ETV Bharat / state

बेमौसम बारिश के बाद भुखमरी की कगार पर किसान, प्रशासन से मुआवजे के मरहम की आस - chandauli latest news

उत्तर प्रदेश के चंदौली में भारी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. ऐसे में किसान भुखमरी की कगार पर आ गए हैं. किसानों का कहना है कि अब सरकार हम लोगों के नुकसान का आंकलन करके उसका उचित मुआवजा दे.

etv bharat
बेमौसम बरसात में बर्बाद हुई किसानों की फसल.
author img

By

Published : Dec 25, 2019, 11:33 PM IST

चन्दौली: जिले में पिछले दिनों हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण धान की फसल बर्बाद हो गई. बेमौसम हुई इस बारिश की वजह से धान की फसल खराब होने के साथ ही गेंहू की बुआई भी पिछड़ रही है. ऐसे में किसानों को प्रकृति की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है और किसानों के मुनीम कहे जाने वाले लेखपाल हड़ताल पर बैठे हैं.

बेमौसम बरसात में बर्बाद हुई किसानों की फसल.

बेमौसम बरसात में बर्बाद हुई किसानों की फसल

बेमौसम हुई बरसात से किसानों की तैयार फसल बर्बाद हो गई. वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन भी किसानों की कोई सुध नहीं ले रहा है. किसान इस इन्तजार में हैं कि प्रशासन का कोई नुमाइंदा आएगा और नुकसान का सर्वेक्षण कर उसपर मुआवजे का मरहम लगाएगा.

जानिए पीड़ित किसानों ने क्या कहा

प्रकृति की मार झेल रहे किसानों से ईटीवी भारत ने बात करने का प्रयास किया तो उनका दर्द बरबस ही छलक आया. किसानों ने बताया कि खेती ही उनकी आमदनी का एकमात्र सहारा है. लेकिन मौसम की बेरुखी से वो भी बर्बाद हो गई, जिससे हमारा परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है. किसानों का कहना है कि अब सरकार हम लोगों के नुकसान का आंकलन करके उसका उचित मुआवजा दे.

केवल बीमित किसानों का हो रहा सर्वेक्षण

कृषि विभाग अभी सिर्फ उन्हीं किसानों का सर्वेक्षण में जुटा है जो कि बीमित है. चन्दौली जिले में कुल 1 लाख 91 हजार किसान है, जिसमें से मात्र 23 हजार किसान ही बीमित है. ऐसे में बीमित किसानों का सर्वेक्षण कर और उनके नुकसान का आंकलन करके बीमा की धनराशि दी जाएगी.

ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि कृषि विभाग सिर्फ बीमित किसानों का ही सर्वेक्षण कर लाभ देगा, जिनकी संख्या मात्र 23 हजार है. फिर उन किसानों का क्या होगा जिनका बीमा नहीं हुआ है और फसल बर्बाद हो गई है?

चन्दौली: जिले में पिछले दिनों हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण धान की फसल बर्बाद हो गई. बेमौसम हुई इस बारिश की वजह से धान की फसल खराब होने के साथ ही गेंहू की बुआई भी पिछड़ रही है. ऐसे में किसानों को प्रकृति की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है और किसानों के मुनीम कहे जाने वाले लेखपाल हड़ताल पर बैठे हैं.

बेमौसम बरसात में बर्बाद हुई किसानों की फसल.

बेमौसम बरसात में बर्बाद हुई किसानों की फसल

बेमौसम हुई बरसात से किसानों की तैयार फसल बर्बाद हो गई. वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन भी किसानों की कोई सुध नहीं ले रहा है. किसान इस इन्तजार में हैं कि प्रशासन का कोई नुमाइंदा आएगा और नुकसान का सर्वेक्षण कर उसपर मुआवजे का मरहम लगाएगा.

