मुजफ्फरनगर: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण चोपड़ा ने बताया कि साल 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन के आह्वान पर क्षय रोग विभाग के साथ स्वंय सेवी संस्थाएं लगातार काम कर रही हैं. इसी क्रम में आज 0-18 वर्ष आयुवर्ग तक के टीबी से ग्रसित बच्चों को गोद लेने के कार्यक्रम के अंतर्गत छह बच्चों को स्वयं सेवी संस्था सम्राट शाखा ने गोद लिया है.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सम्राट शाखा द्वारा बच्चों को गोद लिए जाने की प्रशंसा की और आशा व्यक्त की कि संस्था आगे भी इसी प्रकार सामाजिक कार्य करती रहेगी. उन्होंने बताया कि संस्था जल्दी ही 60 ओर बच्चों को गोद लेगी. संस्था की ओर से इन बच्चों को पोषक खाद्य सामग्री वितरित की गई.
जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ. लोकेश चंद गुप्ता ने बताया कि 0-18 वर्ष आयु वर्ग तक के टीबी से ग्रसित छह बच्चों को मंगलवार को सम्राट शाखा द्वारा गोद लिया गया है. जनपद में करीब 453 बच्चों का वर्तमान में टीबी का इलाज चल रहा है. जिनमें से 131 बच्चे विभिन्न संस्थाओं द्वारा गोद लिए जा चुके हैं.
रोटरी क्लब, रोटरी इनरव्हील, भारत विकास परिषद एवं अन्य संस्था बच्चों को गोद ले चुकी हैं. यह संस्था प्रतिमाह इन बच्चों के लिए खाद्य सामग्री निशुल्क उपलब्ध कराती है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन बच्चों को निशुल्क दवा दी जाती है और समय-समय पर उनकी काउंसलिंग भी की जाती है, जिससे इनके इलाज में किसी भी तरह की बाधा न आए और नियमित रूप से दवा का सेवन करते रहें.
सरकार की ओर से टीबी के हर मरीज को इलाज के दौरान निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत प्रतिमाह 500 रुपये दिए जाते हैं. यह धनराशि उनके बैंक खाते में सीधे भेजी जाती है, ताकि वह पौष्टिक आहार का सेवन कर सकें. कार्यक्रम में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वी.के.सिंह, जिला क्षयरोग अधिकारी डाॅ. लोकेश गुप्ता, भारत विकास परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष राम कुमार तायल, शिशु कांत गर्ग, सुनील गर्ग, के.के.बंसल आदि उपस्थित रहे.
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