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अपनों को खोज रही महिला के नहीं रुक रहे आंसू; बिहार से आए थे 60, भगदड़ में एक महिला की मौत और 58 लोग लापता - MAHAKUMBH STAMPEDE

मौनी अमावस्या की घटना के बाद आंखों में आंसू लिए अपनों को ढूंढ रहे परिजन, कभी पोस्टमार्टम हाउस तो कभी हॉस्पिटल का लगा रहे चक्कर

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प्रयागराज में बिहार की महिला की मौत. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 31, 2025, 7:57 PM IST

प्रयागराजः मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के बाद अपनों को ढूंढने का सिलसिला लगातार जारी है. लोग आंखों में आंसू और दर्द लिए अपनों को ढूंढ रहे हैं. कोई हॉस्पिटल तो कोई पोस्टमार्टम हाउस में अपनों को ढूंढते- ढूढंते आंसू सूख गए हैं.

ऐसे ही बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के गांव मुशरा से आई धर्मशिला अपने ही क्षेत्र के 60 लोग के साथ बस बुक कर आई थी. लेकिन जब भगदड़ के बाद से कोई नहीं मिला. पड़ोसी शीला देवी की जानकारी जब मिली तब तक उनकी उसकी मौत हो चुकी थी. धर्मशिला के आंसू कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. पोस्टमार्टम हाउस के बाहर बैठकर उस भयावह पल को महसूस करके आंसुओं को रोक नहीं पा रही हैं. धर्मशिला के साथ आए 58 लोगों का अभी तक पता नहीं है.

भगदड़ में घायल महिला ने रोते हुए बताया भगदड़ का मंजर. (Video Credit; ETV Bharat)

धर्मशिला ने बताया कि हम लोग बड़े उत्साह से मौनी अमावस्या के पर्व पर स्नान करने आए थे और स्नान भी कर लिया था. स्नान के बाद जब वापस जाने लगे तो अचानक आई भागो..भागो, टूट गया है. यह सुनकर लोग आगे की ओर भागे. लेकिन दबाव इतना ज्यादा था कि बहुत लोग नीचे गिर गए और दब गए. धर्मशिला ने बताया कि वह भी नीचे गिर गई थी और उनके ऊपर भी कई लोग चढ़ते हुए निकल गए थे. किसी तरह जान बचाकर बाहर आई. धर्मशिला ने बताया कि अभी तक पड़ोसी शीला देवी का पता चल पाया है, जिनकी मौत हो चुकी है.

बता दें कि प्रशासन द्वारा मृतकों के पोस्टर जहां बॉडी को डंप किया गया है, वहां लगाए गए हैं. परिजन द्वारा पहचान हो जाने पर उसके उसके पोस्टर हटा दिए जाते हैं. अभी भी जिनको अपनों को ढूंढना है तो इस इस पोस्टर के माध्यम से देख सकते हैं.

इसे भी पढ़ें-महाकुंभ भगदड़ में अब तक यूपी के 14 श्रद्धालुओं की मौत; डेड बॉडी पर जूते-चप्पलों के निशान, बचकर लौटे लोगों से जानिए आखों देखा मंजर

प्रयागराजः मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के बाद अपनों को ढूंढने का सिलसिला लगातार जारी है. लोग आंखों में आंसू और दर्द लिए अपनों को ढूंढ रहे हैं. कोई हॉस्पिटल तो कोई पोस्टमार्टम हाउस में अपनों को ढूंढते- ढूढंते आंसू सूख गए हैं.

ऐसे ही बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के गांव मुशरा से आई धर्मशिला अपने ही क्षेत्र के 60 लोग के साथ बस बुक कर आई थी. लेकिन जब भगदड़ के बाद से कोई नहीं मिला. पड़ोसी शीला देवी की जानकारी जब मिली तब तक उनकी उसकी मौत हो चुकी थी. धर्मशिला के आंसू कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. पोस्टमार्टम हाउस के बाहर बैठकर उस भयावह पल को महसूस करके आंसुओं को रोक नहीं पा रही हैं. धर्मशिला के साथ आए 58 लोगों का अभी तक पता नहीं है.

भगदड़ में घायल महिला ने रोते हुए बताया भगदड़ का मंजर. (Video Credit; ETV Bharat)

धर्मशिला ने बताया कि हम लोग बड़े उत्साह से मौनी अमावस्या के पर्व पर स्नान करने आए थे और स्नान भी कर लिया था. स्नान के बाद जब वापस जाने लगे तो अचानक आई भागो..भागो, टूट गया है. यह सुनकर लोग आगे की ओर भागे. लेकिन दबाव इतना ज्यादा था कि बहुत लोग नीचे गिर गए और दब गए. धर्मशिला ने बताया कि वह भी नीचे गिर गई थी और उनके ऊपर भी कई लोग चढ़ते हुए निकल गए थे. किसी तरह जान बचाकर बाहर आई. धर्मशिला ने बताया कि अभी तक पड़ोसी शीला देवी का पता चल पाया है, जिनकी मौत हो चुकी है.

बता दें कि प्रशासन द्वारा मृतकों के पोस्टर जहां बॉडी को डंप किया गया है, वहां लगाए गए हैं. परिजन द्वारा पहचान हो जाने पर उसके उसके पोस्टर हटा दिए जाते हैं. अभी भी जिनको अपनों को ढूंढना है तो इस इस पोस्टर के माध्यम से देख सकते हैं.

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