चंदौली: एक तरफ जहां कोरोना ने उद्योग धंधों पर आर्थिक ग्रहण लगा दिया है. तो वहीं दूसरी तरफ सरकार की नई नीतियों ने राइस मिल उद्योग की कमर तोड़ कर रख दी है. धान की कुटाई के बाद चावल रिकवरी दर घटाने व मिलिंग खर्च में इजाफा करने की मांग को लेकर आंदोलित व सरकार के खिलाफ आक्रोशित जनपद के राइस मिलर्स सोमवार को चाभियों का गुच्छा लेकर सड़क पर नजर आए.
नाराज राइस मिलसों ने विपणन कार्यालय पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की. साथ ही जिला विपणन अधिकारी अनूप श्रीवास्तव से मिलकर अपने-अपने राइस मिल की चाबी सौंपने के साथ ही मांग-पत्र देकर सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाए जाने की मांग की. कहा कि विभाग अपने कर्मचारी से धान कुटाई कराकर चावल जमा कर लें.
इस दौरान पूर्वांचल राइस मिलर संघ के अध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में चावल उद्योग प्रदेश में बदहाली की कगार पर है. ऐसी स्थिति में यदि चावल उद्योग की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वह तबाह व बर्बाद हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में खरीफ सीजन में क्रय केन्द्रों पर जो धान खरीदा जाता है. उसमें 58 प्रतिशत से लेकर 60 प्रतिशत तक ही चावल की रिकवरी आती है. जबकि मिलर्स से 67 प्रतिशत रिकवरी ली जाती है. जिससे मिलों को जबरदस्त आर्थिक हानि होती है. ऐसी स्थिति में रिकवरी प्रतिशत को 67 प्रतिशत से घटाकर 58 से 60 प्रतिशत तक किया जाय.
धान कुटाई के एवज में मिलर्स को 10 रुपये प्रति कुंतल कुटाई चार्ज और विगत दो वर्षों से 20 रुपया प्रति कुंतल प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, जबकि विगत 20 वर्षों से लेबर चार्ज, बिजली व डीजल आदि की कीमतें कई गुना बढ़ी है. इसे देखते हुए मिलर्स को कुटाई प्रोत्साहन राशि 250 रुपये प्रति कुंतल किया जाय.
उन्होंने कहा कि धान की कुटाई जाड़े के मौसम में होती है, ऐसी स्थिति में मौसम और गोदामों में लेबर की कमी, पीडीएस उठान में रैक आदि लग जाने के कारण 45 दिन में चावल का उतार नहीं हो पाता है. लिहाजा होल्डिंग चार्ज की अवधि 45 दिन से बढ़ाकर 75 दिन की जाय.
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संजीव सिंह ने कहा कि गत कई वर्षों का मिलर्स का विभिन्न एजेन्सियों पर भुगतान बकाया है. इसका भुगतान ब्याज के साथ खाद्य विभाग के द्वारा किया जाय. पुराने बकायेदार मिलर्स के लिए एकमुश्त समाधान योजना लागू करके काम करने का अवसर दिया जाय. लाट डिपो पर यदि 24 घंटे में अनलोड न हो तो मिलर्स को तीन हजार रुपये प्रतिदिन का होल्टेज कराया जाय. यदि उपरोक्त मांगे मिलर्स की नहीं मानी जाती है. तब तक राइस मिलर्स सरकारी धान की कुटाई नहीं करेंगे.
इस पर डिप्टी आरएमओ अनूप श्रीवास्तव ने कहा कि मिल एसोसिएशन की तरफ से मांग पत्र के साथ चाभी का गुच्छा सौंपा गया है. जिससे धान खरीद प्रभावित होगी. जिसको देखते हुए इनकी मांगों के बाबत विभागीय उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के साथ ही समय रहते इस मुद्दे का हल निकाला जाएगा.
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