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मुजफ्फरनगर मामले पर मौलाना अरशद मदनी बोले- देश में गहरी व मजबूत होती जा रहीं नफरत की जड़ें

मुजफ्फरनगर मामले (Muzaffarnagar khubbapur case) में मौलाना अरशद मदनी का बयान सामने आया है. उनका कहना है कि सांप्रदायिकता और अतिवाद से अब शिक्षण संस्थान भी अछूते नहीं रह गए हैं.

अरशद मदनी
अरशद मदनी
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 28, 2023, 5:17 PM IST

Updated : Aug 29, 2023, 4:17 PM IST

मुजफ्फरनगर : जिले के खुब्बापुर के एक स्कूल में शिक्षिका ने टेबल याद न करने पर एक बच्चे को दूसरे बच्चों से चांटे लगवा दिए थे. मामला सामने आने पर गांव के लोगों ने हस्तक्षेप कर मामले को सुलझा दिया था. इसके बावजूद आए दिन मामले पर बयानबाजी की जा रही है. जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भी मामले पर बयान दिया है.

दुनिया में देश का नाम खराब हुआ : अरशद मदनी ने कहा कि देश में नफरत की जड़ें काफी गहरी और मजबूत हो चुकी हैं. यह पिछले कुछ सालों में ही हुई है. महिला शिक्षिका की सोच और ऐसे कार्य से दुनिया भर में देश का नाम खराब हुआ है. मौलाना अरशद मदनी ने ट्वीट करके कहा कि स्कूलों को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है, यह वह जगह होती है और जहां देश का भाग्य लिखा जाता है. अफसोस है कि पिछले कुछ सालों से हमारे देश की आबोहवा में नफरत का जो जहर घोला जा रहा था, वह अब सिर चढ़कर बोलने लगा है. स्कूल भी इससे अछूते नहीं रह गए हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षक मां और बाप का स्थान रखते हैं और एक शिक्षक द्वारा दिल में नफरत रखते हुए मासूम बच्चे को सजा देना सिर्फ और सिर्फ जुल्म है.

  • मुज़फ्फरनगर स्कूल घटना
    इस घटना ने शिक्षक और छात्र के पवित्र रिश्ते को खण्डित कर दिया है,
    अतिवाद का जो ज़हर लोगों के दिलो-दिमाग में भरा है उससे हमारे शिक्षण संस्थान भी अब सुरक्षित नहीं रहे। मुज़फ्फर नगर की घटना यह बताती है कि इस देश में नफरत की जड़ें गहरी और मज़बूत हो चुकी हैं। pic.twitter.com/u36wfinuJf

    — Arshad Madani (@ArshadMadani007) August 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

महिला टीचर को खुद देनी चाहिए थी सजा : मौलाना ने कहा कि मां की गोद के बाद स्कूल ही वह स्थान है, जहां बच्चे का नैतिक प्रशिक्षण होता है. देश का दुर्भाग्य यह है कि पिछले कुछ सालों से देश में सांप्रदायिक तत्वों ने मिलकर सांप्रदायिकता और अतिवाद का जहर लोगों के दिलों दिमाग में भरा है, हमारे शिक्षण संस्थान भी अब सुरक्षित नहीं रह गए हैं. यदि बच्चे से कोई गलती हुई भी थी तो महिला टीचर मां का स्थान रखती हैं, वह बच्चे को सजा देती. ऐसा करती तो शायद इस पर कोई ध्यान भी नहीं देता लेकिन जातीय और धर्म के आधार पर बच्चों को एक-दूसरे से पिटवाना और दंडित करना गलत है.

पत्रकार मोहम्मद जुबेर का फाइल फोटो
पत्रकार मोहम्मद जुबेर का फाइल फोटो

बच्चे का नाम उजागर करने पर पत्रकार पर मुकदमा : नेहा पब्लिक स्कूल में बच्चे की पिटाई के मामले में पीड़ित बच्चे की पहचान उजागर करने के आरोप में पत्रकार मोहम्मद जुबैर पर केस दर्ज किया गया है. ​खुब्बापुर के रहने वाले विष्णुदत्त ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के अंतर्गत ये केस दर्ज करवाया है. विष्णु दत्त का आरोप है कि मोहम्मद जुबैर ने वायरल वीडियो में पीड़ित बच्चे की पहचान उजागर की है. यह काम किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत बालक के अधिकारों का हनन है.

