधा है. सांसद ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर लिखा कि यह वित्तीय प्रबंधन है या फिर निजीकरण की तरफ बढ़ाया कदम है.

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Published : May 29, 2022, 2:24 PM IST

पीलीभीत: केंद्र की नीतियों की मुखर होकर आलोचना कर रहे सांसद वरुण गांधी ने अब रेलवे में 10 हजार पदों को समाप्त करने के प्रयास पर सरकार पर निशाना साधा है. सांसद ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर लिखा कि यह वित्तीय प्रबंधन है या फिर निजीकरण की तरफ बढ़ाया कदम है. सांसद ने ट्वीटर किया कि विगत 6 वर्षों में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में 72 हजार पदों को रेलवे समाप्त कर चुका है. अब रेलवे एनसीआर जोन के 10 हजार पदों को भी समाप्त करने जा रहा है. समाप्त होती हर नौकरी रेलवे की तैयारी कर रहे करोड़ों युवाओं की उम्मीदें तोड़ रही है. यह वित्तीय प्रबंधन है या फिर निजीकरण की तरफ बढ़ाया जा रहा कदम है?

सांसद ने बीते दिन भी ट्वीट कर देश में 60 लाख स्वीकृत पद खाली होने पर भी सवाल उठाया था. सांसद ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा था कि जब बेरोजगारी तीन दशकों के सर्वोच्च स्तर पर है, तब यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं. भर्तियां नहीं आने से करोड़ा युवा हताश व निराश हैं. वहीं, सरकारी आंकड़ों की ही मानें तो देश में 60 लाख स्वीकृत पद खाली हैं. कहां गया वो बजट जो इन पदों के लिए आवंटित था. यह जानना हर नौजवान का हक है.

  • विगत 6 वर्षों में तृतीय-चतुर्थ श्रेणी में 72000 हजार पद समाप्त कर चुका रेलवे अब NCR जोन के 10000 पदों को भी समाप्त करने जा रहा है।

    समाप्त होती हर नौकरी रेलवे की तैयारी कर रहे करोड़ों युवाओं की उम्मीदें तोड़ रही है।

    यह ‘वित्तीय प्रबंधन’ है या ‘निजीकरण’ की तरफ बढ़ाया जा रहा कदम? pic.twitter.com/dPBcA3X8qN

    — Varun Gandhi (@varungandhi80) May 29, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गौर हो कि बीते लंबे समय से भाजपा सांसद वरुण गांधी पार्टी लाइन से अलग चल रहे हैं. वह न सिर्फ केंद्र सरकार बल्कि प्रदेश सरकार पर भी विभिन्‍न मुद्दों को लेकर निशाना साधते रहते हैं. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्‍होंने पार्टी प्रत्‍याशियों के समर्थन में प्रचार भी नहीं किया था. पार्टी की तरफ से भी उन्‍हें स्‍टार प्रचारक नहीं बनाया गया था. पार्टी से उनकी बढ़ती दूरियों के चलते आने वाले लोकसभा चुनाव में पीलीभीत में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं.

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पीलीभीत: केंद्र की नीतियों की मुखर होकर आलोचना कर रहे सांसद वरुण गांधी ने अब रेलवे में 10 हजार पदों को समाप्त करने के प्रयास पर सरकार पर निशाना साधा है. सांसद ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर लिखा कि यह वित्तीय प्रबंधन है या फिर निजीकरण की तरफ बढ़ाया कदम है. सांसद ने ट्वीटर किया कि विगत 6 वर्षों में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में 72 हजार पदों को रेलवे समाप्त कर चुका है. अब रेलवे एनसीआर जोन के 10 हजार पदों को भी समाप्त करने जा रहा है. समाप्त होती हर नौकरी रेलवे की तैयारी कर रहे करोड़ों युवाओं की उम्मीदें तोड़ रही है. यह वित्तीय प्रबंधन है या फिर निजीकरण की तरफ बढ़ाया जा रहा कदम है?

सांसद ने बीते दिन भी ट्वीट कर देश में 60 लाख स्वीकृत पद खाली होने पर भी सवाल उठाया था. सांसद ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा था कि जब बेरोजगारी तीन दशकों के सर्वोच्च स्तर पर है, तब यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं. भर्तियां नहीं आने से करोड़ा युवा हताश व निराश हैं. वहीं, सरकारी आंकड़ों की ही मानें तो देश में 60 लाख स्वीकृत पद खाली हैं. कहां गया वो बजट जो इन पदों के लिए आवंटित था. यह जानना हर नौजवान का हक है.

  • विगत 6 वर्षों में तृतीय-चतुर्थ श्रेणी में 72000 हजार पद समाप्त कर चुका रेलवे अब NCR जोन के 10000 पदों को भी समाप्त करने जा रहा है।

    समाप्त होती हर नौकरी रेलवे की तैयारी कर रहे करोड़ों युवाओं की उम्मीदें तोड़ रही है।

    यह ‘वित्तीय प्रबंधन’ है या ‘निजीकरण’ की तरफ बढ़ाया जा रहा कदम? pic.twitter.com/dPBcA3X8qN

    — Varun Gandhi (@varungandhi80) May 29, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गौर हो कि बीते लंबे समय से भाजपा सांसद वरुण गांधी पार्टी लाइन से अलग चल रहे हैं. वह न सिर्फ केंद्र सरकार बल्कि प्रदेश सरकार पर भी विभिन्‍न मुद्दों को लेकर निशाना साधते रहते हैं. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्‍होंने पार्टी प्रत्‍याशियों के समर्थन में प्रचार भी नहीं किया था. पार्टी की तरफ से भी उन्‍हें स्‍टार प्रचारक नहीं बनाया गया था. पार्टी से उनकी बढ़ती दूरियों के चलते आने वाले लोकसभा चुनाव में पीलीभीत में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं.

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