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चंदौली: पं. दीनदयाल स्मृति स्थल का पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण

पीएम मोदी रविवार को वाराणसी दौरे पर हैं. इस दौरान वह पंडित दीनदयाल स्मृति स्थल का लोकार्पण करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी काशी को 1200 करोड़ से ज्यादा की सौगात देंगे. वहीं कार्यक्रम को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

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Published : Feb 16, 2020, 10:52 AM IST

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पंडित दीनदयाल स्मृति स्थल का पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण.


चन्दौली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पड़ाव स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति उपवन स्थल का लोकार्पण करेंगे. करीब 1 बजे प्रधानमंत्री मोदी स्मृति स्थल पहुचेंगे. जहां करीब 1 घंटे के कार्यक्रम के दौरान पीएम कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करेंगे. साथ ही पीएम मोदी काशी को 12 सौ करोड़ से ज्यादा की सौगात देंगे.

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति स्थल पर उनके जीवन व सिद्धांतों के दर्शन के साथ ही वैदिक उद्यान, रिसर्च सेंटर व सांस्कृतिक ऑडिटोरियम, इंटरप्रिटेशन वॉल का बनाया गया है.

अंत्योदय सिद्धांत के जनक और भारतीय जनता पार्टी के विचारक रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में इस स्थल का निर्माण कराया है. गन्ना संस्थान की करीब 10 एकड़ भूमि पर इसका निर्माण किया गया है. 39 करोड़ की लागत से से यहां अब निर्माण किया गया, जिसमें पंच तत्व से बनी भारत की सबसे बड़ी 63 फिट की प्रतिमा ने साथ ऑडिटोरियम, म्यूजियम समेत उनके जीवन दर्शन को उभारा गया.

गौरतलब है कि 11 फरवरी 1968 को उनका तत्कालीन मुग़लसराय जंक्शन पर उनका शव मिला. जिसके बाद से ही संघ के लोग निर्वाण स्थल पर स्मृति स्थल बनाने की मांग कर रहे थे. जो कि केंद्रीय मंत्री और चन्दौली जिले से सांसद महेंद्र पांडेय के प्रयासों से पूरा हुआ.


चन्दौली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पड़ाव स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति उपवन स्थल का लोकार्पण करेंगे. करीब 1 बजे प्रधानमंत्री मोदी स्मृति स्थल पहुचेंगे. जहां करीब 1 घंटे के कार्यक्रम के दौरान पीएम कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करेंगे. साथ ही पीएम मोदी काशी को 12 सौ करोड़ से ज्यादा की सौगात देंगे.

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति स्थल पर उनके जीवन व सिद्धांतों के दर्शन के साथ ही वैदिक उद्यान, रिसर्च सेंटर व सांस्कृतिक ऑडिटोरियम, इंटरप्रिटेशन वॉल का बनाया गया है.

अंत्योदय सिद्धांत के जनक और भारतीय जनता पार्टी के विचारक रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में इस स्थल का निर्माण कराया है. गन्ना संस्थान की करीब 10 एकड़ भूमि पर इसका निर्माण किया गया है. 39 करोड़ की लागत से से यहां अब निर्माण किया गया, जिसमें पंच तत्व से बनी भारत की सबसे बड़ी 63 फिट की प्रतिमा ने साथ ऑडिटोरियम, म्यूजियम समेत उनके जीवन दर्शन को उभारा गया.

गौरतलब है कि 11 फरवरी 1968 को उनका तत्कालीन मुग़लसराय जंक्शन पर उनका शव मिला. जिसके बाद से ही संघ के लोग निर्वाण स्थल पर स्मृति स्थल बनाने की मांग कर रहे थे. जो कि केंद्रीय मंत्री और चन्दौली जिले से सांसद महेंद्र पांडेय के प्रयासों से पूरा हुआ.

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