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विवाहिता की हत्या मामले में पति समेत दो दोषियों को आजीवन कारावास

चंदौली की अदालत ने 2018 में विवाहिता की मौत के मामले में दो दोषियों को आजीवन कारावास के साथ 20-20 हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. वहीं, 5 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है.

चंदौली की अदालत
चंदौली की अदालत
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Published : Jul 1, 2022, 10:19 PM IST

चंदौली: अपर सत्र न्यायाधीश-1 राजेंद्र प्रसाद की अदालत ने हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए शुक्रवार को दो आरोपियों को दोषी करार दिया. न्यायालय ने दोषियों को आजीवन कारावास के साथ 20-20 हजार रुपये का अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. अर्थदण्ड की धनराशि का भुगतान नहीं करने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. इसके अलावा न्यायालय ने दोषियों को सबूत मिटाने का भी दोषी ठहराते हुए तीन-तीन साल की कठोर सजा और पांच-पांच हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया. अर्थदण्ड नहीं देने पर तीन-तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. जबकि 5 अन्य लोगों को बरी कर दिया गया.

दरअसल, मुकदमा वादी पीड़ित राजेंद्र यादव की पुत्री चंद्रकला उर्फ उर्मिला की शादी 2018 चकिया थाना क्षेत्र के पंचफेड़िया निवासी पंकज के साथ हुई थी. शादी के बाद चंद्रकला ने 7 अगस्त 2018 को अपनी मां को फोन करके बताया कि उसके पति, सास, ससुर, जेठ, ननद ने पिटाई की है. ससुराल वाले दहेज में पचास हजार रुपये मांग रहे है. 9 दिसंबर 2018 को चंद्रकला का पति पंकज पीड़ित राजेंद्र के घर पहुंचा और बताया कि उसकी बेटी को इलाज के लिए चकिया सरकारी अस्पताल गया था. जहां से चंद्रकला कहीं चली गई है.

तलाशी के दौरान मायके वालों को सूचना मिली कि उसके ससुराल वालों ने मारपीट कर दहेज के लिए महिला की हत्या कर दी है. वहीं, शव को भी गंगा नदी में फेंक दिया है. परिजनों की तहरीर पर चकिया थाने में मुकदमा दर्ज किया गया. इस मामले में विवाहिता का पति पंकज व भाई रामाज्ञा हत्या और सुबूत मिटाने के आरोप में दोषी पाए गए.

यह भी पढे़ं:नवविवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, मायके वालों ने लगाया हत्या का आरोप

इस दौरान विचारण दहेज उत्पीड़न, दहेज मांगना साबित नहीं हुआ. लिहाजा न्यायालय ने आरोपी रामनरेश, तीजा देवी, सुरेन्द्र बीडीसी, महेंद्र एवं रामाश्रय को दोषमुक्त करार दिया. अभियोजन की ओर से मुकदमे की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजय कुमार त्रिपाठी ने की.

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चंदौली: अपर सत्र न्यायाधीश-1 राजेंद्र प्रसाद की अदालत ने हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए शुक्रवार को दो आरोपियों को दोषी करार दिया. न्यायालय ने दोषियों को आजीवन कारावास के साथ 20-20 हजार रुपये का अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. अर्थदण्ड की धनराशि का भुगतान नहीं करने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. इसके अलावा न्यायालय ने दोषियों को सबूत मिटाने का भी दोषी ठहराते हुए तीन-तीन साल की कठोर सजा और पांच-पांच हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया. अर्थदण्ड नहीं देने पर तीन-तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. जबकि 5 अन्य लोगों को बरी कर दिया गया.

दरअसल, मुकदमा वादी पीड़ित राजेंद्र यादव की पुत्री चंद्रकला उर्फ उर्मिला की शादी 2018 चकिया थाना क्षेत्र के पंचफेड़िया निवासी पंकज के साथ हुई थी. शादी के बाद चंद्रकला ने 7 अगस्त 2018 को अपनी मां को फोन करके बताया कि उसके पति, सास, ससुर, जेठ, ननद ने पिटाई की है. ससुराल वाले दहेज में पचास हजार रुपये मांग रहे है. 9 दिसंबर 2018 को चंद्रकला का पति पंकज पीड़ित राजेंद्र के घर पहुंचा और बताया कि उसकी बेटी को इलाज के लिए चकिया सरकारी अस्पताल गया था. जहां से चंद्रकला कहीं चली गई है.

तलाशी के दौरान मायके वालों को सूचना मिली कि उसके ससुराल वालों ने मारपीट कर दहेज के लिए महिला की हत्या कर दी है. वहीं, शव को भी गंगा नदी में फेंक दिया है. परिजनों की तहरीर पर चकिया थाने में मुकदमा दर्ज किया गया. इस मामले में विवाहिता का पति पंकज व भाई रामाज्ञा हत्या और सुबूत मिटाने के आरोप में दोषी पाए गए.

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इस दौरान विचारण दहेज उत्पीड़न, दहेज मांगना साबित नहीं हुआ. लिहाजा न्यायालय ने आरोपी रामनरेश, तीजा देवी, सुरेन्द्र बीडीसी, महेंद्र एवं रामाश्रय को दोषमुक्त करार दिया. अभियोजन की ओर से मुकदमे की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजय कुमार त्रिपाठी ने की.

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