मुजफ्फरनगरः अलनूर मीट फैक्ट्री मामले में पूर्व विधायक उमेश मलिक समेत 16 आरोपी मंगलवार को एमपी एमएलए कोर्ट में पेश हुए. जहां अदालत ने साक्ष्य ना होने पर सभी आरोपीयों को बरी कर दिया. अलनूर मीट प्लांट में तालाबंदी कर पुलिस पर हमला और तोड़फोड़ मामले में एमपी व एमएलए कोर्ट ने आरोपी पूर्व भाजपा विधायक सहित 16 हिंदूवादी नेताओं पर आज फैसला सुनाया है.
थाना सिखेड़ा क्षेत्र के गांव निराना में अलनूर मीट प्लांट को लेकर 2006 में काफी हंगामा हुआ था. इस मामले में बुढ़ाना के पूर्व विधायक उमेश मलिक, स्वामी यज्ञमुनि, आरएसएस नेता ओमकार सिंह, क्रांति सेना के अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा, भाजपा नेता संजय अग्रवाल, राजीव मित्तल, ललित पांचाल, पंडित रामानुज दुबे, राजेश गोयल, राजू धीमान, राजेश्वर आर्य, सरोज पाल, अनिल कुमार, धर्मेंद्र तोमर, शरद कपूर, नरेंद्र पंवार, संजीव कौशिक, पुनीत गुलाठी, रावेंद्र और मोहन बाबा को आरोपी बनाया गया था. आज सभी आरोपी कोर्ट में पेश हुए. जहां पर साक्ष्यों के अभाव में सभी आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है. सभी ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है.
इस मामले में 14 अगस्त 2006 को सब इंस्पेक्टर इंदल सिंह ने पूर्व विधायक उमेश मलिक सहित 16 लोगों के विरुद्ध संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. थाना सिखेड़ा के दरोगा इंदल सिंह ने मुकदमा दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि 10 अगस्त 2006 को अलनूर मीट बंद कराने की मांग की जा रही थी. जिसको लेकर यज्ञमुनि की अध्यक्षता में 10 सदस्य समिति का गठन किया गया था. समिति के सदस्यों ने अलनूर मीट प्लांट गेट के बाहर हवन यज्ञ प्रारंभ कर दिया था. इसी के तहत 14 अगस्त को यज्ञमुनी ने अपने समर्थकों सहित फैक्ट्री गेट पर आने जाने वाले वाहनों को रोक दिया था. आरोप था कि इस मामले में जब पुलिसकर्मियों ने लोगों को समझाया तो उन्होंने अपने समर्थकों सहित पुलिस पर हमला बोल दिया था. इस मारपीट में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. इसके अलावा तोड़फोड़ और आगजनी जमकर की गई थी.
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