चंदौली: पुलिस के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकना समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू को महंगा पड़ गया. पुलिस ने उनके सुरक्षा में लगे गनर को हटा दिया. पुलिस की इस कार्रवाई को सपा नेता ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि पुलिस सत्ता पक्ष के प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर रही है. यहीं नहीं उन्होंने अपनी हत्या की आशंका भी जताई.
पूर्व विधायक मनोज सिंह का आरोप है कि धानापुर थाना प्रभारी के बयान को संज्ञान में लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए आंदोलन करने की चेतावनी से पुलिस महकमा नाराज था. अपनी इसी नाराजगी व सत्ता पक्ष के नेताओं के इशारे पर 17 अगस्त की शाम को उनकी सुरक्षा हटा ली गयी. इस बाबत न तो मुझे कोई जानकारी उपलब्ध करायी गयी और ना ही पुलिस कार्यालय से कोई पत्र ही प्राप्त हुआ. इस बारे में पूछने पर पुलिस महकमे ने सुरक्षा में तैनात आरक्षी के खर्च की अदायगी न होना कारण बताया. जबकि पूर्व में भी उनको इसकी लिखित सूचना दी जाती थी. उनका दावा है कि वो पुलिस महकमे को सुरक्षा के एवज में दिए जाने धनराशि का समय पर भुगतान करते रहे हैं.
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पूर्व विधायक ने कहा की सुरक्षा हटाने के पीछे कोई ठोस व संतोषजनक जवाब चंदौली पुलिस ने नहीं दिया. जब मैंने जिम्मेदार पुलिस अफसरों से जवाब-तलब किया कि किस जांच एजेंसी अथवा पुलिस अधिकारी के रिपोर्ट के आधार पर मेरी सुरक्षा हटाई गई है, तो कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला. इस प्रकरण को लेकर वे डीजीपी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखेंगे. उन्होंने कहा कि पुलिस के इस काम से मेरी सुरक्षा दांव पर लग गयी है. ऐसे में यदि मेरे साथ कोई अप्रिय घटना होती है, तो उसके लिए सीधे तौर पर चंदौली पुलिस जिम्मेदार होगी.
गौरतलब है कि पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू 2012 के विधानसभा चुनाव में ब्रजेश सिंह को निर्दल प्रत्याशी के तौर पर चुनाव हराकर चर्चा में आये थे. इसके बाद वो समाजवादी पार्टी में वापस आ गए. हालांकि 2017 विधानसभा चुनाव में एमएलसी ब्रजेश सिंह के भतीजे सुशील सिंह ने उन्हें हरा दिया था. आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में दोनों धुरंधरों के एक बार फिर आमने सामने होने की उम्मीद जताई जा रही है.