चन्दौली: पुलवामा हमले में शहीद हुए अवधेश यादव को उनके पैतृक गांव बहादुरपुर स्थित घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. उनके अंतिम दर्शन के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा. शहीद अवधेश यादव को उनके पिता हरिकेश यादव ने मुखाग्नि दी. इस दौरान सांसद महेंद्र पांडे, प्रभारी मंत्री जय प्रकाश निषाद, सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी समेत जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भी मौके पर मौजूद रहे.
शहीद अवधेश यादव का शव शनिवार की सुबह साढ़े सात बजे उनके पैतृक गांव बहादुरपुर पहुंचा. शव के चंदौली सीमा में प्रवेश करते ही उनकी शव यात्रा में शामिल होने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा. इस दौरान 'अवधेश यादव अमर रहे', 'जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक अवधेश तेरा नाम रहेगा' जैसे नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा. इसके बाद शहीद अवधेश यादव के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए गांव में एक मैदान में रखा गया.
अवधेश को जब उनके दो साल के पुत्र निखिल ने श्रद्धांजलि दी तो कोई भी अपने आंसुओं के रोक नहीं पाया. अवधेश को श्रद्धांजलि देने के दौरान उनकी पत्नी शिल्पी कुछ पल ले लिए बेहोश हो गईं. वही कैंसर पीड़ित उनकी मां मालती देवी का रो रोकर बुरा हाल रहा. पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के बाद उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. मुखाग्नि के बाद परिवार के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने छह प्रमुख मांगों को सांसद डॉ महेंद्रनाथ पांडेय और प्रभारी मंत्री जय प्रकाश निषाद के समक्ष रखा, जिसमें शहीद के परिवार को एक करोड़ रुपये देने की मांग की गई.
वहीं स्थानीय लोगों में शहीद की शहादत के गौरव के साथ पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ गुस्सा भी नजर आया. इस दौरान लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. लोगों ने केंद्र सरकार से मांग की कि इस आतंकी हमले में 40 जवानों के बदले पाकिस्तान के 400 जवानों के सिर से कम कुछ नहीं चाहिए.