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कोरोना काल में गर्भवती महिलाएं रखें खास ख्याल, डॉ. शिवानी ने दिए ये टिप्स

यूपी के मुजफ्फरनगर में महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवानी वर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाएं अपने घरेलू उपचार से छोटी बीमारियों को घर पर ही ठीक कर सकती हैं.

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महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवानी वर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
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Published : Aug 16, 2020, 2:31 PM IST

मुजफ्फरनगर: कोरोना के चलते महिलाओं खासकर गर्भवती महिलाओं के सामने अपने उपचार की बड़ी समस्या है. गर्भावस्था में महिलाओं को नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप करना ही होता है. हालांकि, कोरोना के चलते इस समय लोग अस्पताल का रूख करने से बच रहे हैं. लोगों को डर है कि अस्पताल में जाने से कहीं संक्रमित न हो जाएं. दूसरा कारण यह भी है कोरोना के कारण चिकित्सकों ने भी अपने नियमों में फेरबदल किया हुआ है. इसके अलावा डॉक्टर के यहां भीड़ या वेटिंग के बजाय दो और तीन दिन बाद का अपॉइंटमेंट दिया जा रहा है.

महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवानी वर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

डॉ. शिवानी वर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया
स्वामी कल्याण देव आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के महिला रोग विभाग की विभागाध्यक्ष आयुर्वेदाचार्य डॉ. शिवानी वर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कोरोना महामारी में महिलाओं व विशेषकर गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु की देखभाल के विषय में बातचीत की. डॉ. शिवानी वर्मा ने कहा कि महिलाएं घर की रीढ़ होती हैं, इसलिए उन्हें भी अपना खास ख्याल रखना चाहिए.

कोरोना के खतरे के चलते गर्भवती महिलाएं अपना नॉर्मल चेकअप नहीं करा पा रही हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने घरेलू उपचार से छोटी बीमारियों को घर पर ही ठीक कर सकती हैं. आयुर्वेद में कहा गया है 'प्रयोजन चास्य सवस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणम आतुरस्य विकार प्रशमनम च' यानी आयुर्वेद का प्रयोजन स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना और रोगी की बीमारी का शमन करना है.

गर्भवती महिलाएं दिनचर्या करें नियमित
आयुर्वेद में गर्भावस्था के दौरान उनके भोजन और लाइफस्टाइल के विषय में बताया गया है. ऐसी स्थिति में गर्भवती महिलाओं को अपनी दिनचर्या नियमित करनी है. साथ ही अपने नित्य काम से निवृत्त होकर वह आसन और प्राणायाम योगसन कर सकती हैं. कोरोना के कारण मानसिक तनाव भी बढ़ा है, इसमें ध्यान का अच्छा प्रयोग हो सकता है. आयुर्वेद के अनुसार, व्यायाम से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे किसी भी इंफेक्शन का खतरा कम हो जाएगा.

प्रेग्नेंसी के दौरान करें आयरन से भरपूर भोजन
आहार यानी खाने में गर्भवती महिला को आयरन से भरपूर भोजन करना चाहिए. इसके साथ ही घर बहुत चीजें उपलब्ध होती हैं, जैसे मुनक्का, अंजीर, खजूर, मौसमी फल जैसे अमरूद आदि में भी आयरन की भरपूर मात्रा होता है, इसलिए फल व सब्जी मौसम के अनुसार खाएं. इस समय बरसात में मौसम के अनुसार सुपाच्य यानी आसानी से पचने वाला भोजन करना चाहिए. जठराग्नि मंद होने से भोजन का पाचन सही नहीं हो पाएगा और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाएगा.


इस दौरान सुपाच्य भोजन जैसे लौकी, तोरई जैसी हल्की सब्जी खाएं. आंवला विटामिन सी का सोत्र है. विटामिन सी हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, इसलिए सुबह के समय आंवला या आंवले का मुरब्बा और चटनी बनाकर खाया जा सकता है. इसके अलावा अगर आंवला नहीं है तो आंवले का चूर्ण ले सकते हैं.

