मुजफ्फरनगरः मुजफ्फरनगर के खुब्बापुर में पहाड़ा न सुनाने पर स्कूल में छात्र की सहपाठियों से पिटाई कराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया. जिला चिकित्सालय से मनोचिकित्सक की टीम खुब्बापुर पहुंची थी और पीड़ित छात्र से बात करने की कोशिश की मगर पीड़ित बच्चे ने बात नही की और वह अपने पिता की गोद में दुबक गया. करीब आधे घंटे बाद टीम वापस लौट गई.
शाहपुर ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी संजय भारती ने बताया कि मंगलवार को जिला चिकित्सालय से मनोचिकित्सक डॉ. अर्पण जैन और डॉ. मनोज कुमार खुब्बापुर पहुंचे थे और पीड़ित छात्र से बातचीत करने की कोशिश की लेकिन छात्र ने बात नहीं की. छात्र डरते हुए पिता की गोद में छिप गया और फिर काफी कोशिश के बाद भी उसकी टीम से बात नहीं हो सकी. करीब 35 मिनट तक टीम घर पर रही. इसके बाद टीम चली गई.
चिकित्सकों ने इरशाद से कहा कि वह बच्चे को समझाएं कि यह सब बातें दिमाग से निकाल दें और माता पिता के समझाने से बच्चा जल्दी समझता है और चिकित्सकों ने पीड़ित परिवार को अगली बार जिला चिकित्सालय में ही आने के लिए कहा. बता दें कि 24 अगस्त को अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र की पिटाई के बाद वीडियो वायरल हो गया था और उसमे महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में प्रकरण की सुनवाई चल रही है और वही बच्चे का अभी तक प्रवेश नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई.
यह था मामला
खुब्बापुर गांव के स्कूल में शिक्षिका तृप्ता द्वारा पांच का पहाड़ा नहीं सुनाने पर अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र की सहपाठियों से पिटाई करा दी थी. इस दौरान जातीय टिप्पणी का भी आरोप लगा था और प्रकरण के दौरान पीड़ित छात्र के चचेरे भाई ने वीडियो बना लिया था और उसके बाद वीडियो वायरल हो गया था और शिक्षिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई थी.
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