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चंदौली के काला चावल की UNDP ने की तारीफ, ब्रांडिंग और एक्सपोर्ट को बताया रोल मॉडल

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Published : Jun 18, 2021, 2:01 PM IST

चंदौली में किये जा रहे काले चावल की संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की ताजा रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की खूब सराहना की जा रही है. कृषि को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी की इस नीति से चंदौली जनपद को बहुत लाभ मिला है. काले चावल की खेती से किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है.

औषधीय गुणों से भरपूर काला चावल
औषधीय गुणों से भरपूर काला चावल

चंदौली : जिले में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने की बात को सार्थक करने के प्रयास में यूपी सरकार की नीति रंग लाई है. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की ताजा रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के चंदौली के 'काले चावल' की फसल की खूब सराहना की है. इस रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की जमकर तारीफ की गई है. UNDP ने न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया को ब्लैक राइस के निर्यात को लेकर यूपी के चंदौली जिले की आकांक्षात्मक जनपद के रूप में तारीफ की है. इसके साथ ही राज्यों और अन्य देशों को उत्तर प्रदेश के इस सर्वोत्तम प्रयास को अभ्यास में लाने की सलाह भी दी है.

कृषि को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी की इस नीति से चंदौली जनपद को बहुत लाभ मिला है. आमतौर पर काला चावल (Black Rice) की खेती मिर्जापुर जनपद के जमालपुर, लालगंज, हलिया, रामगढ़, पहाड़ी के ब्लॉक क्षेत्रों में होती है. लेकिन वैश्विक बाजार में चंदौली काला चावल की डिमांड अधिक है. न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में काले चावल का निर्यात तेजी से हो रहा है.

तीन सौ क्विंटल से 12 हजार क्विंटल तक का सफर

बताते दें कि काला चावल (Black Rice) को सुगर फ्री चावल भी कहते है. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट के साथ ही जिंक आयरन, फॉस्फोरस समेत अन्य तत्व प्रचुर मात्रा में विद्यमान है. ब्लैक राइस कैंसर और डायबिटीज जैसे मरीजों के लिए बहुत उपयोगी है. इसके साथ ही पूरी तरीके से ऑर्गेनिक है. बता दें कि औषधीय गुणों से भरपूर ब्लैक राइस लोगों की सेहत के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने में भी काफी कारगर है.

पीएम मोदी की पहली सरकार में केंद्रीय मंत्री रही मेनका गांधी जब चंदौली आई थीं. उसी दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने की बात को सकारात्मक रूप देने के लिए 2018 में 30 किसानों से काले चावल की खेती 10 हेक्टेयर में कराई गई थी. उस दौरान लगभग 300 क्विंटल काले चावल का उत्पादन हुआ. उसके बाद जिले में अन्य किसानों ने भी काले चावल की खेती करनी शुर कर दी. जिससे बाद से उत्पादन में बढ़ोतरी देखी गई.

मेनका गांधी की पहल पर तत्कालीन कृषि अधिकारी आर के सिंह ने मणिपुर से काले चावल का बीज मंगवाकर 30 प्रगतिशील किसानों से दस हेक्टेयर में खेती करने के लिए कहा था. वर्ष 2018 में तीस किसानों द्वारा दस हेक्टेयर में लगभग तीन सौ क्विंटल का उत्पाद किया गया. उसके बाद उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों की संख्या में वृद्धि कर साल 2019 में 400 किसानों द्वारा 250 हेक्टेयर में काले चावल की खेती की गई. जिसमें लगभग 8 हजार क्विंटल काले चावल का उत्पादन हुआ. इसके साथ ही 2020 में जनपद में काले चावल का उत्पादन और बढ़ गया.

जिले में एक हजार किसानों द्वारा पांच सौ हेक्टेयर में काले चावल को खेती की गई और लगभग 12 हजार क्विंटल काले चावल का उत्पाद हुआ. इसके साथ काले चावल से किसानों को उनकी फसल के अच्छे दाम भी मिल जाते हैं. जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ रही है. वहीं चावल खाने वालों के लिए पौष्टिक चावल भी मिल रहा है. चन्दौली का यह चावल अन्तराष्ट्रीय बाजार में छाया हुआ है. जिससे जिले के साथ प्रदेश और देश का मान भी बढ़ गया है.

पिछले साल 30 नवंबर को काशी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चंदौली के काले चावल और किसानों की जमकर तारीफ की थी. ब्लैक राइस की पैदावार की दर चंदौली जिले के प्रचलित धान की फसल जीआर-32 के बराबर है. जबकि बाजार में इसकी कीमत जीआर- 32 के चावल से कई गुना ज्यादा है. जिससे किसानों की आय में इजाफा होगा.

इस संबंध में चंदौली जिलाधिकारी संजीव सिंह ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम में चंदौली काला चावल की खेती की सराहना की गई है. साथ ही साथ आकांक्षात्मक जनपदों में 2018 से अब तक हुए बदलाव में जनपद चंदौली को पूरे देश में दूसरा स्थान मिला है. प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से जनपद चंदौली में एक अभिनव प्रयोग करते हुए काले चावल की खेती प्रारंभ की गई थी. इसमें किसानों को नेट प्रॉफिट 4 से 5 गुना अधिक प्राप्त हो रहा है. चंदौली जनपद के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. इसके लिए मैं सभी किसान भाइयों और कृषि वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं.

