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मुजफ्फरनगर कोर्ट ने 37 साल पुराने हत्या के मामले में सुनाई सजा

मुजफ्फरनगर न्यायालय(Muzaffarnagar court news) ने 37 साल बाद हत्या और हत्या के प्रयास के मामले में अकेले बचे दोषी को 5 साल कैद की सजा (Sentence in murder case after 37 years) सुनाई है. वहीं, अर्थदंड भी लगाया है.

मुजफ्फरनगर कोर्ट
मुजफ्फरनगर कोर्ट
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 13, 2023, 10:52 PM IST

मुजफ्फरनगर: जिला न्यायालय ने 37 वर्ष पुराने हत्या व हत्या के प्रयास के मुकदमे में अभियुक्त को 5 साल कैद की सजा सुनाई है. इसी के साथ 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. यह मामला थाना बाबरी का है.

गौरतलब है, साल 14 अक्टूबर 1996 को ग्राम सोंहजनी जाटान के जंगल में शाम के 4 बजे करण सिंह, वेदपाल, गोपाल तथा ब्रह्मपाल ने जगवीर की हत्या कर दी थी. जिसका मुकदमा परिजनों ने थाना बाबरी में पंजीकृत कराया था. तत्कालीन थाना प्रभारी बाबरी उमाशंकर शर्मा ने अभियुक्त करण सिंह, वेदपाल, गोपाल तथा ब्रह्मपाल के विरुद्ध हत्या व हत्या के प्रयास जैसे अपराधिक कृत्यों के आधार पर मुकदमा गैंगस्टर एक्ट में पंजीकृत किया था. वहीं, मुकदमे की जांच तत्कालीन थाना प्रभारी श्रीभगवान शर्मा द्वारा की गई थी.

इस मामले में अभियुक्त करण सिंह व वेदपाल की विचारण के दौरान मृत्यु हो चुकी है. वहीं, गोपाल अपराध स्वीकार कर पूर्व में सजा पा चुका है. वर्तमान में अभियोग केवल ब्रह्मपाल के विरुद्ध विचाराधीन था. शुक्रवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश अशोक कुमार ने अभियुक्त ब्रह्मपालको गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत सजा सुनाई. जिसमें अभियुक्त ब्रहमपाल दोषी मानते हुए पांच साल कारावास के साथ बीस हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. मामले में कई साल बाद कोर्ट के फैसले से दोषी को सजा मिल सकी.

मुजफ्फरनगर: जिला न्यायालय ने 37 वर्ष पुराने हत्या व हत्या के प्रयास के मुकदमे में अभियुक्त को 5 साल कैद की सजा सुनाई है. इसी के साथ 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. यह मामला थाना बाबरी का है.

गौरतलब है, साल 14 अक्टूबर 1996 को ग्राम सोंहजनी जाटान के जंगल में शाम के 4 बजे करण सिंह, वेदपाल, गोपाल तथा ब्रह्मपाल ने जगवीर की हत्या कर दी थी. जिसका मुकदमा परिजनों ने थाना बाबरी में पंजीकृत कराया था. तत्कालीन थाना प्रभारी बाबरी उमाशंकर शर्मा ने अभियुक्त करण सिंह, वेदपाल, गोपाल तथा ब्रह्मपाल के विरुद्ध हत्या व हत्या के प्रयास जैसे अपराधिक कृत्यों के आधार पर मुकदमा गैंगस्टर एक्ट में पंजीकृत किया था. वहीं, मुकदमे की जांच तत्कालीन थाना प्रभारी श्रीभगवान शर्मा द्वारा की गई थी.

इस मामले में अभियुक्त करण सिंह व वेदपाल की विचारण के दौरान मृत्यु हो चुकी है. वहीं, गोपाल अपराध स्वीकार कर पूर्व में सजा पा चुका है. वर्तमान में अभियोग केवल ब्रह्मपाल के विरुद्ध विचाराधीन था. शुक्रवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश अशोक कुमार ने अभियुक्त ब्रह्मपालको गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत सजा सुनाई. जिसमें अभियुक्त ब्रहमपाल दोषी मानते हुए पांच साल कारावास के साथ बीस हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. मामले में कई साल बाद कोर्ट के फैसले से दोषी को सजा मिल सकी.

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