बच्चे को दूसरे छात्रों से चांटे मरवाने का वीडियो हुआ था वायरलः मुजफ्फरनगर के थाना मंसूरपुर क्षेत्र के गांव खुब्बापुर के स्कूल में बच्चे की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस वीडियो के वायरल होने के बाद कई बड़े नेताओं ने ट्वीट करके घटना पर विरोध जताया था. पुलिस ने इस मामले में पीड़ित बच्चे के पिता की तहरीर पर आरोपी शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. इसके साथ ही बीएसए की ओर से स्कूल की मान्यता रद करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई थी.

पत्रकार पर हुई कार्रवाईः इस बीच बच्चे के गांव के रहने वाले विष्णुदत्त ने ऑल्ट न्यूज के पत्रकार मोहम्मद जुबैर के खिलाफ केस दर्ज करवाया है. विष्णु दत्त का आरोप है कि मोहम्मद जुबैर ने वायरल वीडियो में पीड़ित बच्चे की पहचान उजागर की है और यह काम किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत बालक के अधिकारों का हनन है. इस मामले में एसएसपी संजीव सुमन का कहना है कि विष्णु दत्त की तहरीर पर थाना मंसूरपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.

कौन है मोहम्मद जुबैरः पत्रकार मोहम्मद जुबैर ऑल्ट न्यूज नाम से एक पोर्टल चलाता हैं, जिसमें फेक न्यूज की फैक्ट चेकिंग की जाती है. ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर के खिलाफ एक ट्वीट को लेकर 2018 में शिकायत की गई थी, जिस पर दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था। जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश के 5 जिलों में 6 एफआईआर दर्ज हुई थीं, जिनमें हाथरस में 2, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर में एक-एक प्राथमिक दर्ज हई थी. जुबैर पर पीएफआई के सदस्य होने का भी आरोप है. हाल ही में वह जेल से रिहा होकर बाहर आया है.

यह भी पढ़ें : स्कूल में छात्र को दूसरे बच्चों से चांटे लगवाने का विवाद सुलझा, एक-दूसरे के गले मिले बच्चे

शिक्षिका ने समुदाय विशेष के बच्चे को टेबल याद नहीं करने पर दूसरे बच्चों से लगवाए चाटें, रिपोर्ट दर्ज

मुजफ्फरनगर : जिले के खुब्बापुर के एक स्कूल में शिक्षिका ने टेबल याद न करने पर एक बच्चे को दूसरे बच्चों से चांटे लगवा दिए थे. मामला सामने आने पर गांव के लोगों ने हस्तक्षेप कर मामले को सुलझा दिया था. इसके बावजूद आए दिन मामले पर बयानबाजी की जा रही है. जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भी मामले पर बयान दिया है.

दुनिया में देश का नाम खराब हुआ : अरशद मदनी ने कहा कि देश में नफरत की जड़ें काफी गहरी और मजबूत हो चुकी हैं. यह पिछले कुछ सालों में ही हुई है. महिला शिक्षिका की सोच और ऐसे कार्य से दुनिया भर में देश का नाम खराब हुआ है. मौलाना अरशद मदनी ने ट्वीट करके कहा कि स्कूलों को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है, यह वह जगह होती है और जहां देश का भाग्य लिखा जाता है. अफसोस है कि पिछले कुछ सालों से हमारे देश की आबोहवा में नफरत का जो जहर घोला जा रहा था, वह अब सिर चढ़कर बोलने लगा है. स्कूल भी इससे अछूते नहीं रह गए हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षक मां और बाप का स्थान रखते हैं और एक शिक्षक द्वारा दिल में नफरत रखते हुए मासूम बच्चे को सजा देना सिर्फ और सिर्फ जुल्म है.

