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सीमेंट कारोबारी के घर जांच जारी, करोड़ों के टैक्स चोरी का मामला - केजीएस ग्रुप

चंदौली जिले के प्रमुख व्यवसायी विष्णुकांत अग्रवाल के यहां गुरुवार को छापेमारी जारी रही. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जबलपुर के जॉईंट डायरेक्टर आशीष कुमार ने बताया कि करोड़ों के टैक्स चोरी का मामला खुल सकता है. अभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है.

सीमेंट कारोबारी के घर जांच
सीमेंट कारोबारी के घर जांच
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Published : Dec 11, 2020, 2:44 AM IST

चंदौलीः सीमेंट व्यवसायी विष्णुकांत अग्रवाल के घर गुरुवार को भी छापेमारी जारी रही. मामले में बड़े स्तर पर टैक्स चोरी का खेल सामने आया है. सीमेंट बनाने के लिए क्लींकर खरीद में बड़े पैमाने पर टैक्स की हेराफेरी की ‌शिकायत पर मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित आयकर विभाग के जॉईंट डायरेक्टर आशीष कुमार डेहरिया के निर्देश पर चंदौली और गोरखपुर जिले के सीमेंट फैक्ट्री संचालकों के यहां छापेमारी की जा रही है.

क्लींकर खरीद में जीएसटी चोरी
दीनदयाल नगर के बड़े कारोबारी विक्रम चौधरी और विष्णुकांत अग्रवाल समेत गोरखपुर जिले के सीमेंट फैक्ट्री संचालक सुनील कुमार नकद रुपये देकर केजीए ग्रुप से क्लींकर की खरीद करते थे. नकद खरीद के दौरान जीएसटी चोरी होती थी.

इनकम टैक्स की चोरी
आरोप है कि क्लींकर से सीमेंट बनाकर उसे नकद ही बेच दिया जाता था. इस पूरे मामले में जीएसटी के साथ सीमेंट बेचकर हुए मुनाफे पर भी टैक्स चोरी की जाती है.

केजीएस ग्रुप से होती है क्लींकर की खरीद
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जबलपुर के ज्वाईंट डायरेक्टर आशीष कुमार डेहरिया ने बताया कि केजीएस ग्रुप का सतना में 500 हेक्टेयर से ज्यादा एरिया में प्लांट फैला है. जहां लाइम स्टोन की दर्जन भर माइन्स हैं. इन माइन्स से निकलने वाले लाइम स्टोन से क्लींकर तैयार किया जाता है. क्लींकर के साथ जिप्सम और अन्य केमिकल मिलाकर सीमेंट तैयार होता है. जिसे ब्रांड नेम के साथ मार्केट में बेचा जाता है.

करोड़ों के टैक्स चोरी का हो सकता है खुलासा
जॉईंट डायरेक्टर आशीष कुमार ने बताया कि सतना स्थित केजीएस ग्रुप सीमेंट इंडिया लिमिटेड के यहां से बड़े पैमाने में क्लींकर की नकद खरीद की जा रही थी. खरीद के दस्तावेजों के आधार पर इसका मूल्यांकन किया जा रहा है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. दो से तीन करोड़ रुपये के टैक्स चोरी का मामला खुल सकता है.

नकली सीमेंट बनाने के खेल में रहे हैं शामिल
पिछले दिनों भी बीजेपी नेता विष्णुकांत अग्रवाल और विक्रम चौधरी के खिलाफ नकली ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर मुकदमा दर्ज कराया गया था. 2018 में कंपनी के मैनेजर की शिकायत पर मुगलसराय कोतवाली में रामनगर स्थित भारत फैक्टरी में छापेमारी करते हुए भारी मात्रा में नकली अम्बुजा और एसीसी सीमेंट बनाए जाने का खेल उजागर किया था. जिसमें कॉपी राइट एक्ट के तहत धारा 63, 65 और 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

चंदौलीः सीमेंट व्यवसायी विष्णुकांत अग्रवाल के घर गुरुवार को भी छापेमारी जारी रही. मामले में बड़े स्तर पर टैक्स चोरी का खेल सामने आया है. सीमेंट बनाने के लिए क्लींकर खरीद में बड़े पैमाने पर टैक्स की हेराफेरी की ‌शिकायत पर मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित आयकर विभाग के जॉईंट डायरेक्टर आशीष कुमार डेहरिया के निर्देश पर चंदौली और गोरखपुर जिले के सीमेंट फैक्ट्री संचालकों के यहां छापेमारी की जा रही है.

क्लींकर खरीद में जीएसटी चोरी
दीनदयाल नगर के बड़े कारोबारी विक्रम चौधरी और विष्णुकांत अग्रवाल समेत गोरखपुर जिले के सीमेंट फैक्ट्री संचालक सुनील कुमार नकद रुपये देकर केजीए ग्रुप से क्लींकर की खरीद करते थे. नकद खरीद के दौरान जीएसटी चोरी होती थी.

इनकम टैक्स की चोरी
आरोप है कि क्लींकर से सीमेंट बनाकर उसे नकद ही बेच दिया जाता था. इस पूरे मामले में जीएसटी के साथ सीमेंट बेचकर हुए मुनाफे पर भी टैक्स चोरी की जाती है.

केजीएस ग्रुप से होती है क्लींकर की खरीद
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जबलपुर के ज्वाईंट डायरेक्टर आशीष कुमार डेहरिया ने बताया कि केजीएस ग्रुप का सतना में 500 हेक्टेयर से ज्यादा एरिया में प्लांट फैला है. जहां लाइम स्टोन की दर्जन भर माइन्स हैं. इन माइन्स से निकलने वाले लाइम स्टोन से क्लींकर तैयार किया जाता है. क्लींकर के साथ जिप्सम और अन्य केमिकल मिलाकर सीमेंट तैयार होता है. जिसे ब्रांड नेम के साथ मार्केट में बेचा जाता है.

करोड़ों के टैक्स चोरी का हो सकता है खुलासा
जॉईंट डायरेक्टर आशीष कुमार ने बताया कि सतना स्थित केजीएस ग्रुप सीमेंट इंडिया लिमिटेड के यहां से बड़े पैमाने में क्लींकर की नकद खरीद की जा रही थी. खरीद के दस्तावेजों के आधार पर इसका मूल्यांकन किया जा रहा है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. दो से तीन करोड़ रुपये के टैक्स चोरी का मामला खुल सकता है.

नकली सीमेंट बनाने के खेल में रहे हैं शामिल
पिछले दिनों भी बीजेपी नेता विष्णुकांत अग्रवाल और विक्रम चौधरी के खिलाफ नकली ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर मुकदमा दर्ज कराया गया था. 2018 में कंपनी के मैनेजर की शिकायत पर मुगलसराय कोतवाली में रामनगर स्थित भारत फैक्टरी में छापेमारी करते हुए भारी मात्रा में नकली अम्बुजा और एसीसी सीमेंट बनाए जाने का खेल उजागर किया था. जिसमें कॉपी राइट एक्ट के तहत धारा 63, 65 और 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया था.

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