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एनीमिया मुक्त जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन - anemia mukt bharat program organized in muzaffarnagar

यूपी के मुजफ्फरनगर जिले एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद स्तरीय प्रशिक्षकों का ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के संचालन के लिए दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं.

एनीमिया मुक्त भारत
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Published : Dec 16, 2020, 5:04 PM IST

मुजफ्फरनगर: एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद स्तरीय प्रशिक्षकों का ऑनलाइन प्रशिक्षण मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण चोपड़ा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ. प्रशिक्षण कार्यक्रम में चिकित्सा विभाग के समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों, ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसिस मैनेजर, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर, जिला कार्यक्रम अधिकारी, बेसिक शिक्षा विभाग व माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया.

प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के संचालन के लिए दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं, जिसमें जनपद स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कोविड-19 के दृष्टिगत ऑनलाइन माध्यम से कराये जाने को कहा गया है, जबकि एएनएम एवं आशा कार्यकर्ताओं को दिया जाने वाला ब्लॉक स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण ऑनलाइन माध्यम से करना संभव नहीं है.

इसलिए सीएचसी और पीएचसी पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए भौतिक रूप से आयोजित किया जाएगा. आशा-एएनएम को प्रभारी चिकित्सा अधिकारी प्रशिक्षण देंगे. यह कार्यक्रम 17 दिसंबर को होगा. यूनीसेफ के डिविजन कंसलटेंट रवि प्रकाश श्रीवास्तव एवं रिजवान ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान एएनएम और आशा कार्यकर्ता को आईएफए (आयरन-फॉलिक एसिड) की गोली और सिरप के बारे में बताया जाएगा. उन्होंने बताया कि छह से 59 माह तक के बच्चों को आईएफए सिरप दिया जाता है, जबकि पांच से नौ वर्ष तक के बच्चों को आईएफए की पिंक गोली और 10 से 19 वर्ष तक के किशोरों (लड़के-लड़कियों) को आईएफए की नीली गोली दी जाती है.

गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को आयरन की लाल रंग की गोली दी जाती है. उन्होंने बताया कि गर्भवती और धात्री महिलाओं को आईएफए के साथ-साथ कैल्शियम की गोली भी खाना आवश्यक है. इस बात पर भी ध्यान देना है कि कैल्शियम एवं आईएफए की लाल गोली कभी भी एक साथ नहीं खानी है. कैल्शियम आईएफए के अवशोषण में कमी लाता है. इन दोनों गोलियों के सेवन में कम से कम दो घंटे का अंतर जरूरी है.

मुजफ्फरनगर: एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद स्तरीय प्रशिक्षकों का ऑनलाइन प्रशिक्षण मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण चोपड़ा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ. प्रशिक्षण कार्यक्रम में चिकित्सा विभाग के समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों, ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसिस मैनेजर, ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर, जिला कार्यक्रम अधिकारी, बेसिक शिक्षा विभाग व माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया.

प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के संचालन के लिए दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं, जिसमें जनपद स्तरीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कोविड-19 के दृष्टिगत ऑनलाइन माध्यम से कराये जाने को कहा गया है, जबकि एएनएम एवं आशा कार्यकर्ताओं को दिया जाने वाला ब्लॉक स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण ऑनलाइन माध्यम से करना संभव नहीं है.

इसलिए सीएचसी और पीएचसी पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए भौतिक रूप से आयोजित किया जाएगा. आशा-एएनएम को प्रभारी चिकित्सा अधिकारी प्रशिक्षण देंगे. यह कार्यक्रम 17 दिसंबर को होगा. यूनीसेफ के डिविजन कंसलटेंट रवि प्रकाश श्रीवास्तव एवं रिजवान ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान एएनएम और आशा कार्यकर्ता को आईएफए (आयरन-फॉलिक एसिड) की गोली और सिरप के बारे में बताया जाएगा. उन्होंने बताया कि छह से 59 माह तक के बच्चों को आईएफए सिरप दिया जाता है, जबकि पांच से नौ वर्ष तक के बच्चों को आईएफए की पिंक गोली और 10 से 19 वर्ष तक के किशोरों (लड़के-लड़कियों) को आईएफए की नीली गोली दी जाती है.

गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को आयरन की लाल रंग की गोली दी जाती है. उन्होंने बताया कि गर्भवती और धात्री महिलाओं को आईएफए के साथ-साथ कैल्शियम की गोली भी खाना आवश्यक है. इस बात पर भी ध्यान देना है कि कैल्शियम एवं आईएफए की लाल गोली कभी भी एक साथ नहीं खानी है. कैल्शियम आईएफए के अवशोषण में कमी लाता है. इन दोनों गोलियों के सेवन में कम से कम दो घंटे का अंतर जरूरी है.

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