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मंत्री के सामने ही भिड़ गए अधिकारी और कारोबारी, जानें फिर क्या हुआ?

यूपी के मुजफ्फरनगर में व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन विभाग मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल के सामने सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता और कारोबारी आपस में भिड़ गए. इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए.

मंत्री के सामने ही भिड़ गए अधिकारी और कारोबारी.
मंत्री के सामने ही भिड़ गए अधिकारी और कारोबारी.
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Published : Aug 24, 2021, 8:15 PM IST

मुजफ्फरनगरः व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन विभाग मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने मंगलवार को आईआईए एवं फेडरेशन के पदाधिकारियों की शिकायत पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को गेस्ट हाउस में बुलाया था. इस दौरान मंत्री के सामने ही उद्यमी और अधिशासी अभियंता भिड़ गए. किसी तरह मंत्री ने बीच में आकर दोनों पक्षों को शांत किया.

मंत्री के सामने ही भिड़ गए अधिकारी और कारोबारी.

बता दें कि मनमाने ढंग से औद्योगिक इकाइयों की दीवार को अतिक्रमण बताते हुए उन्हें बिना किसी निशानदेही और बिना किसी नोटिस के बुलडोजर की सहायता से बीते सप्ताह तोड़ देने की शिकायत पर सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में बैठक आयोजित की गई थे. बैठक में अधिकारी लेटलतीफी दिखाते हुए देर से पहुंचे तो उद्यमियों का उनके ऊपर गुस्सा फूट पड़ा. इस दौरान सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने मार्च 2020 को मंत्री कपिल देव अग्रवाल को लिखा गया एक पत्र दिखाया. जिसमें लिखा था कि पूर्व में राजबाहें की जमीन को चिन्हित करवा कर यदि अतिक्रमण है तो उसे हटवाने में सहयोग करें.

मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने जब सिंचाई विभाग के अधिकारी से पूछा कि आप इस पत्र के सम्बंध में कभी मुझसे या उद्यमियों या जिलाधिकारी से मिले. इस पर अधिकारी गोलमोल बातें करनी शुरू कर दी. अधिशासी अभिंयता झूठे आरोप लगाते हुए कहने लगे कि मैंने सबको बता रखा है. इस बाबत न्यायालय में वाद लम्बित है. उन्होंने कहा कि होता रहे, स्टे नहीं है हम नहीं मानते. अधिशासी अभिंयता ने कहा कि मैंने विभागीय मजिस्ट्रेट व श्रम विभाग को तीन दिन पहले जमीन नपवाने व चिन्हित कर सम्बंधित उद्योग को बताने भेजा था. इस पर सभी उद्यमी आक्रोशित हो गए और झूठ बोलने, मनमानी व हठधर्मी करने वाले अधिशासी अधिकारी से भिड़ गए. इस दौरान मौके पर मजिस्ट्रेट व श्रम विभाग के अधिकारी को बुलाया गया तो वह भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए.

इसे भी पढ़ें-UP Assembly Election 2022: आंबेडकर को साथ लेकर यूपी में दलितों के पास पहुंचेगी कांग्रेस

झूठ पकड़े जाने पर सिचाई विभाग के अधिकारी वहां से यह कह कर चल दिए कि मंत्रीजी मैं आपसे घर आकर मिल लूंगा, लेकिन परंतु उद्यमियों के साथ नहीं बैठूंगा, इस बात पर उद्यमियों का गुस्सा फूट गया और वह अधिशासी अभियंता के ऊपर उबल पड़े. मामला ज्यादा आगे बढ़ने पर व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन विभाग मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने दोनों पक्षों को शांत करते हुए कहा कि जिलाधिकारी से इस संबंध में बात करके एक कमेटी बना देते हैं. जिसमें प्रशासनिक अधिकारी, एसोसिएशन पदाधिकारी, सिंचाई विभाग व राजस्व विभाग के अधिकारी होंगे, जो इस प्रकरण को समझकर उचित कार्यवाही कराएंगे. कमेटी का निर्णय आने तक सिंचाई विभाग कोई कार्यवाही नहीं करेगा. मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने जब अधिकारी से पूछा आपके हिसाब से कितना अतिक्रमण है तो वह कोई जवाब नहीं दे सके और बोले किसी का 6 इंच है, किसी का 1 फुट. जबकि उद्यमियों का कहना था कि हमने कोई अतिक्रमण नहीं किया है. मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने इस कार्यवाही पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की.

