मुजफ्फरनगर : जिले के श्रीराम कॉलेज में फैशन शो का आयोजन किया गया. फिल्म अभिनेत्री मंदाकिनी समेत कई अन्य हस्तियों ने इसमें हिस्सा लिया था. रविवार को शो के अंतिम दिन कुछ छात्राओं ने बुर्का पहनकर रैंप पर कैटवॉक किया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. मुस्लिम संगठनों ने इस पर नाराजगी जताई है. जमीयत-ए-उलेमा का कहना है कि बुर्का मुस्लिम महिलाओं का पर्दा है, इसे फैशन शो का हिस्सा न बनाया जाए.
धार्मिक भावनाओं को ठेंस पहुंचाने की कोशिश : श्रीराम कॉलेज में पिछले तीन दिनों से फैशन शो चल रहा था. कार्यक्रम का समापन रविवार को हुआ. शाम को फैशन शो के दौरान कुछ छात्राओं ने बुर्का पहनकर रैंप पर कैटवॉक किया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके बाद मुस्लिम संगठन इसके विरोध में आ गए. जमीयत-ए-उलेमा के जिला कन्वीनर मौलाना मुकर्रम कासमी ने कहा कि बुर्का फैशन शो का हिस्सा नहीं है. बच्चों से यह प्रोग्राम कराया गया है. यह एक मजहब को टारगेट करने वाली बात है. ऐसा करके मुस्लिम समाज और उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेंस पहुंचाने का काम किया गया है. जमीयत-ए-उलेमा इसका विरोध करती है. कॉलेज प्रशासन और जिला प्रशासन से अपील है कि इस तरह के आयोजनों से दूर रहें.
बुर्के का गलत इस्तेमाल बर्दाश्त नहीं : मौलाना मुकर्रम कासमी ने कहा कि अगर फिर से कोई ऐसे प्रोग्राम करेगा तो संगठन उसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगा. भले ही इसके लिए हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाना पड़े. बुर्का एक कपड़ा होता है. महिला घर से बाहर जाने पर उसे पहनकर निकलती है. ताकि उसका चेहरा कोई और आदमी न देख सके. बुर्के को पर्दे के लिहाज से इस्तेमाल किया जाता है. बुर्के को लाल या पीले कपड़ों में सिलवा कर फैशन शो में इस्तेमाल करना सरासर गलत है. वहीं कैटवॉक करने वाली एक छात्रा के अनुसार कॉलेज के एक शिक्षक ने उसे क्रिएटिविटी करने के लिए बोला था. वे मुस्लिम समाज से हैं, तो उन्होंने सोचा कि मुस्लिम समाज की युवतियों को ध्यान में रखकर ही कुछ अलग किया जाए. इसी के तहत बुर्के का फैशन शो में इस्तेमाल किया था.
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