  • मुज़फ्फरनगर स्कूल घटना
    इस घटना ने शिक्षक और छात्र के पवित्र रिश्ते को खण्डित कर दिया है,
    अतिवाद का जो ज़हर लोगों के दिलो-दिमाग में भरा है उससे हमारे शिक्षण संस्थान भी अब सुरक्षित नहीं रहे। मुज़फ्फर नगर की घटना यह बताती है कि इस देश में नफरत की जड़ें गहरी और मज़बूत हो चुकी हैं। pic.twitter.com/u36wfinuJf

    — Arshad Madani (@ArshadMadani007) August 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

महिला टीचर को खुद देनी चाहिए थी सजा : मौलाना ने कहा कि मां की गोद के बाद स्कूल ही वह स्थान है, जहां बच्चे का नैतिक प्रशिक्षण होता है. देश का दुर्भाग्य यह है कि पिछले कुछ सालों से देश में सांप्रदायिक तत्वों ने मिलकर सांप्रदायिकता और अतिवाद का जहर लोगों के दिलों दिमाग में भरा है, हमारे शिक्षण संस्थान भी अब सुरक्षित नहीं रह गए हैं. यदि बच्चे से कोई गलती हुई भी थी तो महिला टीचर मां का स्थान रखती हैं, वह बच्चे को सजा देती. ऐसा करती तो शायद इस पर कोई ध्यान भी नहीं देता लेकिन जातीय और धर्म के आधार पर बच्चों को एक-दूसरे से पिटवाना और दंडित करना गलत है.

पत्रकार मोहम्मद जुबेर का फाइल फोटो
पत्रकार मोहम्मद जुबेर का फाइल फोटो

बच्चे का नाम उजागर करने पर पत्रकार पर मुकदमा : नेहा पब्लिक स्कूल में बच्चे की पिटाई के मामले में पीड़ित बच्चे की पहचान उजागर करने के आरोप में पत्रकार मोहम्मद जुबैर पर केस दर्ज किया गया है. ​खुब्बापुर के रहने वाले विष्णुदत्त ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के अंतर्गत ये केस दर्ज करवाया है. विष्णु दत्त का आरोप है कि मोहम्मद जुबैर ने वायरल वीडियो में पीड़ित बच्चे की पहचान उजागर की है. यह काम किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत बालक के अधिकारों का हनन है.

बच्चे को दूसरे छात्रों से चांटे मरवाने का वीडियो हुआ था वायरलः मुजफ्फरनगर के थाना मंसूरपुर क्षेत्र के गांव खुब्बापुर के स्कूल में बच्चे की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस वीडियो के वायरल होने के बाद कई बड़े नेताओं ने ट्वीट करके घटना पर विरोध जताया था. पुलिस ने इस मामले में पीड़ित बच्चे के पिता की तहरीर पर आरोपी शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. इसके साथ ही बीएसए की ओर से स्कूल की मान्यता रद करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई थी.

पत्रकार पर हुई कार्रवाईः इस बीच बच्चे के गांव के रहने वाले विष्णुदत्त ने ऑल्ट न्यूज के पत्रकार मोहम्मद जुबैर के खिलाफ केस दर्ज करवाया है. विष्णु दत्त का आरोप है कि मोहम्मद जुबैर ने वायरल वीडियो में पीड़ित बच्चे की पहचान उजागर की है और यह काम किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत बालक के अधिकारों का हनन है. इस मामले में एसएसपी संजीव सुमन का कहना है कि विष्णु दत्त की तहरीर पर थाना मंसूरपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है और जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.

कौन है मोहम्मद जुबैरः पत्रकार मोहम्मद जुबैर ऑल्ट न्यूज नाम से एक पोर्टल चलाता हैं, जिसमें फेक न्यूज की फैक्ट चेकिंग की जाती है. ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर के खिलाफ एक ट्वीट को लेकर 2018 में शिकायत की गई थी, जिस पर दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था। जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश के 5 जिलों में 6 एफआईआर दर्ज हुई थीं, जिनमें हाथरस में 2, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर में एक-एक प्राथमिक दर्ज हई थी. जुबैर पर पीएफआई के सदस्य होने का भी आरोप है. हाल ही में वह जेल से रिहा होकर बाहर आया है.

यह भी पढ़ें : स्कूल में छात्र को दूसरे बच्चों से चांटे लगवाने का विवाद सुलझा, एक-दूसरे के गले मिले बच्चे

शिक्षिका ने समुदाय विशेष के बच्चे को टेबल याद नहीं करने पर दूसरे बच्चों से लगवाए चाटें, रिपोर्ट दर्ज

Last Updated : Aug 29, 2023, 4:17 PM IST
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