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चंदौली के दो आरोपी गरीब बच्चों का पोर्न वीडियो बनाकर विदेशों में बेचकर कमाते थे करोड़ों

चंदौली पोक्सो कोर्ट में सीबीआई की ओर से चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर दो हजार पन्नों की चार्जशीट में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं. वीडियो गेम व चॉकलेट के प्रलोभनों में बच्चों को उलझाकर उनकी पोर्न फिल्म बना लेते ‌थे.

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विशेष अ‌धिवक्ता शमशेर सिंह
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Published : Aug 18, 2022, 10:20 PM IST

चंदौलीः बच्चों के खिलाफ अपराधों में लगातार वृद्धि हुई है. इसमें सबसे अधिक चाइल्ड पोर्नोग्राफी के रुप में बच्चों के प्रति अपराध बढ़ा है. सीबीआई की ओर से चंदौली में स्पेशल जज पोक्सो के न्यायालय में दाखिल दो हजार पन्नों की चार्जशीट में जो खुलास किए हैं, वह बेहद चौकाने वाले हैं. चार्जशीट में सीबीआई ने बताया है कि चंदौली के रहने वाले दोनों आरोपी गरीब बच्चों को अपना टारगेट बनाते थे. वीडियो गेम व चॉकलेट के प्रलोभनों में बच्चों को उलझाकर उनकी पोर्न फिल्म बना लेते ‌थे. बाद में इसे विभिन्न एप के माध्यम से विदेशों में बेचकर मोटी कमाई करते थे.

विशेष अ‌धिवक्ता शमशेर सिंह

चंदौली पोक्सो कोर्ट के विशेष अ‌धिवक्ता शमशेर सिंह ने बताया कि इस प्रकरण में सीबीआई की टीम ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की थी. उन्होंने बताया कि बच्चों की पोर्न क्लिप बनाकर उसे बाजार में बेचे जाने की सूचना पर सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कर जांच की शुरू की थी. सीबीआई अपनी जांच के क्रम में बच्चों की क्लिप को लेकर चंदौली पहुंची तो उन्होंने उन मासूमों के परिवार वालों से मुलाकात की और पूरे प्रकरण के बारे में बताया.

सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार जिले के सकलडीहा इलाके के रहने वाले अजय कुमार गुप्ता और धानापुर के आवाजापुर के अविनाश कुमार सिंह गरीब बच्चों को टारगेट करता था. बच्चों को वीडियो गेम खिलाने के जरीये उन्हें अपने यहां बुलाते ‌थे. इसके बाद जब बच्चे वीडियो गेम खेलने में मशगूल रहते तब ये लोग उनके साथ अश्लील हरकत कर उसका वीडियो शूट करते थे. बच्चों को इस बात तक की भनक तक नहीं लग पाती थी.

कई बार तो गरीब बच्चों को चॉकलेट व अन्य प्रकार प्रलोभन देकर उनके साथ कुकृत्य कार्य करते ‌थे. चार्जशीट के अनुसार इन घटनाओं के बारे में बच्चों के अभिभावकों को भी कोई जानकारी नहीं हो पाई थी. बाद में जब परिवार वालों को सीबीआई ने क्लिप दिखाई तो उनके होश उड़ गये. सीबीआई ने जांच के दौरान बच्चों से भी आरोपियों की पुष्टि कराई थी.

पढ़ेंः चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामला: CBI ने जेई और उसकी पत्नी की बांदा कोर्ट में चार्जशीट की दाखिल


चाइल्ड पोर्न देखने वाले पीडियोफीलिया बीमारी के होते हैं शिकार
वहीं, जिला चिकित्सालय में कार्यरत मनोचिकित्सक डॉक्टर नितेश सिंह ने बताया कि बच्चों के प्रति यौन आकर्षण होने की बीमारी ‘पीडोफीलिया’ कहलाती है. पीडियोफीलिया एक बीमारी है, जो एक एबनॉर्मल बात है. ये होना किसी भी व्यक्ति के लिए खतरनाक हो सकता है. अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि चाइल्ड पोर्न देखने पर उसे मजा आ रहा है. इसका मलतब है कि वो पीडियोफीलिया से ग्रस्त है. इससे पीड़ित व्यक्ति को किसी मनोवैज्ञानिक (साइकोलॉजिस्ट) से ट्रीटमेंट लेना चाहिए. इसे अनदेखा करना आपके लिए ही खतरनाक हो सकता है.

