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जफरयाब हत्याकांड में चार सगे भाइयों समेत पांच को आजीवन कारावास की सजा, 8 साल बाद आया फैसला

शामली के जिला जज की अदालत ने गोली मारकर हत्या के मामले में 8 साल बाद फैसला सुना दिया है. फैसले में पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया है.

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Published : May 25, 2022, 9:04 AM IST

जफरयाब हत्याकांड
जफरयाब हत्याकांड

मुज़फ्फरनगर: शामली जनपद के थानाभवन ग्राम हिंड में एक प्लाॅट के विवाद को लेकर जफरयाब की गोली मारकर हत्या के मामले में 8 साल बाद फैसला आ गया है. इस मामले में आरोपी 4 सगे भाईयों समेत 5 लोगों को जिला जज चवन प्रकाश की अदालत ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव शर्मा व एडीजीसी ललित भारद्वाज ने पैरवी की.

बता दें कि 10 जून 2014 को शामली जिले के थाना थानाभवन के गांव हिंड में प्लाॅट के अंदर पानी जाने को लेकर जफरयाब और शमशेर अली के बीच विवाद हुआ था. घटना में जफरयाब की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मृतक जफरयाब के भाई उस्मान अली ने थानाभवन में केस दर्ज कराते हुए शमशेर अली के 4 बेटों माशूक अली, फारूख, फरमान, साकिब पुत्र शमशेर अली और एक अन्य दिलशाद को नामजद किया था.

लगभग आठ साल तक चली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें और गवाहों की बातें सुनने के बाद जिला जज चवन प्रकाश की अदालत ने फैसला सुना दिया. कोर्ट ने आरोपी सगे भाई माशूक अली, फारुख, फरमान, साकिब और दिलशाद को दोषी करार दिया.

जिला जज चवन प्रकाश की अदालत ने पांचों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 14-14 हज़ार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतने का फैसला दिया है.


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मुज़फ्फरनगर: शामली जनपद के थानाभवन ग्राम हिंड में एक प्लाॅट के विवाद को लेकर जफरयाब की गोली मारकर हत्या के मामले में 8 साल बाद फैसला आ गया है. इस मामले में आरोपी 4 सगे भाईयों समेत 5 लोगों को जिला जज चवन प्रकाश की अदालत ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव शर्मा व एडीजीसी ललित भारद्वाज ने पैरवी की.

बता दें कि 10 जून 2014 को शामली जिले के थाना थानाभवन के गांव हिंड में प्लाॅट के अंदर पानी जाने को लेकर जफरयाब और शमशेर अली के बीच विवाद हुआ था. घटना में जफरयाब की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मृतक जफरयाब के भाई उस्मान अली ने थानाभवन में केस दर्ज कराते हुए शमशेर अली के 4 बेटों माशूक अली, फारूख, फरमान, साकिब पुत्र शमशेर अली और एक अन्य दिलशाद को नामजद किया था.

लगभग आठ साल तक चली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें और गवाहों की बातें सुनने के बाद जिला जज चवन प्रकाश की अदालत ने फैसला सुना दिया. कोर्ट ने आरोपी सगे भाई माशूक अली, फारुख, फरमान, साकिब और दिलशाद को दोषी करार दिया.

जिला जज चवन प्रकाश की अदालत ने पांचों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 14-14 हज़ार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतने का फैसला दिया है.


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