प्रदेश सरकार में मंत्री कपिल देव अग्रवाल के सामने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ उद्यमियों द्वारा की गई अभद्रता के चलते राष्ट्रीय लोक दल के नेताओं ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों का उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उद्यमियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

मुजफ्फरनगरः व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन विभाग मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने मंगलवार को आईआईए एवं फेडरेशन के पदाधिकारियों की शिकायत पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को गेस्ट हाउस में बुलाया था. इस दौरान मंत्री के सामने ही उद्यमी और अधिशासी अभियंता भिड़ गए. किसी तरह मंत्री ने बीच में आकर दोनों पक्षों को शांत किया.

मंत्री के सामने ही भिड़ गए अधिकारी और कारोबारी.

बता दें कि मनमाने ढंग से औद्योगिक इकाइयों की दीवार को अतिक्रमण बताते हुए उन्हें बिना किसी निशानदेही और बिना किसी नोटिस के बुलडोजर की सहायता से बीते सप्ताह तोड़ देने की शिकायत पर सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में बैठक आयोजित की गई थे. बैठक में अधिकारी लेटलतीफी दिखाते हुए देर से पहुंचे तो उद्यमियों का उनके ऊपर गुस्सा फूट पड़ा. इस दौरान सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने मार्च 2020 को मंत्री कपिल देव अग्रवाल को लिखा गया एक पत्र दिखाया. जिसमें लिखा था कि पूर्व में राजबाहें की जमीन को चिन्हित करवा कर यदि अतिक्रमण है तो उसे हटवाने में सहयोग करें.

मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने जब सिंचाई विभाग के अधिकारी से पूछा कि आप इस पत्र के सम्बंध में कभी मुझसे या उद्यमियों या जिलाधिकारी से मिले. इस पर अधिकारी गोलमोल बातें करनी शुरू कर दी. अधिशासी अभिंयता झूठे आरोप लगाते हुए कहने लगे कि मैंने सबको बता रखा है. इस बाबत न्यायालय में वाद लम्बित है. उन्होंने कहा कि होता रहे, स्टे नहीं है हम नहीं मानते. अधिशासी अभिंयता ने कहा कि मैंने विभागीय मजिस्ट्रेट व श्रम विभाग को तीन दिन पहले जमीन नपवाने व चिन्हित कर सम्बंधित उद्योग को बताने भेजा था. इस पर सभी उद्यमी आक्रोशित हो गए और झूठ बोलने, मनमानी व हठधर्मी करने वाले अधिशासी अधिकारी से भिड़ गए. इस दौरान मौके पर मजिस्ट्रेट व श्रम विभाग के अधिकारी को बुलाया गया तो वह भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए.

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झूठ पकड़े जाने पर सिचाई विभाग के अधिकारी वहां से यह कह कर चल दिए कि मंत्रीजी मैं आपसे घर आकर मिल लूंगा, लेकिन परंतु उद्यमियों के साथ नहीं बैठूंगा, इस बात पर उद्यमियों का गुस्सा फूट गया और वह अधिशासी अभियंता के ऊपर उबल पड़े. मामला ज्यादा आगे बढ़ने पर व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन विभाग मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने दोनों पक्षों को शांत करते हुए कहा कि जिलाधिकारी से इस संबंध में बात करके एक कमेटी बना देते हैं. जिसमें प्रशासनिक अधिकारी, एसोसिएशन पदाधिकारी, सिंचाई विभाग व राजस्व विभाग के अधिकारी होंगे, जो इस प्रकरण को समझकर उचित कार्यवाही कराएंगे. कमेटी का निर्णय आने तक सिंचाई विभाग कोई कार्यवाही नहीं करेगा. मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने जब अधिकारी से पूछा आपके हिसाब से कितना अतिक्रमण है तो वह कोई जवाब नहीं दे सके और बोले किसी का 6 इंच है, किसी का 1 फुट. जबकि उद्यमियों का कहना था कि हमने कोई अतिक्रमण नहीं किया है. मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने इस कार्यवाही पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की.

प्रदेश सरकार में मंत्री कपिल देव अग्रवाल के सामने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ उद्यमियों द्वारा की गई अभद्रता के चलते राष्ट्रीय लोक दल के नेताओं ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों का उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उद्यमियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

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