मुजफ्फरनगर: पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध और पौराणिक तीर्थ स्थल शुकतीर्थ स्थित महाशक्ति सिद्धपीठ में मंगलवार को पुरषोत्तम भगवान श्रीराम की 108 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा की स्थापना को लेकर भूमि पूजन विधि विधान के साथ सम्पन्न हुआ. इसके बाद प्रसाद का वितरण किया गया. साथ ही सभी अथितियों को पटका और शॉल पहनाकर सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम के मुख्य अथिति विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक दिनेशचन्द ने कहा कि भगवान श्री राम ने मानव रूपी शरीर में अनेक बार प्रकट होकर मानव का कल्याण किया है. भगवान श्री राम का जीवन सम्पूर्ण विश्व जगत के लिए प्रेरणादायक और कल्याण करने वाला है. मानव को प्रभु श्री राम ने जो अपनाया उसे अपनाना चाहिए. हिंदू धर्म एक व्यापक दृष्टिकोण है. राष्ट्र, समाज हित और प्राणी के कल्याण के लिए भगवान श्रीराम का चरित्र उदाहरण है. विश्वामित्र का चिंतन विचार गुरु वशिष्ठ से भिन्न था. विचारों में भिन्नता के बाद भी दोनों ने मिलकर एक विचार होकर प्रभु श्री राम को सिंहासन पर बैठाने के एकमत हो गए.
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उन्होंने कहा कि 1948 में जब इजराइल देश में आकर यहूदी पुनः इकट्ठा हुए तो भारत में पुनर्वास करने वाले यहूदियों के अनुभव सबसे अच्छे थे. भारत में पुनर्वास करने वाले यहूदियों ने बताया कि उन्हें भारत मे पूरा सम्मान और प्रेम मिला. सनातन संस्कृति की शरणागत जो भी आया उसका सत्कार किया गया.
वहीं, राजेंद्र सिंघल माता राज नंदेश्वरी स्वामी केशवानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि सुखदेव ऋषि की तपोभूमि पर भगवान श्री राम की प्रतिमा की स्थापना एक जन कल्याण होगा. इस अवसर पर मुख्य रूप से जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी योगीराज स्वामी प्रकाशानन्द जी महाराज ,जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल,विधानसभा संयोजक जोगेन्द्र वर्मा,ब्लॉक् प्रमुख अनिल राठी,पूर्व विधायक उमेश मलिक,सुधीर सैनी,अमरीश गोयल,साध्वी कमलेश,साध्वी निर्मला आदि लोग उपस्थित रहे.
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