चंदौली: जिले में धान की कटाई के बाद पराली जलाने वालों की खैर नहीं है. ठंड के बीच बढ़ रही एयर क्वालिटी इंडेक्स और खराब हो रही आबोहवा के मद्देनजर पराली जलाने वालों की निगरानी के लिए तहसील स्तर पर सचल दल और ग्राम पंचायत स्तर लेखपाल और सचिवों को जिम्मेदारी दी गई है. वहीं जांच के दौरान खेत में कोई भी व्यक्ति पराली जलाते हुए पाया गया तो उससे बड़े पैमाने पर जुर्माना वसूला जाएगा. जिलाधिकारी ईशा दुहन ने भी जिले के सभी ग्राम प्रधानों से इस मुहिम में सहयोग की अपील की है.
उप कृषि निदेशक विजेंद्र कुमार ने बताया कि धान के फसल की कम्बाइन हार्वेस्टिंग मशीन से कटाई के दौरान सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम या स्ट्रारीपर अथवा स्ट्रा रेक एवं बेलर का प्रयोग अनिवार्य है. चेताया कि बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम मशीन के प्रयोग करने वाले कम्बाइन मशीन संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.
उन्होंने बताया कि पराली जलाने पर 2 एकड़ से कम रकबा पर 25 सौ रूपये, 2 से 5 एकड़ रकबा के लिए 5 हजार और 5 एकड़ से अधिक रकबा के लिए 15 हजार रूपये जुर्माना लगाया जाएगा. पराली जलाने की घटनाओं के रोकथाम के लिए जिला स्तर पर एडीएम की अध्यक्षता में तथा तहसील स्तर सचल दस्ता एसडीएम की अध्यक्षता में निगरानी करेगा. वहीं न्याय पंचायत में कृषि विभाग एवं लेखपालों को जिम्मेदारी दी गई है.
इसके अलावा डीएम ईशा दुहन ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए जिले के सभी ग्राम प्रधानों से सहयोग करने का अपील किया है. वहीं, पराली को जैविक खाद में परिवर्तित करने के लिए अभी तक 22 हजार से अधिक वेस्ट डिकम्पोजर का वितरण किया गया है. इसके अलावा फसल अवशेष प्रबंधन की योजना के तहत कृषि यन्त्रों पर व्यक्तिगत किसानों को सब्सिडी दिया जा रहा है.
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