गर्म पानी भी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
इसी तरह गिलोय का प्रयोग भी किया जा सकता है. गिलोय, तुलसी और लौंग डालकर काढ़ा पिएं. साथ ही साथ गर्म पानी का सेवन करें. गर्म पानी भी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. थोड़ी-थोड़ी देर में गर्म पानी पीते रहें. गर्म पानी में सेंधा नमक व हल्दी डालकर दिन में दो बार गरारे जरूर करें. कोरोना में गरारे का बहुत अच्छा प्रभाव है, इससे बीमारी से भी बचा जा सकता है.

आयुर्वेद में गर्भवती महिला को मीठी और ठंडे द्रव्य पदार्थ खाने के लिए कहा गया है. गर्भवती महिलाओं को सुबह के समय थकान का अनुभव होता है, उसके लिए लाजा चूर्ण शहद के साथ ले सकते हैं. इसके अलावा इलाइची, दालचीनी, तेजपत्ता को चूर्ण बनाकर 3 ग्राम सुबह और शाम शहद के साथ ले सकते हैं. गर्भावस्था में कब्ज की समस्या भी हो जाती है. इसके लिए हिंगाष्टक चूर्ण को 3 ग्राम रात में खाकर सोएं. इसके अलावा कब्ज के लिए दूध में 6-7 मुनक्का डालकर पकाएं और उस दूध को पिएं.

प्रेग्नेंसी के दौरान इन बातों पर ध्यान दें
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हल्दी वाला दूध जरूर पिएं. इसके अलावा सब्जियों में ज्यादा से ज्यादा हल्दी डालें. साथ ही घरेलू मसाले जैसे दालचीनी, तेजपत्ता आदि का खाने में ज्यादा प्रयोग करें. मानसिक तनाव के लिए प्राणायाम और भरपूर नींद लें. रात में कम से कम 8 घंटे और दिन में 2 घंटे सोना चाहिए. अगर डॉक्टर से चेकअप नहीं करवा पा रहे हैं तो डॉक्टर से फोन पर सलाह लें. घबराहट आदि होने पर अपने परिजनों से बात करें या फिर संगीत सुनें.

मुजफ्फरनगर: कोरोना के चलते महिलाओं खासकर गर्भवती महिलाओं के सामने अपने उपचार की बड़ी समस्या है. गर्भावस्था में महिलाओं को नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप करना ही होता है. हालांकि, कोरोना के चलते इस समय लोग अस्पताल का रूख करने से बच रहे हैं. लोगों को डर है कि अस्पताल में जाने से कहीं संक्रमित न हो जाएं. दूसरा कारण यह भी है कोरोना के कारण चिकित्सकों ने भी अपने नियमों में फेरबदल किया हुआ है. इसके अलावा डॉक्टर के यहां भीड़ या वेटिंग के बजाय दो और तीन दिन बाद का अपॉइंटमेंट दिया जा रहा है.

महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवानी वर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

डॉ. शिवानी वर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया
स्वामी कल्याण देव आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के महिला रोग विभाग की विभागाध्यक्ष आयुर्वेदाचार्य डॉ. शिवानी वर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कोरोना महामारी में महिलाओं व विशेषकर गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु की देखभाल के विषय में बातचीत की. डॉ. शिवानी वर्मा ने कहा कि महिलाएं घर की रीढ़ होती हैं, इसलिए उन्हें भी अपना खास ख्याल रखना चाहिए.

कोरोना के खतरे के चलते गर्भवती महिलाएं अपना नॉर्मल चेकअप नहीं करा पा रही हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने घरेलू उपचार से छोटी बीमारियों को घर पर ही ठीक कर सकती हैं. आयुर्वेद में कहा गया है 'प्रयोजन चास्य सवस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणम आतुरस्य विकार प्रशमनम च' यानी आयुर्वेद का प्रयोजन स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना और रोगी की बीमारी का शमन करना है.

