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ठेकेदार के चंगुल से छुड़ाए गए बच्चे, बंधुआ बनाकर करा रहा था काम - Chandauli latest news

चंदौली जिले में पुलिस ने ठेकेदार के चंगुल से 39 बच्चों को मुक्त कराया है. आरोप है कि ठेकेदार उन्हें बंधुआ बनाकर काम करा रहा था. ज्यादातर बच्चे बिहार और झारखंड के रहने वाले बताए जा रहे हैं.

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बंधुआ मजदूरी
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Published : Aug 29, 2022, 10:01 PM IST

Updated : Aug 29, 2022, 10:54 PM IST

चंदौलीः मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र में नाबालिग बच्चों को बंधुआ बनाकर काम कराने का मामला सामने आया है. यहां आरोपी बच्चों को नौकरी के नाम पर बुलाकर उनसे काम कराते हैं. पूरे मामले का खुलासा आरोपियों के चंगुल से भागी एक बच्ची ने सीडब्लूसी काउंसलिंग के दौरान बताया. पुलिस ने छापेमारी करके 39 बच्चों को रेस्क्यू किया है. एक आरोपी को हिरासत में लेकर पूछकाछ की जा रही है. बरामद किए गए ज्यादातर बच्चे बिहार और झारखंड के रहने वाले हैं.

पूरा मामला मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के चंदासी इलाके का है. सीडब्ल्यूसी (child welfare committee) काउंसलिंग के दौरान यह मामला सामने आया. बंधुआ मजदूर बनाकर काम कराने वाले आरोपियों के चंगुल से भागी एक पीड़ित बच्ची ने बताया कि ग्लेवे कंपनी के नाम पर यह कहकर उसे बुलाया गया कि उसे 15 हजार की नौकरी दी जाएगी. ऑफिस में काम करने की नौकरी होगी, लेकिन लड़की जब यहां आई तो उससे साढ़े आठ हजार रुपये ले लिए गए और उससे लगातार ट्रेनिंग के नाम पर गलत चीज बताई जाने लगी.

इसके बाद लड़की ने यहां से जाने के लिए कहा तो वहां मौजूद लोगों ने उसे डरा धमका कर रोक दिया. बीते 28 दिनों में इस लड़की ने कई बार वहां से भागने का प्रयास किया था. इसके बाद संचालकों ने उसे एक दूसरे स्थान पर ले जाकर रख दिया, जहां पहले से भी काफी बच्चे थे. लड़की ने बताया कि किसी तरह वहां से भागकर मुगलसराय स्टेशन पहुंची और वहां उसने आरपीएफ के लोगों को सारा घटनाक्रम बताया.

पढ़ेंः ईंट-भट्ठे पर छापेमारी, छत्तीसगढ़ के रहने वाले 3 बंधुआ मजदूरों को कराया गया मुक्त

आरपीएफ के जवानों ने इस बच्ची को सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया, जहां काउंसलिंग के दौरान यह पूरा प्रकरण सामने आया. इसके बाद 'बचपन बचाओ आंदोलन' के लोगों ने मुगलसराय कोतवाली पुलिस और आरपीएफ के अधिकारियों के साथ चंदौसी इलाके के एक घर में छापेमारी की, जहां दो दर्जन से अधिक बच्चियों और बालकों को बरामद किया है.

इस दौरान पुलिस ने एक आरोपी को भी हिरासत में लिया है. बच्चों को कमरे में रखकर उनको ऑनलाइन बिजनेस के गुण सिखाने के लिए साढ़े आठ हजार रूपये लिए गए थे. खास बात यह है कि यहां रखे गए लड़के जब तक तीन अन्य बच्चों को यहां लेकर नहीं आते थे, तब तक उन्हें यहां से जाने नहीं दिया जाता था. हालांकि आरोपी बंधुआ मजदूरी कराए जाने की बात से इंकार कर रहा है.

पढ़ेंः 1984 के सिख दंगा मामले में 31 आरोपियों के खिलाफ चार्जसीट दाखिल

चंदौलीः मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र में नाबालिग बच्चों को बंधुआ बनाकर काम कराने का मामला सामने आया है. यहां आरोपी बच्चों को नौकरी के नाम पर बुलाकर उनसे काम कराते हैं. पूरे मामले का खुलासा आरोपियों के चंगुल से भागी एक बच्ची ने सीडब्लूसी काउंसलिंग के दौरान बताया. पुलिस ने छापेमारी करके 39 बच्चों को रेस्क्यू किया है. एक आरोपी को हिरासत में लेकर पूछकाछ की जा रही है. बरामद किए गए ज्यादातर बच्चे बिहार और झारखंड के रहने वाले हैं.

पूरा मामला मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के चंदासी इलाके का है. सीडब्ल्यूसी (child welfare committee) काउंसलिंग के दौरान यह मामला सामने आया. बंधुआ मजदूर बनाकर काम कराने वाले आरोपियों के चंगुल से भागी एक पीड़ित बच्ची ने बताया कि ग्लेवे कंपनी के नाम पर यह कहकर उसे बुलाया गया कि उसे 15 हजार की नौकरी दी जाएगी. ऑफिस में काम करने की नौकरी होगी, लेकिन लड़की जब यहां आई तो उससे साढ़े आठ हजार रुपये ले लिए गए और उससे लगातार ट्रेनिंग के नाम पर गलत चीज बताई जाने लगी.

इसके बाद लड़की ने यहां से जाने के लिए कहा तो वहां मौजूद लोगों ने उसे डरा धमका कर रोक दिया. बीते 28 दिनों में इस लड़की ने कई बार वहां से भागने का प्रयास किया था. इसके बाद संचालकों ने उसे एक दूसरे स्थान पर ले जाकर रख दिया, जहां पहले से भी काफी बच्चे थे. लड़की ने बताया कि किसी तरह वहां से भागकर मुगलसराय स्टेशन पहुंची और वहां उसने आरपीएफ के लोगों को सारा घटनाक्रम बताया.

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आरपीएफ के जवानों ने इस बच्ची को सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया, जहां काउंसलिंग के दौरान यह पूरा प्रकरण सामने आया. इसके बाद 'बचपन बचाओ आंदोलन' के लोगों ने मुगलसराय कोतवाली पुलिस और आरपीएफ के अधिकारियों के साथ चंदौसी इलाके के एक घर में छापेमारी की, जहां दो दर्जन से अधिक बच्चियों और बालकों को बरामद किया है.

इस दौरान पुलिस ने एक आरोपी को भी हिरासत में लिया है. बच्चों को कमरे में रखकर उनको ऑनलाइन बिजनेस के गुण सिखाने के लिए साढ़े आठ हजार रूपये लिए गए थे. खास बात यह है कि यहां रखे गए लड़के जब तक तीन अन्य बच्चों को यहां लेकर नहीं आते थे, तब तक उन्हें यहां से जाने नहीं दिया जाता था. हालांकि आरोपी बंधुआ मजदूरी कराए जाने की बात से इंकार कर रहा है.

पढ़ेंः 1984 के सिख दंगा मामले में 31 आरोपियों के खिलाफ चार्जसीट दाखिल

Last Updated : Aug 29, 2022, 10:54 PM IST
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