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बिहार जा रहे प्रवासी मजदूरों ने मुजफ्फरनगर में काटा हंगामा

यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में प्रवासी मजदूरों ने जमकर हंगामा किया. मजदूरों का आरोप है कि उन्हें सहारनपुर में बसों पर बैठाकर घर भेजा गया था. मुजफ्फरनगर पहुंचने पर उन्हें बसों से उतार दिया गया. यह सभी मजदूर पंजाब से बिहार जा रहे थे.

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हंगामा कर रहे मजदूरों को समझाती पुलिस.
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Published : May 18, 2020, 7:30 PM IST

मुजफ्फरनगरः मामला जिले के रतनपुरी थाना क्षेत्र का है. यहां सैकड़ों की संख्या में मजदूरों को बसों के द्वारा लाया गया था. रतनपुरी क्षेत्र में उन्हें छोड़ कर बसों को वापस भेज दिया गया. इसके बाद मजदूरों ने हंगामा कर दिया. मजदूरों का कहना है कि वह लुधियाना से साइकिल से सहारनपुर तक आए थे. यहां प्रशासन के लोगों ने उनकी साइकिलें यह कहकर जब्त कर लीं कि उन्हें बसों के द्वारा घर भेजा जाएगा.

हंगामा कर रहे मजदूरों को समझाती पुलिस.

मजदूरों का कहना है कि उन्हें 6 दिन तक वहां रखा गया. उनका आरोप है कि समय से खाने की कोई भी व्यवस्था नहीं थी. उसके बाद उन्हें बसों में बैठाकर मुजफ्फरनगर भेजा गया. प्रशासन अब यहां हमें रोकने की बात कह रही है. हम सरकार से मांग करते हैं कि अगर यह हमें बसों के द्वारा अपने घर नहीं भेज सकते, तो हमें हमारी साइकिलें वापस कर दी जाएं. हम साइकिलों से या पैदल ही सड़क के रास्ते अपने घर चले जाएंगे.

इसे भी पढ़ें- लॉकडाउन में घट गया बाबा विश्वनाथ का खजाना, आए महज 50 लाख रुपये

केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा लगातार मजदूरों की घर वापसी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इन मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए अतिरिक्त बस सेवा भी शुरू कर दी गई है. परंतु प्रशासनिक अमले के सामने सरकार के यह दावे फेल होते नजर आ रहे हैं.

मुजफ्फरनगरः मामला जिले के रतनपुरी थाना क्षेत्र का है. यहां सैकड़ों की संख्या में मजदूरों को बसों के द्वारा लाया गया था. रतनपुरी क्षेत्र में उन्हें छोड़ कर बसों को वापस भेज दिया गया. इसके बाद मजदूरों ने हंगामा कर दिया. मजदूरों का कहना है कि वह लुधियाना से साइकिल से सहारनपुर तक आए थे. यहां प्रशासन के लोगों ने उनकी साइकिलें यह कहकर जब्त कर लीं कि उन्हें बसों के द्वारा घर भेजा जाएगा.

हंगामा कर रहे मजदूरों को समझाती पुलिस.

मजदूरों का कहना है कि उन्हें 6 दिन तक वहां रखा गया. उनका आरोप है कि समय से खाने की कोई भी व्यवस्था नहीं थी. उसके बाद उन्हें बसों में बैठाकर मुजफ्फरनगर भेजा गया. प्रशासन अब यहां हमें रोकने की बात कह रही है. हम सरकार से मांग करते हैं कि अगर यह हमें बसों के द्वारा अपने घर नहीं भेज सकते, तो हमें हमारी साइकिलें वापस कर दी जाएं. हम साइकिलों से या पैदल ही सड़क के रास्ते अपने घर चले जाएंगे.

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केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा लगातार मजदूरों की घर वापसी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इन मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए अतिरिक्त बस सेवा भी शुरू कर दी गई है. परंतु प्रशासनिक अमले के सामने सरकार के यह दावे फेल होते नजर आ रहे हैं.

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