चंदौली: समाजवादी पार्टी की तरफ से चकिया उम्मीदवार जितेंद्र कुमार की घोषणा के बाद पार्टी में विरोध शुरू हो गया था. लेकिन सपा की वेबसाइट से चकिया प्रत्याशी जितेंद्र कुमार एडवोकेट का नाम गायब होने के कई मायने निकाले जा रहे हैं. चर्चा है कि लगातार मिल रही शिकायतों और कुछ नेताओं की बगावत के चलते उनका टिकट होल्ड कर दिया गया है. जबकि खुद जितेंद्र कुमार इसे तकनीकी दिक्कत और विरोधियों की चाल बता रहे हैं.
दरअसल, सपा ने जिले की चकिया विधानसभा से पूर्व विधायक जितेंद्र कुमार को प्रत्याशी बनाया है. हालांकि कुछ नेताओं को पार्टी का यह फैसला रास नहीं आया. विरोध तब और तेज हो गया जब जितेंद्र कुमार का आडियो वायरल हुआ. कुछ नेता शिकायत लेकर लखनऊ पार्टी कार्यालय पहुंचे थे. इन सब घटनाक्रमों के बीच सपा की वेबसाइट से प्रत्याशी जितेंद्र कुमार का नाम ही गायब हो गया. जबकि सकलडीहा से प्रभुनारायण यादव और सैयदराजा से मनोज सिंह का नाम दिख रहा है.
इसके बाद से ही कयासों का दौर शुरू हो गया है. चर्चा है कि पार्टी टिकट में बदलाव कर सकती है. क्षेत्र के टिकट के कुछ दावेदार भी लखनऊ में डट गए हैं. इस बाबत सपा प्रत्याशी जितेंद्र कुमार का कहना है कि यह विपक्षियों की चाल है. सभी कयास बेबुनियाद हैं. नामांकन हो गया हौ और सिंबल जमा हो गया है. फिर टिकट कटने का सवाल ही नहीं बनता. विरोधी दलों की ओर से यह अफवाह उड़ाई जा रही है. जिस वेबसाइट की बात की जा रही है, उस पर कई प्रत्याशियों का नाम नहीं है. चंदौली में सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड मेरे नाम होने वाला है.
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मामले में सपा जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राजभर ने बताया कि साइट पर नाम दिखने या न दिखने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है. इसकी पूरी मानिटरिंग केंद्रीय नेतृत्व लखनऊ के की तरफ से की जा रही है. वहां से इसका निर्धारण होना है. उन्होंने चकिया विधानसभा के प्रत्याशी बदले जाने पर कहा कि उन्हें इसकी भी कोई जानकारी नहीं है. जो भी होगा समाजवादी पार्टी के लखनऊ कार्यालय से होगा.
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