इसे भी पढे़ं-चंदौली के चोरों ने पुलिस को दी चुनौती, अब 4 लैपटॉप और नगदी उड़ाए

चंदौली : जिले में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने की बात को सार्थक करने के प्रयास में यूपी सरकार की नीति रंग लाई है. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की ताजा रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के चंदौली के 'काले चावल' की फसल की खूब सराहना की है. इस रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की जमकर तारीफ की गई है. UNDP ने न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया को ब्लैक राइस के निर्यात को लेकर यूपी के चंदौली जिले की आकांक्षात्मक जनपद के रूप में तारीफ की है. इसके साथ ही राज्यों और अन्य देशों को उत्तर प्रदेश के इस सर्वोत्तम प्रयास को अभ्यास में लाने की सलाह भी दी है.

कृषि को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी की इस नीति से चंदौली जनपद को बहुत लाभ मिला है. आमतौर पर काला चावल (Black Rice) की खेती मिर्जापुर जनपद के जमालपुर, लालगंज, हलिया, रामगढ़, पहाड़ी के ब्लॉक क्षेत्रों में होती है. लेकिन वैश्विक बाजार में चंदौली काला चावल की डिमांड अधिक है. न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में काले चावल का निर्यात तेजी से हो रहा है.

तीन सौ क्विंटल से 12 हजार क्विंटल तक का सफर

बताते दें कि काला चावल (Black Rice) को सुगर फ्री चावल भी कहते है. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट के साथ ही जिंक आयरन, फॉस्फोरस समेत अन्य तत्व प्रचुर मात्रा में विद्यमान है. ब्लैक राइस कैंसर और डायबिटीज जैसे मरीजों के लिए बहुत उपयोगी है. इसके साथ ही पूरी तरीके से ऑर्गेनिक है. बता दें कि औषधीय गुणों से भरपूर ब्लैक राइस लोगों की सेहत के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने में भी काफी कारगर है.

पीएम मोदी की पहली सरकार में केंद्रीय मंत्री रही मेनका गांधी जब चंदौली आई थीं. उसी दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने की बात को सकारात्मक रूप देने के लिए 2018 में 30 किसानों से काले चावल की खेती 10 हेक्टेयर में कराई गई थी. उस दौरान लगभग 300 क्विंटल काले चावल का उत्पादन हुआ. उसके बाद जिले में अन्य किसानों ने भी काले चावल की खेती करनी शुर कर दी. जिससे बाद से उत्पादन में बढ़ोतरी देखी गई.

मेनका गांधी की पहल पर तत्कालीन कृषि अधिकारी आर के सिंह ने मणिपुर से काले चावल का बीज मंगवाकर 30 प्रगतिशील किसानों से दस हेक्टेयर में खेती करने के लिए कहा था. वर्ष 2018 में तीस किसानों द्वारा दस हेक्टेयर में लगभग तीन सौ क्विंटल का उत्पाद किया गया. उसके बाद उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों की संख्या में वृद्धि कर साल 2019 में 400 किसानों द्वारा 250 हेक्टेयर में काले चावल की खेती की गई. जिसमें लगभग 8 हजार क्विंटल काले चावल का उत्पादन हुआ. इसके साथ ही 2020 में जनपद में काले चावल का उत्पादन और बढ़ गया.

जिले में एक हजार किसानों द्वारा पांच सौ हेक्टेयर में काले चावल को खेती की गई और लगभग 12 हजार क्विंटल काले चावल का उत्पाद हुआ. इसके साथ काले चावल से किसानों को उनकी फसल के अच्छे दाम भी मिल जाते हैं. जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ रही है. वहीं चावल खाने वालों के लिए पौष्टिक चावल भी मिल रहा है. चन्दौली का यह चावल अन्तराष्ट्रीय बाजार में छाया हुआ है. जिससे जिले के साथ प्रदेश और देश का मान भी बढ़ गया है.

पिछले साल 30 नवंबर को काशी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चंदौली के काले चावल और किसानों की जमकर तारीफ की थी. ब्लैक राइस की पैदावार की दर चंदौली जिले के प्रचलित धान की फसल जीआर-32 के बराबर है. जबकि बाजार में इसकी कीमत जीआर- 32 के चावल से कई गुना ज्यादा है. जिससे किसानों की आय में इजाफा होगा.

इस संबंध में चंदौली जिलाधिकारी संजीव सिंह ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम में चंदौली काला चावल की खेती की सराहना की गई है. साथ ही साथ आकांक्षात्मक जनपदों में 2018 से अब तक हुए बदलाव में जनपद चंदौली को पूरे देश में दूसरा स्थान मिला है. प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से जनपद चंदौली में एक अभिनव प्रयोग करते हुए काले चावल की खेती प्रारंभ की गई थी. इसमें किसानों को नेट प्रॉफिट 4 से 5 गुना अधिक प्राप्त हो रहा है. चंदौली जनपद के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. इसके लिए मैं सभी किसान भाइयों और कृषि वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं.

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