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कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर भिड़े पीएचसी प्रभारी-ग्रामीण, देंखे वीडियो

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Published : Aug 1, 2021, 9:52 AM IST

चंदौली में वैक्सीनेशन की कमी से लोग खासा परेशान हैं तो वहीं जिम्मेदार अधिकारियों के बेतुके रवैये को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. मामला जिले के सुदूर गांव का है. जहां सदर पीएचसी के चक्कर लगा रहे ग्रामीणों ने वैक्सीनेशन को लेकर जब प्रभारी चिकित्साधिकारी से सवाल किए. तो उनका जवाब सरकारी तंत्र के लचर रवैये की पोल खोलने के लिए काफी था.

कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर भिड़े पीएचसी प्रभारी-ग्रामीण.
कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर भिड़े पीएचसी प्रभारी-ग्रामीण.

चंदौली: एक तरफ कोरोना की तीसरी लहर जहां लोगों की जिंदगियां को निगलने के लिए मुंह खोले खड़ी है तो वहीं जिले में वैक्सीनेशन को लेकर डॉक्टर और ग्रामीणों के बीच बहस हो गई. जिसका वीडियो सामने आया है.

'डॉक्टर साहब! वैक्सीन लगवाने के लिए 3 दिनों से दौड़ रहे है. हम सभी को वैक्सीन कब लगेगी'. सुदूर गांव से वैक्सीनेशन के लिए सदर पीएचसी के चक्कर लगा रहे ग्रामीणों के वाजिब सवाल पर प्रभारी चिकित्साधिकारी ने अपनी जवाबदेही से किनारा कर दो टूक जवाब दिया कि जाइए! सरकार से सवाल करिए. कहा कि जितनी वैक्सीन मिल रही है उसे उपलब्ध कराया जा रहा है. जबकि ग्रामीणों का सीधा आरोप था कि वे अपने गांव से अस्पताल का चक्कर एक सप्ताह से लगा रहे हैं. अस्पताल के चिकित्सक गरीबों को उपेक्षित कर रहे हैं.

वीडियो.

इस दरम्यान वहां मौजूद ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि जब लोग वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार हुए तो अस्पतालों से वैक्सीन गायब हैं. यह जनता के साथ छलावा है और प्रशासनिक तंत्र की लापरवाही है. आरोप लगाया कि वैक्सीन में ऊंची पहुंच रखने वाले वीआईपी लोगों को तरजीह दी जा रही है. यह गरीबों के साथ धोखा है. हम गरीबों की शिकायत तक नहीं सुनी जा रही है. डांट-फटकार लगाकर हमें अस्पताल से हटा दिया ज रहा है.

कोविड-19 वैक्सीनेशन केंद्र व सूबे की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जो जनपद चंदौली में चिकित्सक व चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है. हालात इतने खराब है कि वैक्सीन कक्ष में भीड़ के साथ ही सोशल डिस्टेंस के नियमों के पालन में लापरवाही हो रही है. साथ ही मास्क की अनिवार्यता को दरकिनार किया जा रहा है. यह सब कुछ सरकार के नुमाइंदों के समक्ष सरकारी अस्पतालों में हो रहा है, जो कि बेहद घातक है.

यहीं नहीं इन दिनों स्थानीय लोगों द्वारा स्लाट बुक होने के बावजूद वैक्सीन नहीं लगाने की शिकायतें की जा रही है. वहीं कुछ ऐसे ऊंची पहुंच वाले लोग हैं. जिन्हें बिना स्लाट बुक किए ही वैक्सीन लगा दी जा रही है. सदर पीएचसी से लेकर क्षेत्र के विभिन्न वैक्सीनेशन सेंटरों पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. लेकिन लोगों को उस वक्त मायूसी हाथ लग रही है. जब केंद्रों पर टीके की अनुपलब्धता की वजह से बैरन लौटना पड़ रहा है.

शनिवार को पीएचसी चदौली में करीब दर्जन भर लोग टीका लगवाने पहुंचे थे. लेकिन वैक्सीन नहीं होने की वजह से उनका टीका नहीं लग पाया. टीका लगवाने के लिए पीएचसी केंद्र पर पहुंचे सुनील जायसवाल ने बताया कि 3 दिन से बस दौड़ाया जा रहा है. डॉक्टरों से पूछने पर कह रहे है कि ऊपर से टीका उपलब्ध नहीं हो रहा है. इसकी उपलब्धता का सवाल सरकार से पूछिए. राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि एक हफ्ते से कोविड टीका के लिए बुलाया जा रहा है. संगीता ने बताया की केंद्र पर टीका नहीं होने की वजह से हमें वापस लौटना पड़ रहा है. इतनी दूरी तय कर के हमलोग टीका लगवाने पहुंच रहे हैं. लेकिन बार-बार ये कहकर लौटा दिया जा रहा है कि अभी टीका उपलब्ध नहीं है.

