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मुजफ्फरनगर कोर्ट चर्चित रामपुर तिराहा कांड में पूर्व डीजीपी के बयान दर्ज - Muzaffarnagar latest news

मुजफ्फरनगर कोर्ट में चर्चित रामपुर तिराहा कांड में पूर्व डीजीपी के बयान दर्ज किए गए हैं. कोर्ट के नोटिस पर सीबीआई के पैरवी अधिकारी इंस्पेक्टर देवेंद्र मीणा भी कोर्ट में उपस्थित हुए.

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उत्तराखंड शहीद स्मारक
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Published : Apr 18, 2023, 10:20 PM IST

मुजफ्फरनगरः मुजफ्फरनगर जिला अदालत में मंगलवार को रामपुर तिराहा कांड की सुनवाई की गई. अदालत में दिल्ली पुलिस के तत्कालीन उपायुक्त और चंडीगढ़ के पूर्व डीजीपी प्रदीप श्रीवास्तव ने पेश होकर बयान दर्ज कराए गए हैं. मामले में कोर्ट के नोटिस पर सीबीआई के पैरवी अधिकारी भी मंगलवार को कोर्ट में पहुंचे.

दरअसल, पृथक उत्तराखंड गठन की मांग को लेकर देहरादून से दिल्ली रवाना हुए हजारों आंदोलनकारियों को मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया गया था. मामले में आरोप है कि 1-2 अक्टूबर 1994 की रात को क्षेत्र के रामपुर तिराहा पर पुलिस और पीएसी ने आंदोलनकारियों पर गोली चलाई थी. फायरिंग के दौरान सात आंदोलनकारी शहीद हो गए थे. इसमें महिलाओं के साथ भी रेप का मामला भी था. इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी. इसके बाद सीबीआई बनाम राधा मोहन द्विवेदी मुकदमे की सुनवाई हाईकोर्ट के आदेश पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या सात शक्ति सिंह की अदालत में ट्रांसफर हो गई थी.

4 अप्रैल को कोर्ट ने इस घटना के मामले में गवाही के लिए सीबीआई के गवाह और दिल्ली पुलिस के तत्कालीन उपायुक्त तथा चंडीगढ़ के पूर्व डीजीपी प्रदीप श्रीवास्तव को तलब किया था. मंगलवार को दिल्ली पुलिस के पूर्व उपायुक्त ने कोर्ट में पेश होकर बयान दर्ज कराए हैं. इसमें कोर्ट के नोटिस पर सीबीआई के पैरवी अधिकारी इंस्पेक्टर देवेंद्र मीणा भी कोर्ट में उपस्थित हुए.

मुजफ्फरनगरः मुजफ्फरनगर जिला अदालत में मंगलवार को रामपुर तिराहा कांड की सुनवाई की गई. अदालत में दिल्ली पुलिस के तत्कालीन उपायुक्त और चंडीगढ़ के पूर्व डीजीपी प्रदीप श्रीवास्तव ने पेश होकर बयान दर्ज कराए गए हैं. मामले में कोर्ट के नोटिस पर सीबीआई के पैरवी अधिकारी भी मंगलवार को कोर्ट में पहुंचे.

दरअसल, पृथक उत्तराखंड गठन की मांग को लेकर देहरादून से दिल्ली रवाना हुए हजारों आंदोलनकारियों को मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया गया था. मामले में आरोप है कि 1-2 अक्टूबर 1994 की रात को क्षेत्र के रामपुर तिराहा पर पुलिस और पीएसी ने आंदोलनकारियों पर गोली चलाई थी. फायरिंग के दौरान सात आंदोलनकारी शहीद हो गए थे. इसमें महिलाओं के साथ भी रेप का मामला भी था. इस मामले की जांच सीबीआई ने की थी. इसके बाद सीबीआई बनाम राधा मोहन द्विवेदी मुकदमे की सुनवाई हाईकोर्ट के आदेश पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या सात शक्ति सिंह की अदालत में ट्रांसफर हो गई थी.

4 अप्रैल को कोर्ट ने इस घटना के मामले में गवाही के लिए सीबीआई के गवाह और दिल्ली पुलिस के तत्कालीन उपायुक्त तथा चंडीगढ़ के पूर्व डीजीपी प्रदीप श्रीवास्तव को तलब किया था. मंगलवार को दिल्ली पुलिस के पूर्व उपायुक्त ने कोर्ट में पेश होकर बयान दर्ज कराए हैं. इसमें कोर्ट के नोटिस पर सीबीआई के पैरवी अधिकारी इंस्पेक्टर देवेंद्र मीणा भी कोर्ट में उपस्थित हुए.

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