चन्दौली: किसी ने क्या खूब कहा है, 'मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है. पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है'. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है चंदौली की बेटी शाजिया इकबाल ने. उन्होंने नासा की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता में जीत हासिल की और साइंटिस्ट फॉर ए डे का खिताब हासिल किया है.
शाजिया मूल रूप से दीनदयाल नगर के कसाब महल की रहने वाली हैं. वर्तमान में सऊदी अरब के रियाद शहर में रहती हैं. चंदौली की बेटी शाजिया ने इस उपलब्धि से न सिर्फ जनपद बल्कि देश का नाम ऊंचा किया है. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर ईटीवी भारत ने शाजिया इकबाल से खास बातचीत की.
नासा द्वारा निबंध प्रतियोगिता में शाजिया ने हासिल किया प्रथम स्थान
नासा प्रतिवर्ष ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता आयोजित कराती है. इस वर्ष भी निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. 'साइंटिस्ट ए डे' शीर्षक आयोजित निबंध में शीर्षक इंसेलाड्स, टाइटन, यूरोपा विषय पर 500 शब्दों में निबंध लिखना था. इसके माध्यम से अंतरिक्ष के क्षेत्र में छात्र के रूचि की जानकारी ली गई. जून के पहले सप्ताह में इसका परिणाम घोषित किया गया. शाजिया को इंसेलाड्स विषय पर अच्छा निबंध लिखने पर पहला स्थान मिला. नासा के वीडियो पावर सिस्टम के मैनेजर जॉन हेमली का हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र शाजिया को दिया गया.
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ओलंपियाड में भी पहला स्थान प्राप्त कर चुकी हैं शाजिया
नगर के कसाब महाल निवासी एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर मोहम्मद इकबाल आबिद की पुत्री शाजिया वर्तमान में सऊदी अरब में रहती हैं. शाजिया सऊदी अरब के रियाद शहर में माडर्न मिडल ईस्ट इंटरनेशनल स्कूल के सातवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही हैं. इसके पूर्व 2016 में शाजिया ने ऑनलाइन ओलंपियाड में पहला स्थान प्राप्त किया था. जुलाई 2017 में इंडियन ब्लॉगर अवार्ड भी हासिल किया था.
डॉक्टर बनना चाहती हैं शाजिया
शाजिया का कहना है कि उन्हें बचपन से ही लिखने पढ़ने का शौक रहा है. स्कूल, त्योहार, यात्रा वृत्तांत सहित तमाम बिंदुओं पर उन्होंने ब्लॉग लिखा है. शाजिया अब तक दो सौ से ज्यादा ब्लॉग लिख चुकी हैं. यहीं नहीं शाजिया ने किताब भी लिखी है. 12 वर्षीय शाजिया इकबाल बड़े होकर डॉक्टर बनना चाहती हैं. इसके अलावा उनका ब्लॉगर प्रेम भी समान है.
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शाजिया की इस उपलब्धि से परिजन खुश
बेटी शाजिया की इस उपलब्धि से परिवार के लोग भी खुश हैं. कारगिल की लड़ाई में अपना योगदान दे चुके पिता आबिद इकबाल भी बेटी के इस हुनर से खुश हैं. वो चाहते हैं कि अपनी रूचि के अनुसार वह अपना भविष्य चुने. साथ ही नासा की प्रतियोगिता के बारे में बताया कि अमेरिका के एक टूर के दौरान नासा जाने का मौका मिला. यहां इस बाबत जानकारी हुई. इस ऑनलाइन निबंध प्रतियोगिता के लिए इंसेलाड्स विषय का चयन किया और इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया.