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मुजफ्फरनगर: तोप की जांच करने पहुंची पुरातत्व विभाग की टीम

यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में गुरुवार को आगरा से तोप की जांच करने पुरातत्व विभाग की टीम पहुंची. इस तोप को लेकर जिला प्रशासन और भाकियू के बीच तकरार शुरू है. भाकियू का कहना है कि वह तोप को कहीं और नहीं ले जाने देंगे.

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तोप की जांच करने पहुंची पुरातत्व विभाग की टीम
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Published : Jan 23, 2020, 2:16 PM IST

मुजफ्फरनगर: जिले के पुरकाजी थाना क्षेत्र के गांव हरिनगर में सोमवार दोपहर खुदाई के दौरान खेत से निकली अंग्रेजी शासनकाल के समय की तोप पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है. इस तोप को लेकर जिला प्रशासन और भाकियू के बीच तकरार शुरू है. इसी बीच आगरा से तोप की जांच करने पुरातत्व विभाग की टीम पहुंची. इसको लेकर भाकियू का कहना है कि वह तोप को यहां से कहीं और नहीं ले जाने देंगे, साथ ही खुदाई में मिली तोप को यहीं पर रखा जाना चाहिए.

तोप की जांच करने पहुंची पुरातत्व विभाग की टीम.

18वीं सदी की बताई जा रही तोप
सबसे पहले पुरातत्व विभाग की टीम पुलिस और जिला प्रशासन के साथ उस खेत पर पहुंची, जहां खुदाई के दौरान तोप मिली थी. वहां से कुछ मिट्टी के अंश लिए और उसके बाद सूली वाले बाग पहुंचे, जहां पर भाकियू ने तोप को रखा हुआ था. तोप की पूरी तरह जांच की और उस तोप को 18वीं सदी का बताया. साथ ही बताया कि ऐसी तोपें मैदानी इलाकों में नहीं पाई जाती हैं, बल्कि जैसलमेर में पाई जाती हैं.

पुरातत्व विभाग के अधिकारी ने दी जानकारी
पुरातत्व विभाग के अधिकारी डॉ. विनय गुप्ता ने बारीकी से जांच करते हुए बताया कि यहां पर एक प्राचीन तोप प्राप्त हुई है, जिसका निरीक्षण करने एवं नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए बुलाया गया था. तोप 18वीं शताब्दी या उससे पूर्व की हो सकती है, जोकि एक गोल्डप प्रकार की तोप है. इस प्रकार की तोपें मैदानी क्षेत्र में प्राप्त नहीं होती, जैसा कि प्राचीन किले है कुंभलगढ़ और लालकिला आगरा में यह तोप पाई जाती हैं. यह एक विशेष खोज है और इस क्षेत्र का भी एक सौभाग्य है कि ऐसी तोप की यहां पर प्राप्ति हुई है.

इसे भी पढ़ें- मुजफ्फरनगर: खेत में मिली ब्रिटिशकालीन तोप को लेकर शुरू हुई तकरार

मुजफ्फरनगर: जिले के पुरकाजी थाना क्षेत्र के गांव हरिनगर में सोमवार दोपहर खुदाई के दौरान खेत से निकली अंग्रेजी शासनकाल के समय की तोप पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है. इस तोप को लेकर जिला प्रशासन और भाकियू के बीच तकरार शुरू है. इसी बीच आगरा से तोप की जांच करने पुरातत्व विभाग की टीम पहुंची. इसको लेकर भाकियू का कहना है कि वह तोप को यहां से कहीं और नहीं ले जाने देंगे, साथ ही खुदाई में मिली तोप को यहीं पर रखा जाना चाहिए.

तोप की जांच करने पहुंची पुरातत्व विभाग की टीम.

