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स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कम्युनिटी शौचालय का करेंगी संचालन

स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण हो रहा है. इसकी कमान राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के हाथ में होगी. इसके लिए महिलाओं को 6 हजार रुपये मानदेय पंचायत की तरफ से दिया जाएगा.

कम्युनिटी शौचालय
कम्युनिटी शौचालय
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Published : Mar 18, 2021, 10:16 AM IST

चंदौलीः स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों में सामुदायिक शौचालय बन रहे हैं. इनकी कमान राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के हाथ में होगी. समूह की महिलाएं कम्युनिटी शौचालयों की देखभाल के साथ ही साफ-सफाई और रखरखाव का काम भी काम देखेंगी. इसके बदले ग्राम पंचायत महिला समूह को 6 हजार रुपये मानदेय देगी. इसके अलावा उसके रख-रखाव और मेंटीनेंस के लिए 3 हजार रुपये अतिरिक्त खर्च दिए जाएंगे. इसको लेकर जिले में ग्राम पंचायत और समूहों के बीच अनुबंध की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जल्द ही दीदियां जिले भर में इसकी कमान भी संभाल लेंगी.

कम्युनिटी शौचालय का संचालन.

लगभग सभी कम्युनिटी शौचालय बनकर तैयार
जिले के सभी 734 ग्राम पंचायतों में पांच-पांच लाख रुपये के बजट से सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है. ताकि गांव में जिन लोगों के पास शौचालय नहीं है, उन्हें खुले में शौच के लिए बाध्य न होना पड़े. जनपद की सभी ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण की प्रक्रिया प्रगति पर है. इसमें 70 फीसद से ज्यादा शौचालय बनकर तैयार भी हो चुके हैं.

एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में प्रक्रिया की हुई शुरुआत
सरकार ने सामुदायिक शौचालयों की देखरेख की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को देने का निर्देश दिया है. एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट चन्दौली में इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. ग्राम पंचायतों और समूहों के बीच बाकायदा अनुबंध किया जा रहा है. ताकि भविष्य में किसी तरह की अड़चन न आने पाए.

यह भी पढ़ेंः-परिणय सूत्र में एक साथ बंधेंगे 3500 जोड़े, सीएम योगी देंगे आशीर्वाद

9 हजार का होगा मासिक भुगतान
स्वयं सहायता समूह की दीदियों को कम्युनिटी शौचालय के संचालन के लिए बाकायदा 6 हजार रुपये की धनराशि मानदेय के रूप में दी जाएगी. इसके अलावा शौचालय की साफ-सफाई, मरम्मत, यूटिलिटी चार्जेज, डिटर्जेंट, ब्रश समेत अन्य इंतजामों के लिए 3 हजार प्रति माह दिया जाएगा.

जरूरत मंद को दिया रोजगार
खास बात यह है कि कम्युनिटी शौचालय के संचालन में ऐसी महिलाओं को शामिल किया जाएगा. जो आर्थिक रूप से अशक्त हों साथ ही साफसफाई का काम कर सकें और जरूरतमंद हो.

खुले में शौच की परंपरा होगी समाप्त
इस बाबत डीसी एनआरएलएम एमपी चौबे ने बताया कि सामुदायिक शौचालयों की देखरेख की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सौंपी जाएगी. इसके बाबत संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है. इससे महिलाओं को रोजगार मिलेगा. वहीं खुले में शौच की परंपरा भी समाप्त होगी.

चंदौलीः स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों में सामुदायिक शौचालय बन रहे हैं. इनकी कमान राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के हाथ में होगी. समूह की महिलाएं कम्युनिटी शौचालयों की देखभाल के साथ ही साफ-सफाई और रखरखाव का काम भी काम देखेंगी. इसके बदले ग्राम पंचायत महिला समूह को 6 हजार रुपये मानदेय देगी. इसके अलावा उसके रख-रखाव और मेंटीनेंस के लिए 3 हजार रुपये अतिरिक्त खर्च दिए जाएंगे. इसको लेकर जिले में ग्राम पंचायत और समूहों के बीच अनुबंध की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जल्द ही दीदियां जिले भर में इसकी कमान भी संभाल लेंगी.

कम्युनिटी शौचालय का संचालन.

लगभग सभी कम्युनिटी शौचालय बनकर तैयार
जिले के सभी 734 ग्राम पंचायतों में पांच-पांच लाख रुपये के बजट से सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है. ताकि गांव में जिन लोगों के पास शौचालय नहीं है, उन्हें खुले में शौच के लिए बाध्य न होना पड़े. जनपद की सभी ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण की प्रक्रिया प्रगति पर है. इसमें 70 फीसद से ज्यादा शौचालय बनकर तैयार भी हो चुके हैं.

एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में प्रक्रिया की हुई शुरुआत
सरकार ने सामुदायिक शौचालयों की देखरेख की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को देने का निर्देश दिया है. एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट चन्दौली में इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. ग्राम पंचायतों और समूहों के बीच बाकायदा अनुबंध किया जा रहा है. ताकि भविष्य में किसी तरह की अड़चन न आने पाए.

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9 हजार का होगा मासिक भुगतान
स्वयं सहायता समूह की दीदियों को कम्युनिटी शौचालय के संचालन के लिए बाकायदा 6 हजार रुपये की धनराशि मानदेय के रूप में दी जाएगी. इसके अलावा शौचालय की साफ-सफाई, मरम्मत, यूटिलिटी चार्जेज, डिटर्जेंट, ब्रश समेत अन्य इंतजामों के लिए 3 हजार प्रति माह दिया जाएगा.

जरूरत मंद को दिया रोजगार
खास बात यह है कि कम्युनिटी शौचालय के संचालन में ऐसी महिलाओं को शामिल किया जाएगा. जो आर्थिक रूप से अशक्त हों साथ ही साफसफाई का काम कर सकें और जरूरतमंद हो.

खुले में शौच की परंपरा होगी समाप्त
इस बाबत डीसी एनआरएलएम एमपी चौबे ने बताया कि सामुदायिक शौचालयों की देखरेख की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सौंपी जाएगी. इसके बाबत संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है. इससे महिलाओं को रोजगार मिलेगा. वहीं खुले में शौच की परंपरा भी समाप्त होगी.

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