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नगरपालिका परिषद में 15 गांवों को शामिल करने की तैयारी, मांगे गए सुझाव व आपत्ति - urban development department

मुजफ्फरनगर की नगरपालिका परिषद में 15 गांवों को शामिल करने की तैयारी है. इसके लिए डीएम ने लोगों से सुझाव व आपत्ति मांगी है.

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नगरपालिका परिषद के नगर निगम
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Published : Sep 9, 2022, 10:20 PM IST

मुजफ्फरनगर: जनपद के नगरपालिका परिषद (Municipal Council) के नगर निगम बनने की चर्चाओं के बीच आखिरकार शासन से पालिका के दो दशक पुराने प्रस्ताव को कुछ हद तक ठिकाना मिला है और नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने इसके लिए पंद्रह गांवों को शामिल करने के प्रस्ताव पर अधिसूचना जारी करते हुए जिलाधिकारी को पत्र भेजकर प्रस्तावित क्षेत्रफल के लिए सात दिनों में आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए हैं. साथ ही प्रशासन ने फिलहाल मुजफ्फरनगर पालिका को नगर निगम बनाने की कवायद को रोक दिया है. सीमा विस्तार की मंजूरी मिलने की बात से शुक्रवार को दिन भर हलचल मची रही. इस बार शहर में आसपास के पंद्रह गांवों के करीब 4500 हेक्टेयर के रकबे को शामिल करने का प्रस्ताव है.

करीब एक माह पहले ही नगर विकास विभाग (urban development department) को जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने नया प्रस्ताव तैयार कराकर सीमा विस्तार और नगर निगम बनाने की संस्तुति के साथ भिजवाया था और उसमें कुछ खामी रहने पर यह वापस आया और फिर से नया प्रस्ताव भिजवाया गया. अब इसी प्रस्ताव पर प्रदेश के नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने सीमा विस्तार के लिए मंजूरी प्रदान करते हुए अधिसूचना जारी की है और यह अधिसूचना जिला प्रशासन को प्राप्त हुई है. इसमें पंद्रह गांवों के करीब 4524 हेक्टेयर क्षेत्रफल को नगरीय सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है. इसमें कई गांवों में आंशिक क्षेत्रफल लिया गया है.

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरनगर में नाबालिग से रेप के आरोपी को 20 साल की सजा

इसको मंजूरी मिलने के बाद नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर में आबादी पांच लाख से ज्यादा हो जाएगी. इस सीमा विस्तार के लिए कहा जा रहा है कि शहरी सीमा से सटे दस गांवों का शत प्रतिशत और चार गांवों का आंशिक भाग सीमा विस्तार में लिया गया है. शाहबुद्दीनपुर, सरवट, शेरपुर, मुस्तफाबाद, अलमासपुर, कूकड़ा, सुजडू, खांजापुर, धंधेडा, बीबीपुर सहित बिलासपुर, मंधेडा, मीरापुर सहित चार गांवो का एक बड़ा भाग नगर पालिका जनपद का हिस्सा बन जाएगा और इन दस पूरे और चार गांवों के आंशिक हिस्सों को मिलाने के बाद शहर पालिका की आबादी पांच लाख से अधिक हो जाएगी.

यह भी पढ़ें- ओमप्रकाश राजभर की बढ़ी मुश्किलें, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के बाद मऊ के जिलाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा

वहीं, एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश शासन ने नगरपालिका परिषद मुजफ्फरनगर के सीमा विस्तार को हरी झण्डी दी है. इसके लिए पंद्रह गांवों का करीब 4500 हेक्टेयर से अधिक का क्षेत्रफल पालिका सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया था. इसी को लेकर आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं और लोग अपनी आपत्तियां सीधे नगर विकास विभाग को देने के साथ ही जिलाधिकारी कार्यालय को भी दे सकते हैं. सात दिनों में आपत्तियां और सुझाव प्राप्त किे जाएंगे. इसमें सबसे बड़ा क्षेत्रफल गांव सूजडू से लिया गया है और इसके साथ ही सबसे कम क्षेत्रफल बिलासपुर गांव का लिया गया है. इस सीमा विस्तार के लिए बाईपास का आधार बनाया गया है. अब इन पंद्रह गांव के शामिल होने के बाद काली नदी शहर के बीच में आ जाएगी. अभी तक काली नदी शहरी सीमा के रूप में मानी जाती है.



