मुजफ्फरनगरः स्वास्थ्य विभाग में तैनात 64 कर्मचारियों के एरियर भुगतान में घोटाले का मामला सामने आया है. वेतन बढ़ोतरी के एरियर के रूप में विभागीय अधिकारियों ने 1.44 करोड़ रुपये का भुगतान नियम के खिलाफ किया है. आरटीआई में इसका पर्दाफाश होने पर मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जिलाधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं. मुजफ्फरनगर में तैनात रहे तत्कालीन सीएमओ डॉ. पीएस मिश्रा भी जांच की जद में आ सकते हैं.
स्वास्थ्य विभाग कर्मचारियों को 10 वर्ष की सेवा पूरी करने पर एक जुलाई 1985 से वेतनमान में बढ़ोतरी सुविधा की व्यवस्था थी. साथ ही छह वर्ष सेवा पूरी करने पर 1991 से पहले प्रमोशन पर वेतन बढ़ोतरी का भी प्रवधान था. विभाग के 64 कर्मचारियों को इस शासनादेश से उलट 1985 के बजाय वर्ष 1982 के आधार पर निर्धारित से 1.44 करोड़ रुपये अधिक का भुगतान नियम को ताक पर रखकर किया गया. आरटीआई कार्यकर्ता विमल त्यागी ने सूचना अधिकार के तहत चार वर्ष पूर्व इसकी जानकारी मांगी थी. लेकिन उन्हें उस समय जानकारी नहीं दी गई. काफी प्रयास के बाद अब उन्हें विभाग ने यह जानकारी उपलब्ध कराई तो घोटाला सामने आया.
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विमल त्यागी ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय में की थी. इस प्रकरण के दौरान 2017-18 में तैनात रहे सीएमओ डॉ. पीएम मिश्रा पर उस समय आरटीआई का जवाब नहीं देने का भी आरोप लगाया. हालांकि, डॉ. मिश्रा सेवानिवृत्त हो चुके हैं. लेकिन अब जांच शुरू होने पर उन्हें भी तलब किया जा सकता है. एक एसीएमओ पर भी इस घोटाले में शामिल होने के आरोप लग रहे हैं. जांच शुरू होने की सूचना से विभागीय कर्मचारियों में रिकवरी को लेकर अफरातफरी मची है.
सीएमओ डॉ. एमएस फौजदार ने कहा कि एरियर घोटाला होने की जानकारी मिली है. लेकिन आरटीआई का जवाब दिया गया है, जिस मामले की बात की जा रही है, वह मेरे समय का नहीं है. अगर जांच होती है तो विभाग की तरफ से टीम का सहयोग किया जाएगा.
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