मुजफ्फरनगर: जिले के पुरकाजी थाना क्षेत्र के गांव हरिनगर में सोमवार दोपहर खुदाई के दौरान खेत से निकली अंग्रेजी शासनकाल के समय की तोप पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है. इस तोप को लेकर जिला प्रशासन और भाकियू के बीच तकरार शुरू है. इसी बीच आगरा से तोप की जांच करने पुरातत्व विभाग की टीम पहुंची. इसको लेकर भाकियू का कहना है कि वह तोप को यहां से कहीं और नहीं ले जाने देंगे, साथ ही खुदाई में मिली तोप को यहीं पर रखा जाना चाहिए.
18वीं सदी की बताई जा रही तोप
सबसे पहले पुरातत्व विभाग की टीम पुलिस और जिला प्रशासन के साथ उस खेत पर पहुंची, जहां खुदाई के दौरान तोप मिली थी. वहां से कुछ मिट्टी के अंश लिए और उसके बाद सूली वाले बाग पहुंचे, जहां पर भाकियू ने तोप को रखा हुआ था. तोप की पूरी तरह जांच की और उस तोप को 18वीं सदी का बताया. साथ ही बताया कि ऐसी तोपें मैदानी इलाकों में नहीं पाई जाती हैं, बल्कि जैसलमेर में पाई जाती हैं.
पुरातत्व विभाग के अधिकारी ने दी जानकारी
पुरातत्व विभाग के अधिकारी डॉ. विनय गुप्ता ने बारीकी से जांच करते हुए बताया कि यहां पर एक प्राचीन तोप प्राप्त हुई है, जिसका निरीक्षण करने एवं नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए बुलाया गया था. तोप 18वीं शताब्दी या उससे पूर्व की हो सकती है, जोकि एक गोल्डप प्रकार की तोप है. इस प्रकार की तोपें मैदानी क्षेत्र में प्राप्त नहीं होती, जैसा कि प्राचीन किले है कुंभलगढ़ और लालकिला आगरा में यह तोप पाई जाती हैं. यह एक विशेष खोज है और इस क्षेत्र का भी एक सौभाग्य है कि ऐसी तोप की यहां पर प्राप्ति हुई है.
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