मुजफ्फरनगर: जनपद के नगरपालिका परिषद (Municipal Council) के नगर निगम बनने की चर्चाओं के बीच आखिरकार शासन से पालिका के दो दशक पुराने प्रस्ताव को कुछ हद तक ठिकाना मिला है और नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने इसके लिए पंद्रह गांवों को शामिल करने के प्रस्ताव पर अधिसूचना जारी करते हुए जिलाधिकारी को पत्र भेजकर प्रस्तावित क्षेत्रफल के लिए सात दिनों में आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए हैं. साथ ही प्रशासन ने फिलहाल मुजफ्फरनगर पालिका को नगर निगम बनाने की कवायद को रोक दिया है. सीमा विस्तार की मंजूरी मिलने की बात से शुक्रवार को दिन भर हलचल मची रही. इस बार शहर में आसपास के पंद्रह गांवों के करीब 4500 हेक्टेयर के रकबे को शामिल करने का प्रस्ताव है.

करीब एक माह पहले ही नगर विकास विभाग (urban development department) को जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने नया प्रस्ताव तैयार कराकर सीमा विस्तार और नगर निगम बनाने की संस्तुति के साथ भिजवाया था और उसमें कुछ खामी रहने पर यह वापस आया और फिर से नया प्रस्ताव भिजवाया गया. अब इसी प्रस्ताव पर प्रदेश के नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने सीमा विस्तार के लिए मंजूरी प्रदान करते हुए अधिसूचना जारी की है और यह अधिसूचना जिला प्रशासन को प्राप्त हुई है. इसमें पंद्रह गांवों के करीब 4524 हेक्टेयर क्षेत्रफल को नगरीय सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है. इसमें कई गांवों में आंशिक क्षेत्रफल लिया गया है.

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इसको मंजूरी मिलने के बाद नगर पालिका परिषद मुजफ्फरनगर में आबादी पांच लाख से ज्यादा हो जाएगी. इस सीमा विस्तार के लिए कहा जा रहा है कि शहरी सीमा से सटे दस गांवों का शत प्रतिशत और चार गांवों का आंशिक भाग सीमा विस्तार में लिया गया है. शाहबुद्दीनपुर, सरवट, शेरपुर, मुस्तफाबाद, अलमासपुर, कूकड़ा, सुजडू, खांजापुर, धंधेडा, बीबीपुर सहित बिलासपुर, मंधेडा, मीरापुर सहित चार गांवो का एक बड़ा भाग नगर पालिका जनपद का हिस्सा बन जाएगा और इन दस पूरे और चार गांवों के आंशिक हिस्सों को मिलाने के बाद शहर पालिका की आबादी पांच लाख से अधिक हो जाएगी.

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वहीं, एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश शासन ने नगरपालिका परिषद मुजफ्फरनगर के सीमा विस्तार को हरी झण्डी दी है. इसके लिए पंद्रह गांवों का करीब 4500 हेक्टेयर से अधिक का क्षेत्रफल पालिका सीमा में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा गया था. इसी को लेकर आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं और लोग अपनी आपत्तियां सीधे नगर विकास विभाग को देने के साथ ही जिलाधिकारी कार्यालय को भी दे सकते हैं. सात दिनों में आपत्तियां और सुझाव प्राप्त किे जाएंगे. इसमें सबसे बड़ा क्षेत्रफल गांव सूजडू से लिया गया है और इसके साथ ही सबसे कम क्षेत्रफल बिलासपुर गांव का लिया गया है. इस सीमा विस्तार के लिए बाईपास का आधार बनाया गया है. अब इन पंद्रह गांव के शामिल होने के बाद काली नदी शहर के बीच में आ जाएगी. अभी तक काली नदी शहरी सीमा के रूप में मानी जाती है.



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