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विकास की बाट जोह रहा सरवट गांव, जलभराव की समस्या से जूझ रहे ग्रामीण - muzaffarnagar news

आजादी के वर्षों बाद आज भी मुजफ्फरनगर जिले का सरवट गांव विकास की बाट जोह रहा है. इस गांव की दशा दयनीय बनी हुई है, जिसके सुधार के लिए गांव की सरकार व जिला प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया. सरवट गांव में पानी की निकासी के लिए कोई इंतजाम नहीं किये गए हैं. घरों से निकलने वाला गंदा पानी नाली न होने के कारण सड़कों पर बहता है.

विकास की बाट जोह रहा सरवट गांव
विकास की बाट जोह रहा सरवट गांव
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Published : Feb 17, 2021, 7:53 PM IST

मुजफ्फरनगर: प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2021 को लेकर तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के चौराहों पर पंचायत चुनाव चर्चा का विषय है. ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य की दावेदारी कर रहे प्रत्याशियों ने प्रचार-प्रसार अपने-अपने ढंग से शुरू कर दिया है. प्रत्याशी वोटरों को लुभाने के लिए विकास के बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं. जिला प्रशासन भी चुनावी तैयारियों में जुट गया है. वहीं इन सब के बीच कोई मायूस है तो वह गांव की सरकार को चुनने वाले लोग हैं.

विकास की बाट जोह रहा सरवट गांव.

पिछले पंचवर्षीय में ग्रामीण अंचलों में क्या-क्या विकास कार्य हुए, यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम जिला पंचायत के वार्ड-10 के सरवट गांव पहुंची. ईटीवी भारत के कैमरे में कैद तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि सरवट गांव अभी भी विकास की बाट जोह रहा है. गांव में विकास कार्य न होने से ग्रामीण मायूस हैं.

सरवट गांव को विकास का इंतजार
जिला पंचायत के वार्ड-10 के सरवट गांव के लोगों ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से गांव में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है, जबकि चुनाव के समय सभी उम्मीदवार बड़े-बड़े दावे कर वोट मांगते हैं. चुनाव जीतने के बाद प्रत्याशी गांव का नक्शा ही भूल जाते हैं. बता दें कि सरवट गांव में किसी भी सड़क की मरम्मत का कार्य नहीं हुआ है और न ही गलियों में पानी निकासी के लिए नालियां बनाई गई हैं. सड़कें टूटी होने के कारण बारिश के दिनों में पानी भर जाता है, जिससे क्षेत्रवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

सड़कों पर बहता है घरों का गंदा पानी
सरवट गांव में पानी की निकासी के लिए कोई इंतजाम नहीं किये गए हैं. घरों से निकलने वाला गंदा पानी नाली न होने के कारण सड़कों पर बहता है. क्षेत्र में स्थित नाले की सफाई न होने के कारण नाले में गंदगी का अंबार भरा है, जिससे नाले से पानी की निकासी नहीं हो पाती है और हरदम नाले में गंदा पानी भरा रहता है. गंदे पानी के कारण क्षेत्र में बीमारियों के पैर पसारने की संभावना बनी रहती है.

सरवट से रथेड़ी गांव की सड़क जलमग्न
सरवट गांव फाटक से नसीरपुर होते हुए रथेड़ी गांव तक जाने वाली तीन किलोमीटर सड़क पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त है. सड़क पर गहरे-गहरे गड्ढे होने के कारण बारिश के समय और घरों से निकलने वाला पानी सड़क पर भरा रहता है. बता दें कि इस सड़क की मरमत किये जाने का शिलान्यास 18 दिसंबर 2020 को किया गया था. सड़क की मरम्मत कार्य के लिए लगभग 90.34 लाख रुपये भी स्वीकृत हुआ है, लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी इस सड़क की मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढों की वजह से आवागमन बाधित रहता है और क्षेत्रवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

नहीं कराया गया कोई विकास कार्य
सरवट गांव के लोगों ने बताया कि चुनाव के समय उमीदवार वोट मांगने तो आते हैं, लेकिन चुनाव के बाद कोई भी क्षेत्र में दिखाई नहीं पड़ता. पिछले 10 वर्षों से यंहा कोई भी विकास कार्य न ही ग्राम प्रधान द्वारा कराया गया और न ही जिला पंचायत सदस्य द्वारा. लोगों ने बताया कि गांव में पानी की निकासी के लिए नालियां न बनी होने के कारण घरों का पानी सड़कों पर भरा रहता है, जिससे हम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि यह शहर से सटा हुआ गांव है, लेकिन यहां कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ, जबकि योगी सरकार ने घोषणा की थी कि सड़कों को गड्ढा मुक्त कराएंगे, लेकिन सड़कों को गड्ढा मुक्त सिर्फ कागजों में किया गया है धरातल पर नहीं.

