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चंदौली में पूर्व विधायक मनोज सिंह समेत 29 लोगों पर मुकदमा दर्ज, जानिए क्यों..

यूपी के चंदौली में पुलिस ने पूर्व विधायक समेत 29 लोगों पर महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है. बता दें कि पूर्व विधायक सपा कार्यकर्ताओं के साथ शहीद को सम्मान दिलाने के लिए धरने पर बैठे थे. इसके चलते ही पुलिस ने पूर्व विधायक मनोज सिंह पर यह कार्रवाई की है.

पूर्व विधायक मनोज सिंह सहित 29 लोगों पर मुकदमा दर्ज.
पूर्व विधायक मनोज सिंह.
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Published : Sep 15, 2020, 9:47 PM IST

चंदौली: शहीद कुलदीप मौर्य को सम्मान दिलाने के लिए धरना देना सैयदराजा के पूर्व विधायक एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह 'डब्लू' को महंगा पड़ गया. पुलिस ने धरना देने वाले 29 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इसमें पूर्व विधायक समेत 4 लोग नामजद है. वहीं पूर्व विधायक ने पुलिस की इस कार्रवाई को बदले की कार्रवाई करार दिया. उनका कहना है कि सत्ता पक्ष के इशारे पर विपक्षी दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. किसी भी दशा में इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

कश्मीर के राजौरी में तैनात था जवान
दरअसल जनपद के धानापुर थाना क्षेत्र के पुरवा गांव निवासी कुलदीप मौर्य सेना में थे. कुलदीप की तैनाती कश्मीर के राजौरी में थी. जानकारी के अनुसार कुलदीप मौर्य की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. सेना के दो जवान एंबुलेंस से उनका पार्थिव शरीर लेकर धानापुर पहुंचे तो परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया.

धरने पर बैठे थे परिजन और सपा कार्यकर्ता
इसके बाद परिजनों के बुलावे पर पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू समेत कई सपा कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे. यहां सपा कार्यकर्ता और शहीद के परिजन शहीद को सम्मान दिलाने की मांगे लेकर धरने पर बैठ गए. उनका कहना था कि शहीद का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाए. इसके साथ ही उन्हें शहीद का दर्जा और परिजनों को आर्थिक सहायता के साथ एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.

करीब छह घंटे चला था धरना
यह धरना करीब 6 घंटे तक चला. इस दौरान बीजेपी विधायक सुशील सिंह और अन्य आलाधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन और सपा कार्यकर्ता नहीं माने. शहीद को राजकीय सम्मान देने और उनकी मांगों के बाबत शासन को पत्र भेजने की बात पर परिजन माने और धरना समाप्त हुआ. इसके बाद गार्ड ऑफ ऑनर देने के लिए 39 जीटीसी गोरखा रेजीमेंट वाराणसी की सैन्य टुकड़ी भेजी गई. जिसके बाद शाम 6 बजे शहीद कुलदीप मौर्य के शव को राजकीय सम्मान के बाद बड़ौरा गंगा घाट पर जल में प्रवाहित किया गया.

एक सप्ताह बाद पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
इस बीच पूर्व विधायक मनोज सिंह 'डब्लू' एवं वर्तमान विधायक सुशील सिंह के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली थी. इसके बाद मौके पर हड़कम्प मच गया था. नौबत एक दूसरे के औकात तक चली गई. इस पॉलिटिकल ड्रामे को लेकर क्षेत्र में काफी चर्चा भी रही. वहीं घटना के एक सप्ताह बाद पुलिस की तरफ से मुकदमा दर्ज किए जाने की बात सामने आई है.

सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
कोरोना काल के दौरान सड़क पर चक्काजाम और धरना देने वाले 29 लोगों के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. इस पर पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने कहा कि भाजपा की सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. उनका कहना है कि सत्ता पक्ष के इशारे पर विपक्षी दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. किसी भी दशा में इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पूर्व विधायक ने कहा कि सरकार मुकदमे का भय दिखाकर हमें जनता के लिए संघर्ष के रास्ते पर चलने से रोकने की हिमाकत न करे. इसके खिलाफ वह जनता के बीच जायेगें.

चंदौली: शहीद कुलदीप मौर्य को सम्मान दिलाने के लिए धरना देना सैयदराजा के पूर्व विधायक एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह 'डब्लू' को महंगा पड़ गया. पुलिस ने धरना देने वाले 29 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इसमें पूर्व विधायक समेत 4 लोग नामजद है. वहीं पूर्व विधायक ने पुलिस की इस कार्रवाई को बदले की कार्रवाई करार दिया. उनका कहना है कि सत्ता पक्ष के इशारे पर विपक्षी दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. किसी भी दशा में इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

कश्मीर के राजौरी में तैनात था जवान
दरअसल जनपद के धानापुर थाना क्षेत्र के पुरवा गांव निवासी कुलदीप मौर्य सेना में थे. कुलदीप की तैनाती कश्मीर के राजौरी में थी. जानकारी के अनुसार कुलदीप मौर्य की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. सेना के दो जवान एंबुलेंस से उनका पार्थिव शरीर लेकर धानापुर पहुंचे तो परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया.

धरने पर बैठे थे परिजन और सपा कार्यकर्ता
इसके बाद परिजनों के बुलावे पर पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू समेत कई सपा कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे. यहां सपा कार्यकर्ता और शहीद के परिजन शहीद को सम्मान दिलाने की मांगे लेकर धरने पर बैठ गए. उनका कहना था कि शहीद का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाए. इसके साथ ही उन्हें शहीद का दर्जा और परिजनों को आर्थिक सहायता के साथ एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.

करीब छह घंटे चला था धरना
यह धरना करीब 6 घंटे तक चला. इस दौरान बीजेपी विधायक सुशील सिंह और अन्य आलाधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन और सपा कार्यकर्ता नहीं माने. शहीद को राजकीय सम्मान देने और उनकी मांगों के बाबत शासन को पत्र भेजने की बात पर परिजन माने और धरना समाप्त हुआ. इसके बाद गार्ड ऑफ ऑनर देने के लिए 39 जीटीसी गोरखा रेजीमेंट वाराणसी की सैन्य टुकड़ी भेजी गई. जिसके बाद शाम 6 बजे शहीद कुलदीप मौर्य के शव को राजकीय सम्मान के बाद बड़ौरा गंगा घाट पर जल में प्रवाहित किया गया.

एक सप्ताह बाद पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
इस बीच पूर्व विधायक मनोज सिंह 'डब्लू' एवं वर्तमान विधायक सुशील सिंह के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली थी. इसके बाद मौके पर हड़कम्प मच गया था. नौबत एक दूसरे के औकात तक चली गई. इस पॉलिटिकल ड्रामे को लेकर क्षेत्र में काफी चर्चा भी रही. वहीं घटना के एक सप्ताह बाद पुलिस की तरफ से मुकदमा दर्ज किए जाने की बात सामने आई है.

सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
कोरोना काल के दौरान सड़क पर चक्काजाम और धरना देने वाले 29 लोगों के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. इस पर पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने कहा कि भाजपा की सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. उनका कहना है कि सत्ता पक्ष के इशारे पर विपक्षी दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. किसी भी दशा में इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पूर्व विधायक ने कहा कि सरकार मुकदमे का भय दिखाकर हमें जनता के लिए संघर्ष के रास्ते पर चलने से रोकने की हिमाकत न करे. इसके खिलाफ वह जनता के बीच जायेगें.

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