मुजफ्फरनगर : कोर्ट के द्वारा अतिरिक्त दहेज की मांग पूरी न किए जाने पर विवाहिता की जलाकर हत्या करने के मामले में पति और सौतन सहित 4 लोगों को दोषी ठहराया गया. पति को 15 साल, देवर और सौतन को 10-10 साल की सजा और एक अन्य दोषी को 8 साल की सजा सुनाई गई है.
साल 2010 में हुई थी घटना : बता दें कि अब से 13 साल पहले शामली के कस्बा कैराना में अतिरिक्त दहेज की मांग पूरी न होने पर विवाहिता को जलाकर मौत के घाट उतार दिया गया था. वहीं इस मामले में 2010 में सबा करण के दरबार खुर्द निवासी यासीन द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया था. बताया गया था कि उनकी बेटी फुरकाना की शादी कैराना निवासी नईम के साथ हुई थी. शादी के बाद नईम और अन्य ससुराली अतिरिक्त दहेज की मांग कर रहे थे. इसे लेकर उसका उत्पीड़न किया गया था. बाद में उसने कांधला निवासी अफसाना नामक एक महिला से दूसरी शादी कर ली थी. इसके बाद फुरकाना अपने मायके रहने लगी थी. उसके बाद अफसाना और नईम उसके घर आए थे. वे फुरकाना को साथ रखने के लिए ले गए थे.
जंगल में मिला था शव : 5 सितंबर 2010 को कुछ व्यक्तियों द्वारा नईम, नसीम, अफसाना और मुरसलीन को यमुना के पुल की ओर जाते देखा गया था. फुरकाना भी उनके साथ थी. उसके बाद गांव मामोर के जंगल से उसका शव बरामद हुआ था. इस मामले की सुनवाई अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या 2 की जज नेहा गर्ग ने की. नईम को 15 साल की कैद और 25000 का जुर्माना लगाया गया है. वहीं नसीम और अफसाना को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई गई. एक अन्य दोषी मुरसलीन को 8 साल की सजा के साथ-साथ 25000 का जुर्माना लगाया गया है.
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