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Chandauli news: नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले को आजीवन कारावास, 6 साल बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला

चंदौली में विशेष न्यायाधीश ने 6 साल पहले नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास के साथ 25 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है.

चंदौली में विशेष न्यायाधीश
चंदौली में विशेष न्यायाधीश
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Published : Feb 8, 2023, 6:22 PM IST

चंदौली: विशेष न्यायाधीश पाक्सो राजेंद्र प्रसाद की अदालत ने बुधवार को दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही जुर्माना न देने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी. मामला बलुआ थाना से जुड़ा है. अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता पॉक्सो शमशेर बहादुर सिंह व अवधेश नारायण ने तर्क दिए थे.

अधिवक्ता शमशेर सिंह ने बताया कि वादी ने बलुआ थाने में रिपोर्ट लिखाई थी कि 'मैं अनुसूचित जाति का हूं. मेरी पुत्री (पीड़िता) उम्र करीब 14 वर्ष जो कक्षा दस की छात्रा है. 26 अगस्त 2017 की रात करीब आठ बजे जब मेरी पुत्री शौच के लिए सड़क की तरफ गई थी. उसी समय आरोपित रिंकू चौहान उर्फ विजय चौहान बाइक से आया और मेरी बेटी को जबरन उठाकर अज्ञात स्थान पर ले गया. रिंकू ने उसके साथ जबरदस्ती कमरे में दुष्कर्म किया. जिसके बाद उसको छोड़कर भाग गया.'

अधिवक्ता शमशेर सिंह ने बताया तहरीर के मुताबिक 27 अगस्त को सुबह दस बजे पीड़िता ने घर आकर परिजनों को घटना की जानकारी दी. जब वादी इस संबंध में पूछने के लिए आरोपित रिंकू के घर गया तो उसके दोस्त कमलेश व झुन्नू वहां मौजूद थे. रिंकू ने वादी को गाली देते हुए जान से मारने की धमकी दी. इसकी रिपोर्ट थाना बलुआ में आइपीसी की धाराओं में पॉक्सो और एससीएसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था.

जिसके बाद घटना के विशेष न्यायाधीश पाक्सो राजेन्द्र प्रसाद ने रिंकू उर्फ विजय चौहान को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 25 हजार अर्थदंड लगाया. अर्थदंड जमा न करने पर आरोपित को अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

यह भी पढ़ें: Kanpur News: 13 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाला शिक्षक गिरफ्तार

चंदौली: विशेष न्यायाधीश पाक्सो राजेंद्र प्रसाद की अदालत ने बुधवार को दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही जुर्माना न देने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी. मामला बलुआ थाना से जुड़ा है. अभियोजन की ओर से विशेष अधिवक्ता पॉक्सो शमशेर बहादुर सिंह व अवधेश नारायण ने तर्क दिए थे.

अधिवक्ता शमशेर सिंह ने बताया कि वादी ने बलुआ थाने में रिपोर्ट लिखाई थी कि 'मैं अनुसूचित जाति का हूं. मेरी पुत्री (पीड़िता) उम्र करीब 14 वर्ष जो कक्षा दस की छात्रा है. 26 अगस्त 2017 की रात करीब आठ बजे जब मेरी पुत्री शौच के लिए सड़क की तरफ गई थी. उसी समय आरोपित रिंकू चौहान उर्फ विजय चौहान बाइक से आया और मेरी बेटी को जबरन उठाकर अज्ञात स्थान पर ले गया. रिंकू ने उसके साथ जबरदस्ती कमरे में दुष्कर्म किया. जिसके बाद उसको छोड़कर भाग गया.'

अधिवक्ता शमशेर सिंह ने बताया तहरीर के मुताबिक 27 अगस्त को सुबह दस बजे पीड़िता ने घर आकर परिजनों को घटना की जानकारी दी. जब वादी इस संबंध में पूछने के लिए आरोपित रिंकू के घर गया तो उसके दोस्त कमलेश व झुन्नू वहां मौजूद थे. रिंकू ने वादी को गाली देते हुए जान से मारने की धमकी दी. इसकी रिपोर्ट थाना बलुआ में आइपीसी की धाराओं में पॉक्सो और एससीएसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था.

जिसके बाद घटना के विशेष न्यायाधीश पाक्सो राजेन्द्र प्रसाद ने रिंकू उर्फ विजय चौहान को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 25 हजार अर्थदंड लगाया. अर्थदंड जमा न करने पर आरोपित को अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

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