इस संबंध में सीएमओ वीपी द्विवेदी के बताया जितना वैक्सीन मिल रहा है. लोगों को उपलब्ध करा दिया जा रहा है. वहीं गांव स्तर से भी वैक्सीन लगाने के लिए कैम्प लगाए जा रहे हैं, लेकिन इस तरह भाषा का इस्तेमाल ठीक है. शिकायत मिलने जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ें- सचिवालय में वैक्सीनेशन न होने से कर्मचारियों में रोष

चंदौली: एक तरफ कोरोना की तीसरी लहर जहां लोगों की जिंदगियां को निगलने के लिए मुंह खोले खड़ी है तो वहीं जिले में वैक्सीनेशन को लेकर डॉक्टर और ग्रामीणों के बीच बहस हो गई. जिसका वीडियो सामने आया है.

'डॉक्टर साहब! वैक्सीन लगवाने के लिए 3 दिनों से दौड़ रहे है. हम सभी को वैक्सीन कब लगेगी'. सुदूर गांव से वैक्सीनेशन के लिए सदर पीएचसी के चक्कर लगा रहे ग्रामीणों के वाजिब सवाल पर प्रभारी चिकित्साधिकारी ने अपनी जवाबदेही से किनारा कर दो टूक जवाब दिया कि जाइए! सरकार से सवाल करिए. कहा कि जितनी वैक्सीन मिल रही है उसे उपलब्ध कराया जा रहा है. जबकि ग्रामीणों का सीधा आरोप था कि वे अपने गांव से अस्पताल का चक्कर एक सप्ताह से लगा रहे हैं. अस्पताल के चिकित्सक गरीबों को उपेक्षित कर रहे हैं.

वीडियो.

इस दरम्यान वहां मौजूद ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि जब लोग वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार हुए तो अस्पतालों से वैक्सीन गायब हैं. यह जनता के साथ छलावा है और प्रशासनिक तंत्र की लापरवाही है. आरोप लगाया कि वैक्सीन में ऊंची पहुंच रखने वाले वीआईपी लोगों को तरजीह दी जा रही है. यह गरीबों के साथ धोखा है. हम गरीबों की शिकायत तक नहीं सुनी जा रही है. डांट-फटकार लगाकर हमें अस्पताल से हटा दिया ज रहा है.

कोविड-19 वैक्सीनेशन केंद्र व सूबे की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जो जनपद चंदौली में चिकित्सक व चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है. हालात इतने खराब है कि वैक्सीन कक्ष में भीड़ के साथ ही सोशल डिस्टेंस के नियमों के पालन में लापरवाही हो रही है. साथ ही मास्क की अनिवार्यता को दरकिनार किया जा रहा है. यह सब कुछ सरकार के नुमाइंदों के समक्ष सरकारी अस्पतालों में हो रहा है, जो कि बेहद घातक है.

यहीं नहीं इन दिनों स्थानीय लोगों द्वारा स्लाट बुक होने के बावजूद वैक्सीन नहीं लगाने की शिकायतें की जा रही है. वहीं कुछ ऐसे ऊंची पहुंच वाले लोग हैं. जिन्हें बिना स्लाट बुक किए ही वैक्सीन लगा दी जा रही है. सदर पीएचसी से लेकर क्षेत्र के विभिन्न वैक्सीनेशन सेंटरों पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. लेकिन लोगों को उस वक्त मायूसी हाथ लग रही है. जब केंद्रों पर टीके की अनुपलब्धता की वजह से बैरन लौटना पड़ रहा है.

शनिवार को पीएचसी चदौली में करीब दर्जन भर लोग टीका लगवाने पहुंचे थे. लेकिन वैक्सीन नहीं होने की वजह से उनका टीका नहीं लग पाया. टीका लगवाने के लिए पीएचसी केंद्र पर पहुंचे सुनील जायसवाल ने बताया कि 3 दिन से बस दौड़ाया जा रहा है. डॉक्टरों से पूछने पर कह रहे है कि ऊपर से टीका उपलब्ध नहीं हो रहा है. इसकी उपलब्धता का सवाल सरकार से पूछिए. राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि एक हफ्ते से कोविड टीका के लिए बुलाया जा रहा है. संगीता ने बताया की केंद्र पर टीका नहीं होने की वजह से हमें वापस लौटना पड़ रहा है. इतनी दूरी तय कर के हमलोग टीका लगवाने पहुंच रहे हैं. लेकिन बार-बार ये कहकर लौटा दिया जा रहा है कि अभी टीका उपलब्ध नहीं है.

इस संबंध में सीएमओ वीपी द्विवेदी के बताया जितना वैक्सीन मिल रहा है. लोगों को उपलब्ध करा दिया जा रहा है. वहीं गांव स्तर से भी वैक्सीन लगाने के लिए कैम्प लगाए जा रहे हैं, लेकिन इस तरह भाषा का इस्तेमाल ठीक है. शिकायत मिलने जांच कर कार्रवाई की जाएगी.

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