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चंदौली: पुलवामा हमले में शहीद के परिजनों से किए गए वादे आज भी रह गए हैं अधूरे

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Published : Feb 14, 2020, 8:12 PM IST

पुलवामा अटैक में शहीद हुए 40 सीआरपीफ जवानों में चंदौली के के लाल अवधेश यादव भी थे, जिनकी शहादत को याद कर आज एक साल बाद भी देश की आंखें नम हो उठी हैं. वहीं बात करें शासन और प्रशासन की तरफ से किए गए वादों की, तो आज भी इनका परिवार उन वादों के पूरे होने की राह देख रहा है.

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वादा पूरा होने का आज भी राह तक रहा परिवार.

चंदौली: पुलवामा के आत्मघाती हमले में देश के 40 जवान शहीद हो गए थे. पाकिस्तान के इस कायराना हरकत ने चंदौली के लाल सीआरपीएफ के जवान अवधेश यादव को भी देश से छीन लिया था. 14 फरवरी 2020 को उनकी शहादत को एक साल पूरा हो गया, लेकिन शहादत पर जो वादे शासन और प्रशासन की तरफ से किए गए थे, वह कितने पूरे हो सके, इसकी हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम शहीद अवधेश के घर पहुंची.

वादा पूरा होने का आज भी राह ताक रहा परिवार.

चंदौली का लाल अवधेश यादव पुलवामा अटैक में हुआ था शहीद
14 जनवरी 2019 को पुलवामा में पाकिस्तान की हरकत के कारण देश के 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसमें चंदौली के बहादुरपुर निवासी शहीद अवधेश यादव भी शामिल थे. इस दुखद घटना की जानकारी के बाद हर कोई स्तब्ध था. शहीद के परिजनों में कोहराम मच गया था. उस दौरान शासन और प्रशासन दोनों की ओर से कई वादे किए गए थे, मगर उन वादों को शहादत के एक साल बाद भी पूरा नहीं किया जा सका है.

एक साल बीत गए, लेकिन नहीं पूरे हुए वादे
शहीद होने के बाद सांसद से लेकर मंत्री प्रभारी तक ने घर पहुंचकर शहीद अवधेश के परिवार से उनकी स्मृतियों को सजाने की बात कही थी. मगर वह तमाम वादे कही गायब सो हो गए. उस दौरान कई वादे किए गए थे, मगर आज एक साल पूरे होने के बाद भी वो वादे पूरे नहीं किए जा सके हैं.

शासन-प्रशासन कर रहा वादे पूरे करने की बात
परिवार का कहना है कि शहीद की पत्नी की नौकरी के अलावा जितने भी वादे किए गए थे, उनमें से कोई भी वादा सरकार और प्रशासन के प्रतिनिधियों ने पूरा नहीं किया. शहीद के पिता हरकेश यादव की माने तो एक साल पूरा होने को है और पूरा देश इस शहादत को नम आंखों से याद कर रहा है. शहीद की बरसी के दिन शासन प्रशासन के लोग उनके घर पहुंच रहे हैं और जल्द वादा पूरा करने की बात कह रहे हैं.

छह वादों में से कोई वादा नहीं हुआ पूरा
वहीं स्थानीय नागरिक हरिओम की माने तो उस दौरान छह प्रमुख वादे किए गए थे, जिसमें शहीद अवधेश के नाम स्टेडियम, उनके घर को जाने वाले प्रमुख मार्ग का नाम शहीद अवधेश के नाम पर रखे जाने की बात कही थी. इसके अलावा शहीद के भाई को नौकरी, शहीद अवधेश के नाम बालिका इंटर कॉलेज पड़ाव चौराहे, अवधेश की याद में स्मारक सहित तमाम वादे किए गए थे. लेकिन उनमें से कोई भी पूरा नहीं किया जा सका, जो शहीद की शहादत का अपमान है.

