चंदौली: जिले में एक बार फिर सत्ता की हनक देखने को मिली. यहां अपने खिलाफ खबर चलाए जाने से नाराज चकिया विधायक शारदा प्रसाद ने पत्रकारों पर एससी/एसटी एक्ट समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया. इनमें से एक पत्रकार को जेल भेज दिया गया. वहीं विधायक और पुलिस की इस कार्रवाई से पत्रकार संगठन नाराज हैं.
दरअसल दो दिन पूर्व स्थानीय न्यूज़ पोर्टल के पत्रकार ने विधायक के खिलाफ एक खबर प्रकाशित कर स्थानीय विधायक को आइना दिखाने का काम किया था. जिससे तिलमिलाए विधायक शारदा प्रसाद ने पुलिस के साथ मिलकर पत्रकारों की सजा मुकर्रर कर दी. दोनों पत्रकारों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करवा दिया. मंगलवार की रात पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. पुलिस ने दोपहर में ही पत्रकार को हिरासत में ले लिया और पूरे दिन उसका मानसिक उत्पीड़न किया.
बता दें कि न्यूज़ पोर्टल पर चकिया विधान सभा के वनवासियों को लेकर खबर प्रकाशित की. जिसमें कुछ मजदूरों के हवाले से खबर लिखी कि काम कराने के बाद विधायक ने उनको भुगतान नहीं किया. इस खबर से तिलमिलाए विधायक ने पहले तो पत्रकार को पुलिस से उठवा लिया. पूरे दिन थाने में बैठाए रखा. इसके बाद अपने प्रतिनिधि के जरिए दो पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया. चकिया कोतवाली पुलिस ने पत्रकार कार्तिकेय पांडेय और रोहित तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया. पत्रकार कार्तिकेय पांडेय को जेल भेज दिया गया जबकि रोहित तिवारी अभी फरार है.
इसके पहले भी कई पत्रकारों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं. हालांकि सत्ता की हनक और पुलिस की एकतरफा कार्रवाई से पत्रकारों में रोष व्याप्त है. इस बाबत थाना प्रभारी नागेंद्र सिंह ने बताया कि चकिया विधायक शारदा प्रसाद की तहरीर पर आईपीसी की धारा 505 व एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर दोनों पत्रकारों को जेल भेजा गया है.