गर्भवती महिलाएं दिनचर्या करें नियमित
आयुर्वेद में गर्भावस्था के दौरान उनके भोजन और लाइफस्टाइल के विषय में बताया गया है. ऐसी स्थिति में गर्भवती महिलाओं को अपनी दिनचर्या नियमित करनी है. साथ ही अपने नित्य काम से निवृत्त होकर वह आसन और प्राणायाम योगसन कर सकती हैं. कोरोना के कारण मानसिक तनाव भी बढ़ा है, इसमें ध्यान का अच्छा प्रयोग हो सकता है. आयुर्वेद के अनुसार, व्यायाम से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे किसी भी इंफेक्शन का खतरा कम हो जाएगा.

प्रेग्नेंसी के दौरान करें आयरन से भरपूर भोजन
आहार यानी खाने में गर्भवती महिला को आयरन से भरपूर भोजन करना चाहिए. इसके साथ ही घर बहुत चीजें उपलब्ध होती हैं, जैसे मुनक्का, अंजीर, खजूर, मौसमी फल जैसे अमरूद आदि में भी आयरन की भरपूर मात्रा होता है, इसलिए फल व सब्जी मौसम के अनुसार खाएं. इस समय बरसात में मौसम के अनुसार सुपाच्य यानी आसानी से पचने वाला भोजन करना चाहिए. जठराग्नि मंद होने से भोजन का पाचन सही नहीं हो पाएगा और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाएगा.


इस दौरान सुपाच्य भोजन जैसे लौकी, तोरई जैसी हल्की सब्जी खाएं. आंवला विटामिन सी का सोत्र है. विटामिन सी हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, इसलिए सुबह के समय आंवला या आंवले का मुरब्बा और चटनी बनाकर खाया जा सकता है. इसके अलावा अगर आंवला नहीं है तो आंवले का चूर्ण ले सकते हैं.

गर्म पानी भी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
इसी तरह गिलोय का प्रयोग भी किया जा सकता है. गिलोय, तुलसी और लौंग डालकर काढ़ा पिएं. साथ ही साथ गर्म पानी का सेवन करें. गर्म पानी भी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. थोड़ी-थोड़ी देर में गर्म पानी पीते रहें. गर्म पानी में सेंधा नमक व हल्दी डालकर दिन में दो बार गरारे जरूर करें. कोरोना में गरारे का बहुत अच्छा प्रभाव है, इससे बीमारी से भी बचा जा सकता है.

आयुर्वेद में गर्भवती महिला को मीठी और ठंडे द्रव्य पदार्थ खाने के लिए कहा गया है. गर्भवती महिलाओं को सुबह के समय थकान का अनुभव होता है, उसके लिए लाजा चूर्ण शहद के साथ ले सकते हैं. इसके अलावा इलाइची, दालचीनी, तेजपत्ता को चूर्ण बनाकर 3 ग्राम सुबह और शाम शहद के साथ ले सकते हैं. गर्भावस्था में कब्ज की समस्या भी हो जाती है. इसके लिए हिंगाष्टक चूर्ण को 3 ग्राम रात में खाकर सोएं. इसके अलावा कब्ज के लिए दूध में 6-7 मुनक्का डालकर पकाएं और उस दूध को पिएं.

प्रेग्नेंसी के दौरान इन बातों पर ध्यान दें
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हल्दी वाला दूध जरूर पिएं. इसके अलावा सब्जियों में ज्यादा से ज्यादा हल्दी डालें. साथ ही घरेलू मसाले जैसे दालचीनी, तेजपत्ता आदि का खाने में ज्यादा प्रयोग करें. मानसिक तनाव के लिए प्राणायाम और भरपूर नींद लें. रात में कम से कम 8 घंटे और दिन में 2 घंटे सोना चाहिए. अगर डॉक्टर से चेकअप नहीं करवा पा रहे हैं तो डॉक्टर से फोन पर सलाह लें. घबराहट आदि होने पर अपने परिजनों से बात करें या फिर संगीत सुनें.

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