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इको टूरिज्म की तर्ज पर डेवलप होगा पूर्वांचल का हिल स्टेशन चंदौली, एडवेंचर का मजा ले सकेंगे सैलानी

चंदौली प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. औरवाताड़ के प्राकृतिक सौंदर्य को निखारने के लिए डीएम ने शासन को प्रस्ताव भेजा है. जानिए चंदौली को इको टूरिज्म बनाने के लिए क्या-क्या किया जाएगा.

चंदौली
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Published : Jan 4, 2023, 8:12 AM IST

चंदौली: योगी सरकार इको टूरिज्म के विकास के लिए सभी संभावनाओं पर तेजी से काम कर रही है. धान का कटोरा कहा जाने वाला चंदौली अपने नेचुरल ब्यूटी के लिए भी जाना जाता है. चंदौली अनेक प्राकृतिक वाटरफॉल, फाउंटेन, ऐतिहासिक रॉक पेंटिंग और प्राकृतिक सौंदर्य के खजाने से भरा पड़ा है. पूर्व की सरकारों के ध्यान न देने से प्रकृति का ये अनमोल खजाना जंगल में वर्षों से गुम पड़ा है, जिससे लोग इसके सौंदर्य का आनंद नहीं ले पा रहे हैं. चंदौली में ढेर सारी प्राकृतिक सौंदर्य की जगहे हैं. जो पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्पूर्ण हैं. इसी क्रम में औरवाताड़ को इको टूरिज्म के रूप में विकसित करने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से शासन को दो करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है.

स्थानीय चीजों के प्रयोग से होगा निर्माण, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

जिलाधिकारी ईशा दुहन ने बताया कि तीन तरफ से प्राकृतिक रूप से घिरा और लगभग 200 फीट से गिरने वाला वाटरफॉल के आस पास दुर्लभ प्रागैतिहासिक शैल चित्र हैं. इस क्षेत्र को पर्यावरण के अनुकूल स्थानीय उत्पाद और तकनिकी से पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए शासन को भेजे गए प्रस्ताव में स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ाने का ध्यान रखा गया है. मचान जहां से प्राकृतिक सौंदर्य देखने के साथ ही नेचर फोटोग्राफी की जा सकती है.

इसके अलावा पर्यटकों के एडवेंचर गेम के लिए रॉक क्लाइम्बिंग, जिप लाइन, लो रोप कोर्स, कमांडो नेट वाल, टायर नेटवाल आदि होगा. इसे स्थानीय मटेरियल और तकनीकी का प्रयोग करके प्रशासनिक भवन, स्थानीय पत्थरों से भव्य औरवाताड़ प्रवेश द्वार का निर्माण, स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए बांस से बनी दुकानें, प्राकृतिक लकड़ी सौगान से वुड रेलिंग, पार्किंग, क्षेत्र की पूरी जानकारी के साथ साइनेज, सैंड स्टोन से बने बेंचेज और क्षेत्र की खूबसूरती बढ़ाने के लिए लैंडस्केपिंग की जाएगी.

पूर्वांचल के हिल स्टेशन के रूप में जाना जाता है चंदौली

वाराणसी समेत पूर्वांचल के लोगों के लिए चंदौली हिल स्टेशन जैसी प्राकृतिक सौंदर्य वाले पर्यटन स्थल के रूप में शुमार होने वाला है. इससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा. नए साल के अलावा अन्य अवकाश अवसरों पर पूर्वांचल भर से पर्यटक यहां प्रकृति की वादियों का लुत्फ उठाने आते हैं.

यह भी पढ़ें: तुषार शर्मा ने रद्दी और 8000 स्टिक से तैयार किया राम मंदिर का मॉडल, गिनीज वर्ल्ड बुक में नाम दर्ज कराने का सपना

चंदौली: योगी सरकार इको टूरिज्म के विकास के लिए सभी संभावनाओं पर तेजी से काम कर रही है. धान का कटोरा कहा जाने वाला चंदौली अपने नेचुरल ब्यूटी के लिए भी जाना जाता है. चंदौली अनेक प्राकृतिक वाटरफॉल, फाउंटेन, ऐतिहासिक रॉक पेंटिंग और प्राकृतिक सौंदर्य के खजाने से भरा पड़ा है. पूर्व की सरकारों के ध्यान न देने से प्रकृति का ये अनमोल खजाना जंगल में वर्षों से गुम पड़ा है, जिससे लोग इसके सौंदर्य का आनंद नहीं ले पा रहे हैं. चंदौली में ढेर सारी प्राकृतिक सौंदर्य की जगहे हैं. जो पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्पूर्ण हैं. इसी क्रम में औरवाताड़ को इको टूरिज्म के रूप में विकसित करने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से शासन को दो करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है.

स्थानीय चीजों के प्रयोग से होगा निर्माण, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

जिलाधिकारी ईशा दुहन ने बताया कि तीन तरफ से प्राकृतिक रूप से घिरा और लगभग 200 फीट से गिरने वाला वाटरफॉल के आस पास दुर्लभ प्रागैतिहासिक शैल चित्र हैं. इस क्षेत्र को पर्यावरण के अनुकूल स्थानीय उत्पाद और तकनिकी से पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए शासन को भेजे गए प्रस्ताव में स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ाने का ध्यान रखा गया है. मचान जहां से प्राकृतिक सौंदर्य देखने के साथ ही नेचर फोटोग्राफी की जा सकती है.

इसके अलावा पर्यटकों के एडवेंचर गेम के लिए रॉक क्लाइम्बिंग, जिप लाइन, लो रोप कोर्स, कमांडो नेट वाल, टायर नेटवाल आदि होगा. इसे स्थानीय मटेरियल और तकनीकी का प्रयोग करके प्रशासनिक भवन, स्थानीय पत्थरों से भव्य औरवाताड़ प्रवेश द्वार का निर्माण, स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए बांस से बनी दुकानें, प्राकृतिक लकड़ी सौगान से वुड रेलिंग, पार्किंग, क्षेत्र की पूरी जानकारी के साथ साइनेज, सैंड स्टोन से बने बेंचेज और क्षेत्र की खूबसूरती बढ़ाने के लिए लैंडस्केपिंग की जाएगी.

पूर्वांचल के हिल स्टेशन के रूप में जाना जाता है चंदौली

वाराणसी समेत पूर्वांचल के लोगों के लिए चंदौली हिल स्टेशन जैसी प्राकृतिक सौंदर्य वाले पर्यटन स्थल के रूप में शुमार होने वाला है. इससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा. नए साल के अलावा अन्य अवकाश अवसरों पर पूर्वांचल भर से पर्यटक यहां प्रकृति की वादियों का लुत्फ उठाने आते हैं.

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