चंदौली: यूं ही चन्दौली नहीं देश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल है. पिछड़ेपन का दंश झेल रही चन्दौली की एक बानगी नौगढ़ में देखने को मिली. जहां लोगों को लोकतंत्र के महापर्व में शिरकत करने के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ी. कुछ ऐसा ही नजारा चकिया विधानसभा देखने को मिला. जहां बाघी के कोठी घाट, नया घाट व खजुरो के ग्रामीण नाव पर सवार होकर मंगरही वोट देने के लिए जाना पड़ा. इस दौरान मतदाताओं में मतदान के प्रति जुनून और सिस्टम के खिलाफ आक्रोश दिखा.
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दरअसल, नक्सल प्रभवित नौगढ़ के बाघी में 500 की आबादी वाले पूरबा में 217 मतदाता है. इसमें 124 पुरुष व 93 महिलाएं शामिल हैं. इन मतदाताओं के लिए नौगढ़ स्थित कंपोजिट विद्यालय में मतदान केंद्र बनाया गया था. गांव से नौगढ़ के रास्ते में बांध का पानी भरा रहता है. ऐसे में ग्रामीणों को कहीं भी आने- जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है. मतदान के दौरान भी कुछ ऐसी ही स्थिति रही. दर्जनों की संख्या में पुरुष व महिला मतदाता नाव पर सवार होकर वोट देने पहुंचे.
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यहां के मतदाताओं का कहना है कि हर बार चुनाव में सभी दलों के प्रत्याशी हमारी दुश्वारियों को दूर करने के लिए वादा करते हैं की सरकार बनने या चुनाव जीतने के बाद पीपा पुल बनवाया जाएगा. लेकिन चुनाव जितने के बाद हमारी समस्याओं को भूलकर सिर्फ लखनऊ का चक्कर काटते हैं. आजादी के सात दशक बाद भी विकास से कोषों दूर जंगलों और पहाड़ों पर जीवन बिताने को मजबूर है. लेकिन लोकतंत्र के इस महापर्व में शामिल होकर विकास की यह जद्दोजहद आगे भी जारी रहेगी.
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