मुजफ्फरनगर: मेरठ जिले में बुधवार को CAA के समर्थन में बीजेपी की एक जनसभा हुई थी. इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने जामिया और जेएनयू को लेकर एक बयान दिया था. केंद्रीय राज्यमंत्री ने दिल्ली की जामिया और जेएनयू यूनिवर्सिटी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर बयान दिया था. इसके बाद अपने बयान पर उन्होंने मीडिया में सफाई दी है.
- केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान के दिए गए भाषण को लेकर वह चर्चा में हैं.
- उन्होंने जनसभा में जामिया और जेएनयू को लेकर एक बयान दिया था.
- जामिया, जेएनयू में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के छात्रों को 10% आरक्षण की मांग की थी.
- Fसको लेकर डॉ. संजीव बालियान ने मीडिया में अब सफाई दी है.
मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद अब डॉ. संजीव बालियान ने अपने बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि यदि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के युवाओं को 10 प्रतिशत आरक्षण जामिया और जेएनयू में दे दिया जाए तो वह जामिया और जेएनयू का इलाज कर देंगे. डॉ. संजीव बालियान ने अपने इस बयान पर सफाई देते हुए कहा कि जामिया और जेएनयू के 17-18 हजार छात्र पूरे देश के छात्रों का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते हैं, जिसको लेकर मीडिया और आम जनता में यह मैसेज बना हुआ है कि कुछ छात्र CAA के विरोध में हैं, जबकि ज्यादातर छात्र CAA के समर्थन में हैं.
मेरा मानना यह है कि गांव और छोटे कस्बे के छात्रों की भावना भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी दिल्ली के पढ़े-लिखे वर्ग की है. दिल्ली का पढ़ा-लिखा तबका कहता है कि हम पूरे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं. यह बात सही नहीं है. जामिया और जेएनयू दिल्ली में है. उनकी छोटी सी घटना भी मीडिया में बड़ी करके दिखाई जाती है. हमारे यहां 50 हजार आदमी CAA के समर्थन में पद यात्रा करते हैं, लेकिन इसकी चर्चा नहीं होती. जेएनयू और शाहीन बाग में 200-400 लोग इकट्ठा होते हैं, तो वह मुद्दा बन जाता है.
संजीव बालियान, केंद्रीय राज्यमंत्री