शहादत के एक साल बाद फिर से नम हुई परिवार कि आंखें
शहीद अवधेश के ससुर जनार्दन यादव उस पल को याद करके भावुक हो गए. उन्होंने उस समय विधायक, सांसद और मंत्री की ओर से किए गए वादे को याद करते हुए कहा कि बेटे ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दे दिया, लेकिन एक साल बाद भी शासन-प्रशासन के लोगों ने वादा पूरा करना तो दूर, हाल जाने की भी जहमत नहीं उठाई.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी: एक ही परिवार के 4 लोगों का मिला शव, जांच में जुटी पुलिस

चंदौली: पुलवामा के आत्मघाती हमले में देश के 40 जवान शहीद हो गए थे. पाकिस्तान के इस कायराना हरकत ने चंदौली के लाल सीआरपीएफ के जवान अवधेश यादव को भी देश से छीन लिया था. 14 फरवरी 2020 को उनकी शहादत को एक साल पूरा हो गया, लेकिन शहादत पर जो वादे शासन और प्रशासन की तरफ से किए गए थे, वह कितने पूरे हो सके, इसकी हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम शहीद अवधेश के घर पहुंची.

वादा पूरा होने का आज भी राह ताक रहा परिवार.

चंदौली का लाल अवधेश यादव पुलवामा अटैक में हुआ था शहीद
14 जनवरी 2019 को पुलवामा में पाकिस्तान की हरकत के कारण देश के 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसमें चंदौली के बहादुरपुर निवासी शहीद अवधेश यादव भी शामिल थे. इस दुखद घटना की जानकारी के बाद हर कोई स्तब्ध था. शहीद के परिजनों में कोहराम मच गया था. उस दौरान शासन और प्रशासन दोनों की ओर से कई वादे किए गए थे, मगर उन वादों को शहादत के एक साल बाद भी पूरा नहीं किया जा सका है.

एक साल बीत गए, लेकिन नहीं पूरे हुए वादे
शहीद होने के बाद सांसद से लेकर मंत्री प्रभारी तक ने घर पहुंचकर शहीद अवधेश के परिवार से उनकी स्मृतियों को सजाने की बात कही थी. मगर वह तमाम वादे कही गायब सो हो गए. उस दौरान कई वादे किए गए थे, मगर आज एक साल पूरे होने के बाद भी वो वादे पूरे नहीं किए जा सके हैं.

शासन-प्रशासन कर रहा वादे पूरे करने की बात
परिवार का कहना है कि शहीद की पत्नी की नौकरी के अलावा जितने भी वादे किए गए थे, उनमें से कोई भी वादा सरकार और प्रशासन के प्रतिनिधियों ने पूरा नहीं किया. शहीद के पिता हरकेश यादव की माने तो एक साल पूरा होने को है और पूरा देश इस शहादत को नम आंखों से याद कर रहा है. शहीद की बरसी के दिन शासन प्रशासन के लोग उनके घर पहुंच रहे हैं और जल्द वादा पूरा करने की बात कह रहे हैं.

छह वादों में से कोई वादा नहीं हुआ पूरा
वहीं स्थानीय नागरिक हरिओम की माने तो उस दौरान छह प्रमुख वादे किए गए थे, जिसमें शहीद अवधेश के नाम स्टेडियम, उनके घर को जाने वाले प्रमुख मार्ग का नाम शहीद अवधेश के नाम पर रखे जाने की बात कही थी. इसके अलावा शहीद के भाई को नौकरी, शहीद अवधेश के नाम बालिका इंटर कॉलेज पड़ाव चौराहे, अवधेश की याद में स्मारक सहित तमाम वादे किए गए थे. लेकिन उनमें से कोई भी पूरा नहीं किया जा सका, जो शहीद की शहादत का अपमान है.

शहादत के एक साल बाद फिर से नम हुई परिवार कि आंखें
शहीद अवधेश के ससुर जनार्दन यादव उस पल को याद करके भावुक हो गए. उन्होंने उस समय विधायक, सांसद और मंत्री की ओर से किए गए वादे को याद करते हुए कहा कि बेटे ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दे दिया, लेकिन एक साल बाद भी शासन-प्रशासन के लोगों ने वादा पूरा करना तो दूर, हाल जाने की भी जहमत नहीं उठाई.

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