वहीं वर्तमान जिला पंचायत सदस्य हरेंद्र शर्मा ने बताया कि उनके वार्ड में पहले भी पांच जिला पंचायत सदस्य चुने गए हैं. उन लोगों ने यहां कोई भी विकास कार्य नहीं कराया. हरेंद्र शर्मा ने बताया कि उनके जिला पंचायत सदस्य बनने के बाद यहां तीन गुना ज्यादा कार्य किया गया है. जिला पंचायत की पांच करोड़ की निधि से विकास कार्य हुआ है और काम चल भी रहा है. उनका यह क्षेत्र शहर से लगा हुआ है. पहले यह क्षेत्र विकास से वंचित था, लेकिन अब यहां विकास कार्य हो रहा है.

मुजफ्फरनगर: प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2021 को लेकर तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के चौराहों पर पंचायत चुनाव चर्चा का विषय है. ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य की दावेदारी कर रहे प्रत्याशियों ने प्रचार-प्रसार अपने-अपने ढंग से शुरू कर दिया है. प्रत्याशी वोटरों को लुभाने के लिए विकास के बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं. जिला प्रशासन भी चुनावी तैयारियों में जुट गया है. वहीं इन सब के बीच कोई मायूस है तो वह गांव की सरकार को चुनने वाले लोग हैं.

विकास की बाट जोह रहा सरवट गांव.

पिछले पंचवर्षीय में ग्रामीण अंचलों में क्या-क्या विकास कार्य हुए, यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम जिला पंचायत के वार्ड-10 के सरवट गांव पहुंची. ईटीवी भारत के कैमरे में कैद तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि सरवट गांव अभी भी विकास की बाट जोह रहा है. गांव में विकास कार्य न होने से ग्रामीण मायूस हैं.

सरवट गांव को विकास का इंतजार
जिला पंचायत के वार्ड-10 के सरवट गांव के लोगों ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से गांव में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है, जबकि चुनाव के समय सभी उम्मीदवार बड़े-बड़े दावे कर वोट मांगते हैं. चुनाव जीतने के बाद प्रत्याशी गांव का नक्शा ही भूल जाते हैं. बता दें कि सरवट गांव में किसी भी सड़क की मरम्मत का कार्य नहीं हुआ है और न ही गलियों में पानी निकासी के लिए नालियां बनाई गई हैं. सड़कें टूटी होने के कारण बारिश के दिनों में पानी भर जाता है, जिससे क्षेत्रवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

सड़कों पर बहता है घरों का गंदा पानी
सरवट गांव में पानी की निकासी के लिए कोई इंतजाम नहीं किये गए हैं. घरों से निकलने वाला गंदा पानी नाली न होने के कारण सड़कों पर बहता है. क्षेत्र में स्थित नाले की सफाई न होने के कारण नाले में गंदगी का अंबार भरा है, जिससे नाले से पानी की निकासी नहीं हो पाती है और हरदम नाले में गंदा पानी भरा रहता है. गंदे पानी के कारण क्षेत्र में बीमारियों के पैर पसारने की संभावना बनी रहती है.

सरवट से रथेड़ी गांव की सड़क जलमग्न
सरवट गांव फाटक से नसीरपुर होते हुए रथेड़ी गांव तक जाने वाली तीन किलोमीटर सड़क पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त है. सड़क पर गहरे-गहरे गड्ढे होने के कारण बारिश के समय और घरों से निकलने वाला पानी सड़क पर भरा रहता है. बता दें कि इस सड़क की मरमत किये जाने का शिलान्यास 18 दिसंबर 2020 को किया गया था. सड़क की मरम्मत कार्य के लिए लगभग 90.34 लाख रुपये भी स्वीकृत हुआ है, लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी इस सड़क की मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढों की वजह से आवागमन बाधित रहता है और क्षेत्रवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

नहीं कराया गया कोई विकास कार्य
सरवट गांव के लोगों ने बताया कि चुनाव के समय उमीदवार वोट मांगने तो आते हैं, लेकिन चुनाव के बाद कोई भी क्षेत्र में दिखाई नहीं पड़ता. पिछले 10 वर्षों से यंहा कोई भी विकास कार्य न ही ग्राम प्रधान द्वारा कराया गया और न ही जिला पंचायत सदस्य द्वारा. लोगों ने बताया कि गांव में पानी की निकासी के लिए नालियां न बनी होने के कारण घरों का पानी सड़कों पर भरा रहता है, जिससे हम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि यह शहर से सटा हुआ गांव है, लेकिन यहां कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ, जबकि योगी सरकार ने घोषणा की थी कि सड़कों को गड्ढा मुक्त कराएंगे, लेकिन सड़कों को गड्ढा मुक्त सिर्फ कागजों में किया गया है धरातल पर नहीं.

वहीं वर्तमान जिला पंचायत सदस्य हरेंद्र शर्मा ने बताया कि उनके वार्ड में पहले भी पांच जिला पंचायत सदस्य चुने गए हैं. उन लोगों ने यहां कोई भी विकास कार्य नहीं कराया. हरेंद्र शर्मा ने बताया कि उनके जिला पंचायत सदस्य बनने के बाद यहां तीन गुना ज्यादा कार्य किया गया है. जिला पंचायत की पांच करोड़ की निधि से विकास कार्य हुआ है और काम चल भी रहा है. उनका यह क्षेत्र शहर से लगा हुआ है. पहले यह क्षेत्र विकास से वंचित था, लेकिन अब यहां विकास कार्य हो रहा है.

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