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मुजफ्फरनगर : न्याय के लिए कलेक्ट्रेट पर पुलिस के खिलाफ महिला का प्रदर्शन - मुजफ्फरनगर खबर

यूपी के मुजफ्फरनगर के कचहरी परिसर में स्थित कलेक्ट्रेट कार्यालय पर बुधवार को एक विधवा महिला ने ग्रामीणों के साथ मिलकर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. विधवा महिला ने थाना बुढ़ाना पुलिस पर आरोप लगाया है कि एक लाख रुपए नहीं देने पर पुलिस ने उसके बेटे को फर्जी मुठभेड़ में जेल भेज दिया है.

न्याय के लिए महिला ने अधिकारियों से लगाई गुहार.
न्याय के लिए महिला ने अधिकारियों से लगाई गुहार.
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Published : Oct 8, 2020, 12:14 PM IST

मुजफ्फरनगर : बागपत जिले के थाना दोघट के ग्राम भड़ल की रहने वाली है निर्मला नाम की विधवा महिला. बुधवार को उसने मुजफ्फरनगर के कलेक्ट्रेट कार्यालय पर अपने गांव के कुछ ग्रामीणों के साथ मिलकर बुढाना पुलिस के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की. साथ ही पुलिस के आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई.

जानें पूरा मामला-

पीड़िता के साथ कलेक्ट्रेट कार्यालय पर पहुंचे प्रमोद कश्यप नाम के शख्स ने बताया कि ये घटना 3 अक्टूबर है. इस दिन भड़ल गांव के दो लड़कों को पुलिस उठाकर अपने साथ लेकर चली गई. जब घर वालों को इस बारे में पता चला, तो लड़कों के परिजन बुढ़ाना थाना पहुंचे. पूछने पर पुलिस ने कहा कि लड़कों से जरूरी पूछताछ करनी है. पूछताछ के बाद दोनों को सुबह उनके घर छोड़ दिया जाएगा. लेकिन जब लड़के को पुलिस ने नहीं छोड़ा, तो वो लोग दोबारा थाना गए. जिस पर पुलिस ने कहा कि आपके लड़के का चालान हो गया है. जिसके बाद एक लड़के की मां थाने पहुंची, और पुलिस वालों से पूछा कि किस जुर्म में चालान किया गया है. जिस पर पुलिस वालों ने एक मुठभेड़ की बात कही. जो कि बिल्कुल फर्जी है.

महिला का आरोप है कि बेटे को छोड़ने के एवज में पुलिस उससे एक लाख की मांग करने लगी. जिस पर विधवा महिला ने कहा कि उसका बेटा अभी 11वीं क्लास में पढ़ता है. वो सीधा-सादा लड़का है. वो बच्चे का पालन पोषण करे या एक लाख रुपये पुलिस वालों को दे. महिला ने बताया कि 5 अक्टूबर को उसको समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी मिली कि उसके बेटे को एक फर्जी मुठभेड़ में पकड़े जाने की बात दिखाकर, पुलिस वालों ने बेटे के ऊपर धारा 307 411 का मुकदमा दर्ज कर दिया है. इसके बाद विधवा महिला और गांव वाले न्याय की गुहार लगाने मुजफ्फरपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे.

कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन के बाद विधवा महिला के साथ गांव वासियों ने अधिकारियों को न्याय के लिए पत्र सौंपे. जिस पर बोलते हुए आला अधिकारियों ने महिला को आश्वासन दिया है कि वो इस मामले की जांच कराएंगे. सीओ को जांच सौंप दी गई. वहीं पीड़ित पक्ष ने पुलिस के अधिकारियों से कहा कि उन्हें न्याय मिले साथ ही तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर निलंबित किया जाए. अब देखना है इस मामले की निष्पक्ष जांच कब तक हो पाती है.

मुजफ्फरनगर : बागपत जिले के थाना दोघट के ग्राम भड़ल की रहने वाली है निर्मला नाम की विधवा महिला. बुधवार को उसने मुजफ्फरनगर के कलेक्ट्रेट कार्यालय पर अपने गांव के कुछ ग्रामीणों के साथ मिलकर बुढाना पुलिस के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की. साथ ही पुलिस के आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई.

जानें पूरा मामला-

पीड़िता के साथ कलेक्ट्रेट कार्यालय पर पहुंचे प्रमोद कश्यप नाम के शख्स ने बताया कि ये घटना 3 अक्टूबर है. इस दिन भड़ल गांव के दो लड़कों को पुलिस उठाकर अपने साथ लेकर चली गई. जब घर वालों को इस बारे में पता चला, तो लड़कों के परिजन बुढ़ाना थाना पहुंचे. पूछने पर पुलिस ने कहा कि लड़कों से जरूरी पूछताछ करनी है. पूछताछ के बाद दोनों को सुबह उनके घर छोड़ दिया जाएगा. लेकिन जब लड़के को पुलिस ने नहीं छोड़ा, तो वो लोग दोबारा थाना गए. जिस पर पुलिस ने कहा कि आपके लड़के का चालान हो गया है. जिसके बाद एक लड़के की मां थाने पहुंची, और पुलिस वालों से पूछा कि किस जुर्म में चालान किया गया है. जिस पर पुलिस वालों ने एक मुठभेड़ की बात कही. जो कि बिल्कुल फर्जी है.

महिला का आरोप है कि बेटे को छोड़ने के एवज में पुलिस उससे एक लाख की मांग करने लगी. जिस पर विधवा महिला ने कहा कि उसका बेटा अभी 11वीं क्लास में पढ़ता है. वो सीधा-सादा लड़का है. वो बच्चे का पालन पोषण करे या एक लाख रुपये पुलिस वालों को दे. महिला ने बताया कि 5 अक्टूबर को उसको समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी मिली कि उसके बेटे को एक फर्जी मुठभेड़ में पकड़े जाने की बात दिखाकर, पुलिस वालों ने बेटे के ऊपर धारा 307 411 का मुकदमा दर्ज कर दिया है. इसके बाद विधवा महिला और गांव वाले न्याय की गुहार लगाने मुजफ्फरपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे.

कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन के बाद विधवा महिला के साथ गांव वासियों ने अधिकारियों को न्याय के लिए पत्र सौंपे. जिस पर बोलते हुए आला अधिकारियों ने महिला को आश्वासन दिया है कि वो इस मामले की जांच कराएंगे. सीओ को जांच सौंप दी गई. वहीं पीड़ित पक्ष ने पुलिस के अधिकारियों से कहा कि उन्हें न्याय मिले साथ ही तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर निलंबित किया जाए. अब देखना है इस मामले की निष्पक्ष जांच कब तक हो पाती है.

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