पढ़ेंः चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में सीबीआई ने चार आरोपियों के खिलाफ दाखिल की 2 हजार पन्नों की चार्जशीट

चंदौलीः बच्चों के खिलाफ अपराधों में लगातार वृद्धि हुई है. इसमें सबसे अधिक चाइल्ड पोर्नोग्राफी के रुप में बच्चों के प्रति अपराध बढ़ा है. सीबीआई की ओर से चंदौली में स्पेशल जज पोक्सो के न्यायालय में दाखिल दो हजार पन्नों की चार्जशीट में जो खुलास किए हैं, वह बेहद चौकाने वाले हैं. चार्जशीट में सीबीआई ने बताया है कि चंदौली के रहने वाले दोनों आरोपी गरीब बच्चों को अपना टारगेट बनाते थे. वीडियो गेम व चॉकलेट के प्रलोभनों में बच्चों को उलझाकर उनकी पोर्न फिल्म बना लेते ‌थे. बाद में इसे विभिन्न एप के माध्यम से विदेशों में बेचकर मोटी कमाई करते थे.

विशेष अ‌धिवक्ता शमशेर सिंह

चंदौली पोक्सो कोर्ट के विशेष अ‌धिवक्ता शमशेर सिंह ने बताया कि इस प्रकरण में सीबीआई की टीम ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की थी. उन्होंने बताया कि बच्चों की पोर्न क्लिप बनाकर उसे बाजार में बेचे जाने की सूचना पर सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कर जांच की शुरू की थी. सीबीआई अपनी जांच के क्रम में बच्चों की क्लिप को लेकर चंदौली पहुंची तो उन्होंने उन मासूमों के परिवार वालों से मुलाकात की और पूरे प्रकरण के बारे में बताया.

सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार जिले के सकलडीहा इलाके के रहने वाले अजय कुमार गुप्ता और धानापुर के आवाजापुर के अविनाश कुमार सिंह गरीब बच्चों को टारगेट करता था. बच्चों को वीडियो गेम खिलाने के जरीये उन्हें अपने यहां बुलाते ‌थे. इसके बाद जब बच्चे वीडियो गेम खेलने में मशगूल रहते तब ये लोग उनके साथ अश्लील हरकत कर उसका वीडियो शूट करते थे. बच्चों को इस बात तक की भनक तक नहीं लग पाती थी.

कई बार तो गरीब बच्चों को चॉकलेट व अन्य प्रकार प्रलोभन देकर उनके साथ कुकृत्य कार्य करते ‌थे. चार्जशीट के अनुसार इन घटनाओं के बारे में बच्चों के अभिभावकों को भी कोई जानकारी नहीं हो पाई थी. बाद में जब परिवार वालों को सीबीआई ने क्लिप दिखाई तो उनके होश उड़ गये. सीबीआई ने जांच के दौरान बच्चों से भी आरोपियों की पुष्टि कराई थी.

पढ़ेंः चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामला: CBI ने जेई और उसकी पत्नी की बांदा कोर्ट में चार्जशीट की दाखिल


चाइल्ड पोर्न देखने वाले पीडियोफीलिया बीमारी के होते हैं शिकार
वहीं, जिला चिकित्सालय में कार्यरत मनोचिकित्सक डॉक्टर नितेश सिंह ने बताया कि बच्चों के प्रति यौन आकर्षण होने की बीमारी ‘पीडोफीलिया’ कहलाती है. पीडियोफीलिया एक बीमारी है, जो एक एबनॉर्मल बात है. ये होना किसी भी व्यक्ति के लिए खतरनाक हो सकता है. अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि चाइल्ड पोर्न देखने पर उसे मजा आ रहा है. इसका मलतब है कि वो पीडियोफीलिया से ग्रस्त है. इससे पीड़ित व्यक्ति को किसी मनोवैज्ञानिक (साइकोलॉजिस्ट) से ट्रीटमेंट लेना चाहिए. इसे अनदेखा करना आपके लिए ही खतरनाक हो सकता है.

पढ़ेंः चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में सीबीआई ने चार आरोपियों के खिलाफ दाखिल की 2 हजार पन्नों की चार्जशीट

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