जानिए पीड़ित किसानों ने क्या कहा

प्रकृति की मार झेल रहे किसानों से ईटीवी भारत ने बात करने का प्रयास किया तो उनका दर्द बरबस ही छलक आया. किसानों ने बताया कि खेती ही उनकी आमदनी का एकमात्र सहारा है. लेकिन मौसम की बेरुखी से वो भी बर्बाद हो गई, जिससे हमारा परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है. किसानों का कहना है कि अब सरकार हम लोगों के नुकसान का आंकलन करके उसका उचित मुआवजा दे.

केवल बीमित किसानों का हो रहा सर्वेक्षण

कृषि विभाग अभी सिर्फ उन्हीं किसानों का सर्वेक्षण में जुटा है जो कि बीमित है. चन्दौली जिले में कुल 1 लाख 91 हजार किसान है, जिसमें से मात्र 23 हजार किसान ही बीमित है. ऐसे में बीमित किसानों का सर्वेक्षण कर और उनके नुकसान का आंकलन करके बीमा की धनराशि दी जाएगी.

ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि कृषि विभाग सिर्फ बीमित किसानों का ही सर्वेक्षण कर लाभ देगा, जिनकी संख्या मात्र 23 हजार है. फिर उन किसानों का क्या होगा जिनका बीमा नहीं हुआ है और फसल बर्बाद हो गई है?

Intro:चन्दौली - धान के कटोरे चन्दौली में पिछले दिनों हुई भारी बारिश और ओलावृष्टी के चलते धान की फसल बर्बाद हो गई. बेमौसम हुई इस बारिश के चलते धान की फसल खराब होने के साथ ही गेंहू की बुआई भी पिछड़ रही है. ऐसे में किसानों को प्रकृति की दोहरी मार झेलना पड़ रहा है. लेकिन उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. जिला प्रशासन caa और nrc जैसे संवेदनशील मुद्दे पर जारी गतिरोध को हैंडल करने में जुटा है. तो वहीं किसानों मुनीम यानी लेखपाल हड़ताल पर बैठे है.

Body:एक तरफ जहां बारिश से किसानों की फसल बर्बाद हो गई. वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन भी बेरुखी दिखा रहा है. किसान अपने खेतों में खड़ा इस इन्तेजार में है कि शासन प्रशासन का कोई नुमाइंदा आएगा और नुकसान का सर्वेक्षण कर मुआवजे का मरहम लगाएगा.

वहीं प्रकृति की मार झेल रहे किसानों से इन बाबत बात करने का प्रयास किया तो उनका दर्द बर्बस ही झलक गया. उनका कहना है कि खेती ही उनके आमदनी का एकमात्र सहारा है. लेकिन मौसम की बेरुखी से वो भी बर्बाद हो गया. जिससे हमारा परिवार भुखमरी की कगार पर पहुँच गया है. अब सरकार हम लोगों के नुकसान का आंकलन करके उचित मुआवजा दे.

कृषि विभाग अभी सिर्फ उन्ही किसानों का सर्वे कराने में जुटा है जो बीमित है. चन्दौली जिले में कुल 1 लाख 91 हजार किसान है. जिसमें से मात्र 23 हजार किसान ही बीमित है. यानी प्रधामनंत्री किसान बीमा योजना से आच्छादित है. जिनका सर्वेक्षण कर नुकसान का आंकलन कर बीमा की धनराशि दी जाएगी.

ऐसे में बड़ा सवाल ये है कृषि विभाग सिर्फ बीमित किसानों का ही सर्वेक्षण कर लाभ देगा. जिनकी संख्या मात्र 23 हजार है. लेकिन उन किसानों का क्या होगा जिनका बीमा नहीं हुआ है और फसल बर्बाद हो गई है.

बाइट - अरबिंद (किसान)
बाइट - जितेंद्र (किसान)
बाइट - विजय सिंह (कृषि उपनिदेशक)Conclusion:Kamlesh giri
Chandauli
9452845730

Note - send by wrap
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.