18वीं सदी की बताई जा रही तोप
सबसे पहले पुरातत्व विभाग की टीम पुलिस और जिला प्रशासन के साथ उस खेत पर पहुंची, जहां खुदाई के दौरान तोप मिली थी. वहां से कुछ मिट्टी के अंश लिए और उसके बाद सूली वाले बाग पहुंचे, जहां पर भाकियू ने तोप को रखा हुआ था. तोप की पूरी तरह जांच की और उस तोप को 18वीं सदी का बताया. साथ ही बताया कि ऐसी तोपें मैदानी इलाकों में नहीं पाई जाती हैं, बल्कि जैसलमेर में पाई जाती हैं.

पुरातत्व विभाग के अधिकारी ने दी जानकारी
पुरातत्व विभाग के अधिकारी डॉ. विनय गुप्ता ने बारीकी से जांच करते हुए बताया कि यहां पर एक प्राचीन तोप प्राप्त हुई है, जिसका निरीक्षण करने एवं नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए बुलाया गया था. तोप 18वीं शताब्दी या उससे पूर्व की हो सकती है, जोकि एक गोल्डप प्रकार की तोप है. इस प्रकार की तोपें मैदानी क्षेत्र में प्राप्त नहीं होती, जैसा कि प्राचीन किले है कुंभलगढ़ और लालकिला आगरा में यह तोप पाई जाती हैं. यह एक विशेष खोज है और इस क्षेत्र का भी एक सौभाग्य है कि ऐसी तोप की यहां पर प्राप्ति हुई है.

इसे भी पढ़ें- मुजफ्फरनगर: खेत में मिली ब्रिटिशकालीन तोप को लेकर शुरू हुई तकरार

Intro:मुजफ्फरनगर: तोप की जांच करने पहुँची पुरातत्व विभाग की टीम

मुज़फ्फरनगर। पुरकाजी थाना क्षेत्र के गाँव हरिनगर में सोमवार दोपहर खुदाई के दौरान खेत से निकली अंग्रेजी शासक के समय की तोप पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है ।जहां इस तोप को लेकर किसान संगठन भाकियू व जिला प्रशासन में ठनी हुई है ।वही इसी बीच आगरा से तोप की जाँच करने पुरातत्व विभाग की टीम पुराकाजी पहुँची ।जहा सबसे पहले टीम पुलिस व जिला प्रशासन के साथ उस खेत पर पहुँची जहा से ये खुदाई के दौरान ये तोप मिली थी ।वहां से कुछ मिट्टी के अंश लिए और उसके बाद सूली वाले बाग पर पहुँचे जहा पर भाकियू द्वारा तोप को रखा हुआ था।तोप की पूरी तरह जांच की और उस तोप को 18 वी सदी की बताया साथ ही बताया कि ऐसी तोपे मैदानी इलाकों में नही पाई जाती है ये सब जसलमेर आदि में पाई जाती है ।
Body:पुरातत्व विभाग के अधिकारी डॉ विनय गुप्ता ने बारीकी से जांच की और बताया यहां पर एक प्राचीन तोप प्राप्त हुई है उसका निरीक्षण करने एवं नियम अनुसार कार्यवाई करने बुलाया गया था, लगता है 18 वीं शताब्दी या उससे पूर्व की ये तोप हो सकती है, और एक गोल्डप प्रकार की तोप है, अनुमान है इस प्रकार की तोपे मैदानी क्षेत्र में प्राप्त नहीं होती, जैसा कि प्राचीन किले है कुंभलगढ़ लालकिला आगरा में यह तोप पाई जाती है, तो यह एक विशेष खोज है और इस क्षेत्र का भी एक सौभाग्य है कि ऐसी तोप कि यहां प्राप्ति हुई है।

Conclusion:वहीं दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन ने साफ कह दिया है कि वह तोप को यहां से कहीं ओर नहीं ले जाने देंगे। खुदाई में मिली तोप को यहीं पर रखा जाना चाहिए।

BYTE= डॉ विनय गुप्ता (पुरातत्व विभाग अधिकारी आगरा)
BYTE= कुमार भूपेंद्र सिंह (एसडीएम मुज़फ्फरनगर)

अंकित मित्तल
9719007272
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